ETV Bharat / state

राजधानी में नहीं थम रहा बंदरों का आतंक, 60 वर्षीय बुजुर्ग को किया लहूलुहान

जिले के टुटू बाजार में 60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने हमला कर दिया, जिससे बुजुर्ग के सिर पर गंभीर चोट आई है.

60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने किया हमला
author img

By

Published : Apr 20, 2019, 9:38 AM IST

शिमला: राजधानी में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को टुटू बाजार में 60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने हमला कर दिया, जिससे बुजुर्ग के सिर पर गंभीर चोट आई है. घायल अवस्था में बुजुर्ग को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने पहले एक ही दिन में बंदरों ने शहर के विभिन्न जगह पर 30 लोगों को काटा था. बंदर के काटने के मामले जाखू, ढली, पुराना बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार व कसु पटी टुटू व घणाहट्टी से आ रहे हैं. वहीं, अगर शिमला अस्पताल की बात की जाए, तो रोज 4 मामले बंदर के काटने के आते है.

ये भी पढ़ें: सतपाल सत्ती पर चला चुनाव आयोग का डंडा, 48 घंटे तक नहीं कर पाएंगे किसी भी तरह का प्रचार

शिमला में बंदरों के आतंक से लोगों का रास्ते से गुजरना तक मुश्किल हो गया है. वहीं, आईजीएमसी मार्ग कालीबाड़ी, जाखू, संजौली, नवबहार इलाके में बंदरों का इतना कहर है की लोगों को हाथ में डंडा या फिर पत्थर लेकर चलना पड़ता है.

बता दें कि हाल ही में बंदरों को प्रदेश द्वारा वर्मिन घोषित किया गया है. इसके बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा आतंकी बंदरों से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. खासकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के बीच डर का माहौल है और उन्हें स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Monkey attacked on 60 years old men
60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने किया हमला

आईजीएमसी एमएस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि लोगों को बंदरों से घबराने की जरुरत नहीं है. अस्पताल में उपचार के पूरे साधन है. जैसे ही किसी लोगों को बंदर काटता है तो वे अपना उपचार करवाने तुरंत अस्पताल में आए.

ये भी पढ़ें: त्रिपोली पर कब्जे को लेकर जंग, 200 से ज्यादा की मौत

शिमला ग्रामीण डीएफओ सुशील राणा ने बताया कि वाईल्ड लाइफ द्वारा स्कूलों में अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे खाने की चीजें और कूड़े को खुले में न फेंके. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बंदरो के काटने का इलाज फ्री किया जा रहा है. वहीं अगर माईनर इंजरी होती है तो वन विभाग की तरफ से 10 हजार रुपये और मेजर इंजरी पर 75 हजार रुपये देने का प्रावधान है.

शिमला: राजधानी में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को टुटू बाजार में 60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने हमला कर दिया, जिससे बुजुर्ग के सिर पर गंभीर चोट आई है. घायल अवस्था में बुजुर्ग को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने पहले एक ही दिन में बंदरों ने शहर के विभिन्न जगह पर 30 लोगों को काटा था. बंदर के काटने के मामले जाखू, ढली, पुराना बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार व कसु पटी टुटू व घणाहट्टी से आ रहे हैं. वहीं, अगर शिमला अस्पताल की बात की जाए, तो रोज 4 मामले बंदर के काटने के आते है.

ये भी पढ़ें: सतपाल सत्ती पर चला चुनाव आयोग का डंडा, 48 घंटे तक नहीं कर पाएंगे किसी भी तरह का प्रचार

शिमला में बंदरों के आतंक से लोगों का रास्ते से गुजरना तक मुश्किल हो गया है. वहीं, आईजीएमसी मार्ग कालीबाड़ी, जाखू, संजौली, नवबहार इलाके में बंदरों का इतना कहर है की लोगों को हाथ में डंडा या फिर पत्थर लेकर चलना पड़ता है.

बता दें कि हाल ही में बंदरों को प्रदेश द्वारा वर्मिन घोषित किया गया है. इसके बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा आतंकी बंदरों से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. खासकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के बीच डर का माहौल है और उन्हें स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Monkey attacked on 60 years old men
60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने किया हमला

आईजीएमसी एमएस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि लोगों को बंदरों से घबराने की जरुरत नहीं है. अस्पताल में उपचार के पूरे साधन है. जैसे ही किसी लोगों को बंदर काटता है तो वे अपना उपचार करवाने तुरंत अस्पताल में आए.

ये भी पढ़ें: त्रिपोली पर कब्जे को लेकर जंग, 200 से ज्यादा की मौत

शिमला ग्रामीण डीएफओ सुशील राणा ने बताया कि वाईल्ड लाइफ द्वारा स्कूलों में अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे खाने की चीजें और कूड़े को खुले में न फेंके. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बंदरो के काटने का इलाज फ्री किया जा रहा है. वहीं अगर माईनर इंजरी होती है तो वन विभाग की तरफ से 10 हजार रुपये और मेजर इंजरी पर 75 हजार रुपये देने का प्रावधान है.

सड़क पर जा रहे ब्यक्ति पर  बंदरों का हमला, घायल
सिर पर चोटें आने के चलते अस्पताल में करवाया उपचार
अस्पतालों रोजाना आ रहे बंदरों के काटने के 4 से 5 मामले  
शिमला ।
राजधानी में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन लोगों को बंदरों से निजाद मिलती नजर नहीं आ रही है। शुक्रवार को भी टुटू बाजार में 60 वर्षीय  नागेंद्र गुप्ता  पर हमला कर दिया। व्यक्ति के सिर पर चोटें आई है। घायल अवस्था में व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में लाया गया। जहां पर उन्होंने अपना  उपचार करवाया। गुप्ता का कहना है कि वे बाजार में साईड से गुजर रहे थे। तभी बंदरो ने एकदम से हमला कर दिया।

शिमला में बंदरों के आतंक से लोगों का दिनों रास्ते से गुजरना मुश्किल हो गया है। अगर किसी के हाथ में बंदर ने कुछ खाने की चीजें देख ली तो वह एकदम से झपट पड़ते है। खासकर छोटे बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियां हो रही है। एकदम से बंदर छोटे बच्चों को देकर खाने पड़ जाते है। अगर शिमला के अस्पतालों की बात की जाए तो रोजाना 3 से 4 मामले तो अस्पताल में बंदर के काटने के आ रहे है। बिते कुछ माह पहले तो एक ही दिन में बंदरों ने शहर के विभिन्न जगहों पर 30 लोगों को काटा था। बंदर के काटने के मामले जाखू, ढली, पुराना बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार व कसु पटी टुटू व घणाहट्टी से आ रहे हैं। गौर रहे कि बंदरों के आतंक  से शहर में लोग बहुत परेशान हैं। आए दिन शहर के विभन्न जगह पर बंदर लोगों को अपना निशाना बना रहे है, लेकिन प्रशासन अभी भी जागते हुए नजर नहीं आ रहा है। यही नहीं आई.जी.एम.सी. मार्ग कालीबाड़ी, जाखू, संजौली, नवबहार इलाके में तो बंदरों का इतना कहर है की लोग हाथ में डंडा या फिर पत्थर लेकर चलना पड़ रहा है।

राजधानी में बंदरों का आतंक सिर्फ  लोगों को काटने तक ही सिमित नहीं है, बंदर के काटने से लोगों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके अभी तक प्रशासन ने आतंकी बंदरों से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। हाल की में बंदरों को प्रदेश द्वारा वर्मिन घोषित किया है, लेकिन यहां पर बंदर लोगों को उलटा मार रहे है। प्रशासन द्वारा कोई निति बनाई जानी चाहिए ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। ताकि लोग सुरक्षित होकर रास्ते से गुजर सके।

डी.डी.यू. अस्पताल में बंदरो के काटने मामले आ रहे है। लोगों को गभराने की जरूरत नहीं है। अस्पताल में उपचार के पूरे साधन है। जैसे ही किसी लोगों को बंदर काटता है तो वे अपना उपचार करवाने तुरंत अस्पताल में आए। इन दिनों अस्पताल में बंदरो के काटने के मामले आ रहे है।
-लोकेंद्र शर्मा, एम.एस. आई.जी.एम.सी.।

बंदरो से बचने के  लिए वन विभाग  द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे है । वाईल्ड लाईफ द्वारा स्कूलों में अभियान चलाए जा रहे है, जिसमें बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे खाने की चीजें और कूड़े को खुले में न  फेंके। अगर बंदरो को कुछ  खाने को नहीं मिलेंगा तो वे अवश्य ही शहर की  ओर रूख नहीं करेंगे। अस्पताल में बंदरो क े  काटने पर  उपचार फ्री है। वहीं अगर माईनर इंजरी होती है  तो वन विभाग की तरफ से 10 हजार रूपए का प्रावधान है। इसके अलावा मेजर इंजरी  पर 75 हजार रूपए का  प्रावधान है। बंदरो की नसबंदी भी करवाई जा रही है। शीघ्र ही लोगों को बंदरो से निजात दिलाई जाएगी।
-सुशिल राणा, डी.एफ.ओ. शिमला ग्रामिण।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.