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अब सरकारी स्कूल के बच्चे बोलेंगे 'स्मार्ट इंग्लिश', विद्यालयों में दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग

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Published : Jul 9, 2019, 10:11 AM IST

कार्यक्रम में शिमला शहर के आसपास के स्कूलों ने भी भाग लिया जिनमें यह एक्सेस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. कायर्क्रम में लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के छात्रों ने अंग्रेजी भाषा में लघु नाटक, कविताओं और गीतों की प्रस्तुतियां दी.

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शिमला: राजधानी शिमला के स्कूलों में बच्चों के इंग्लिश स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर करने के लिए एक्सेस प्रोग्राम के तहत छात्रों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान दिया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत संस्था ने स्कूली छात्रों को अंग्रेजी भाषा की बारीकियां सिखाने के साथ ही उन्हें इंग्लिश एक्सेस माइक्रो स्कॉलरशिप भी दी जी रही है. कार्यक्रम में शिक्षा विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए.

यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी भाषा में पकड़ बनाने के लिए कक्षाएं लगा रहे हैं. कार्यक्रम के तहत अभी प्रदेश के 6 सरकारी स्कूलों का ही चयन किया गया है, जिसमें छात्रों की सुविधा के तहत स्कूल लगने से पहले या छुट्टी होने के बाद छात्रों को अलग से कक्षाएं दी जाती है.

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सरकार ने सरकारी स्कूलों में भी पहली कक्षा से अंग्रेजी भाषा को पढ़ाने का फैसला किया है जिससे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अंग्रेजी भाषा में दक्ष हो सकें. सरकार का प्रयास है कि डायट केन्द्रों में शिक्षकों को भी इंग्लिश की ट्रेनिंग दी जाए जिससे कि उनकी इंग्लिश भाषा में अधिक दक्षता हो और आगे स्कूलों में वो बच्चों को भी बेहतर शिक्षा दे सकें.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कहा कि वैसे तो वे अंग्रेजी भाषा के पक्षधर नहीं हैं लेकिन आज की आवश्यकता और रोजगार की जरूरतों को देखते हुए स्कूल के बच्चों को इंग्लिश भाषा आनी चाहिए. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित भी किया. कार्यक्रम में यूएस एंबेसी की क्षेत्रीय भाषा अधिकारी मरिया सनारस्की,राज्य परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान आशिष कोहली सहित स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार सूद सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.

शिमला: राजधानी शिमला के स्कूलों में बच्चों के इंग्लिश स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर करने के लिए एक्सेस प्रोग्राम के तहत छात्रों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान दिया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत संस्था ने स्कूली छात्रों को अंग्रेजी भाषा की बारीकियां सिखाने के साथ ही उन्हें इंग्लिश एक्सेस माइक्रो स्कॉलरशिप भी दी जी रही है. कार्यक्रम में शिक्षा विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए.

यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी भाषा में पकड़ बनाने के लिए कक्षाएं लगा रहे हैं. कार्यक्रम के तहत अभी प्रदेश के 6 सरकारी स्कूलों का ही चयन किया गया है, जिसमें छात्रों की सुविधा के तहत स्कूल लगने से पहले या छुट्टी होने के बाद छात्रों को अलग से कक्षाएं दी जाती है.

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सरकार ने सरकारी स्कूलों में भी पहली कक्षा से अंग्रेजी भाषा को पढ़ाने का फैसला किया है जिससे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अंग्रेजी भाषा में दक्ष हो सकें. सरकार का प्रयास है कि डायट केन्द्रों में शिक्षकों को भी इंग्लिश की ट्रेनिंग दी जाए जिससे कि उनकी इंग्लिश भाषा में अधिक दक्षता हो और आगे स्कूलों में वो बच्चों को भी बेहतर शिक्षा दे सकें.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कहा कि वैसे तो वे अंग्रेजी भाषा के पक्षधर नहीं हैं लेकिन आज की आवश्यकता और रोजगार की जरूरतों को देखते हुए स्कूल के बच्चों को इंग्लिश भाषा आनी चाहिए. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित भी किया. कार्यक्रम में यूएस एंबेसी की क्षेत्रीय भाषा अधिकारी मरिया सनारस्की,राज्य परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान आशिष कोहली सहित स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार सूद सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.

Intro:राजधानी शिमला के स्कूलों में बच्चों के इंग्लिश स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर करने के लिए एक्सेस प्रोग्राम के तहत छात्रों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत लर्निंग लिंक फाउंडेशन स्कूली छात्रों को इंग्लिश भाषा की बारीकियां सिखाने के साथी उन्हें इंग्लिश एक्सेस माइक्रो स्कॉलरशिप भी दे रही है। इसी के तहत लर्निंग फाउंडेशन के इंग्लिश एक्सेस माइक्रो स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन शिमला की पोर्टमोर स्कूल में किया। इस कार्यक्रम में शिमला शहर के आसपास के स्कूलों ने भी भाग लिया जिनमें यह एक्सेस प्रोग्राम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत जो बच्चे अंग्रेजी भाषा का ज्ञान दे रहे हैं उन्होंने कार्यक्रम में अलग-अलग तरह की प्रस्तुतियां भी दी। कार्यक्रम में शिक्षा विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए । उन्होंने कहा कि लर्निंग लिंक फाउंडेशन एक स्वयंसेवी संस्था है जिसकी फंडिंग यूएस एंबेसी द्वारा की जा रही है।


Body:संस्था सरकारी स्कूलों के गरीब और प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाने के लिए कक्षाए लगा रहे हैं। बता दें की इस कार्यक्रम के तहत अभी प्रदेश के 6 सरकारी स्कूलों का ही चयन किया गया है, जिसमें छात्रों की सुविधा के तहत स्कूल लगने से पहले या छुट्टी होने के बाद छात्रों को अलग से कक्षाएं दी जाती है। उन्होंने कहा कि वैसे तो अंग्रेजी भाषा के पक्षधर नहीं हैं लेकिन आज की आवश्यकता और रोजगार की जरूरतों को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि स्कूली बच्चे अंग्रेजी भाषा में भी दक्ष हो। इसी के तहत प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में भी पहली कक्षा से अंग्रेजी भाषा को पढ़ाने का निर्णय लिया जिससे कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अंग्रेजी भाषा में दक्ष हो सके।उन्होंने कहा कि यह प्रयास है कि प्रदेश के डायट केन्द्रों में शिक्षकों को भी इंग्लिश सिल्क्स की ट्रेनिंग दी जाए जिससे कि उनकी इंग्लिश भाषा में अधिक दक्षता हो और आगे स्कूलों में वो बच्चों को भी बेहतर शिक्षा दे सकें।


Conclusion:कायर्क्रम में लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के छात्रों ने अंग्रेजी भाषा में लघु नाटक,कविताओं ओर गीतों की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में यूएस एंबेसी की क्षेत्रीय भाषा अधिकारी मरिया सनारस्की,राज्य परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान आशिष कोहली सहित स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार सूद सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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