शिमला: प्रदेश में कला से जुड़े विषयों की शिक्षा देने के लिए खोले गए एक मात्र फाइन आर्ट कॉलेज की हालत कॉलेज खुलने के चार साल बाद भी नहीं बदल पाई है. हालात यह है कि यह कॉलेज अभी भी कोटशेरा डिग्री कॉलेज के भवन में ही चल रहा है और इसके लिए अपना भवन तक तैयार नहीं हो पाया है. अब इस कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र परेशान हैं और इनकी लंबे समय से चली आ रही एक भी मांग पूरी नहीं हो पाई है.
वर्ष 2015 में शुरू हुए कॉलेज के पास अभी तक अपना भवन नहीं है. डिग्री कॉलेज चौड़ा मैदान के भवन में कक्षाओं को चलाया जा रहा है. जबकि प्रदेश सरकार व प्रशासन ने कॉलेज खोलते समय यह ऐलान किया था कि जल्द से जल्द फाइन आर्ट का भवन तैयार किया जाएगा. तीन साल बीत जाने के बाद भी कॉलेज के भवन को बनाने के लिए अभी भी जमीन तलाशने का काम किया जा रहा है. अब यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों का सब्र का बांध टूट चुका है और छात्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
छात्र अपनी मांगों को लेकर कॉलेज के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और छात्रों ने ऐलान कर दिया है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि उनकी सारी मांगें पूरी नहीं हो जाती है. छात्रों की मांग है कि कॉलेज को अपना भवन जल्द से जल्द दिया जाए. हालांकि सरकार की ओर से इस कॉलेज के भवन को बनाने के लिए शिमला से लगभग 30 किलोमीटर दूर जमीन तय की गई थी. वहां पर भी वन विभाग से भवन बनाने के लिए अनुमति नहीं मिल पाई है.
फाइन आर्ट कॉलेज हिमाचल प्रदेश का पहला कॉलेज है. सरकार ने आर्ट कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए शिमला में इस कॉलेज को खोला है. फाइन आर्ट कॉलेज राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा के ऑडिटोरियम वाले भवन के ग्राउंड फ्लोर में चलाया जा रहा है. प्रशासन के कहने पर कॉलेज प्रशासन ने फाइन आर्ट कॉलेज को छह से आठ कमरे कक्षाओं को लगाने के लिए दे तो दिए हैं लेकिन वो काफी नहीं है.
छात्र जहां भवन ना मिलने से निराश है, वहीं उन्हें फाइन आर्ट का प्रथम सत्र शुरू होने से पहले प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि कॉलेज को जल्द ही पूरा स्टाफ, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एमएफए की मास्टर डिग्री दी जाएगी. अब तक उसमें से एक भी वादा पूरा नहीं हो पाया है. छात्रों को मास्टर डिग्री के बजाए बैचलर डिग्री ही दी जा रही है. फाइन आर्ट कॉलेज के छात्रों को यदि विवि प्रशासन की ओर से मास्टर डिग्री न दी गई तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है.
प्रदेश के पहले फाइन आर्ट कॉलेज चौड़ा मैदान में 90 प्रतिशत छात्र बाहरी राज्य के शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जबकि हिमाचल के 10 प्रतिशत छात्र ही यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. कॉलेज में अभी लगभग 150 के करीब छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. कॉलेज से पहले बैच के छात्र इसी साल पास आउट हो जाएंगे, जबकि इसी साल मई में चौथे बैच की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कॉलेज में जो छात्र हैं उन्हें पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक भी उपलब्ध नहीं है. कॉलेज में लगभग 8 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं. पेंटिंग, अप्लाइड आर्ट, स्कलचर विषय को पढ़ाने के लिए दो-दो शिक्षकों की जरूरत होती है. जबकि कॉलेज में एक-एक शिक्षक ही इन विषय को पढ़ा रहे हैं.
कॉलेज में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से एक अरविंद ने कहा कि कॉलेज में एक समस्या नहीं बल्कि अनेक समस्याएं है. उन्होंने कहा कि वह और उन जैसे कई छात्र पंजाब से इस कॉलेज में पढ़ने के लिए आए हैं. चार साल का समय भी बीत चुका है लेकिन ना तो कॉलेज का अपना भवन बना है, ना ही इन्फ्रास्ट्रक्चर है और ना ही शिक्षक मिल पा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि जब उन्होंने प्रवेश लिया था तो उस समय छात्रों को कहा गया था कि उन्हें चार साल में मास्टर की डिग्री दी जाएगी. लेकिन अब चार साल बीतने को है और अब प्रशासन उन्हें बैचलर की डिग्री देने की ही बात कर रही है. जो कि छात्रों के साथ धोखा है.
उन्होंने कहा कि अब जो छात्र बाहर से यहां पढ़ने आए हैं. उन्हें हिमाचल में रूसा लागू होने और बैचलर डिग्री रूसा में मिलने की वजह से मास्टर डिग्री में बाहर प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. अब छात्रों ने मांग की है कि उन्हें बैचलर डिग्री ना देकर मास्टर डिग्री यानि कि एमएफए की डिग्री दी जाए. साथ ही कॉलेज का अपना भवन और शिक्षक भी जल्द से जल्द मुहैया करवाए जाएं. फाइन आर्ट कॉलेज चौड़ा मैदान के छात्रों ने प्रदेश सरकार, विवि प्रशासन व कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि छात्रों को मास्टर डिग्री नहीं दी गई तो अनिश्चितकाल तक धरना-प्रदर्शन करेंगे.