शिमला: राजधानी में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को टुटू बाजार में 60 वर्षीय बुजुर्ग पर बंदरों ने हमला कर दिया, जिससे बुजुर्ग के सिर पर गंभीर चोट आई है. घायल अवस्था में बुजुर्ग को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने पहले एक ही दिन में बंदरों ने शहर के विभिन्न जगह पर 30 लोगों को काटा था. बंदर के काटने के मामले जाखू, ढली, पुराना बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार व कसु पटी टुटू व घणाहट्टी से आ रहे हैं. वहीं, अगर शिमला अस्पताल की बात की जाए, तो रोज 4 मामले बंदर के काटने के आते है.
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शिमला में बंदरों के आतंक से लोगों का रास्ते से गुजरना तक मुश्किल हो गया है. वहीं, आईजीएमसी मार्ग कालीबाड़ी, जाखू, संजौली, नवबहार इलाके में बंदरों का इतना कहर है की लोगों को हाथ में डंडा या फिर पत्थर लेकर चलना पड़ता है.
बता दें कि हाल ही में बंदरों को प्रदेश द्वारा वर्मिन घोषित किया गया है. इसके बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा आतंकी बंदरों से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. खासकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के बीच डर का माहौल है और उन्हें स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
आईजीएमसी एमएस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि लोगों को बंदरों से घबराने की जरुरत नहीं है. अस्पताल में उपचार के पूरे साधन है. जैसे ही किसी लोगों को बंदर काटता है तो वे अपना उपचार करवाने तुरंत अस्पताल में आए.
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शिमला ग्रामीण डीएफओ सुशील राणा ने बताया कि वाईल्ड लाइफ द्वारा स्कूलों में अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे खाने की चीजें और कूड़े को खुले में न फेंके. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बंदरो के काटने का इलाज फ्री किया जा रहा है. वहीं अगर माईनर इंजरी होती है तो वन विभाग की तरफ से 10 हजार रुपये और मेजर इंजरी पर 75 हजार रुपये देने का प्रावधान है.