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स्कूलों में बच्चों से यौन शोषण मामले में शिक्षा विभाग सख्त, दिए ये निर्देश - नई गाइडलाइन जारी

शिक्षा विभाग की ओर से पॉक्सो एक्ट की नई गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि यौन शोषण का कोई भी मामला सामने आते ही इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवानी होगी.

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Published : Jun 14, 2019, 10:39 AM IST

शिमला: स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाली यौन शोषण से जुड़े मामले अब छुप नहीं पाएंगे. अगर इन मामलों को छुपाया जाता है तो ऐसा करने वालों के लिए सीधा जेल का प्रावधान किया गया है. सरकार स्कूलों में होने वाले इस तरह के मामलों पर सख्त हो गई है. न केवल यौन शोषण करने वाले बल्कि इस तरह के मामलों को छुपाने वालों के खिलाफ भी अब पॉक्सो एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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शिक्षा विभाग की ओर से पॉक्सो एक्ट की नई गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि यौन शोषण का कोई भी मामला सामने आते ही इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवानी होगी. शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में पॉक्सो एक्ट में क्या प्रावधान है, इसकी भी पूरी जानकारी दी गई है.

एक्ट के सेक्शन 19 और 20 में यह प्रावधान है कि अगर स्कूल में किसी छात्र के साथ यौन शोषण हो रहा है और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी जाती है और मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जाती है तो स्कूल के प्रभारी के साथ ही शिक्षकों को छह से एक साल तक की जेल होगी और जुर्माना भी देना होगा.

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है की बच्चों और अभिभावकों को भी यौन शोषण के प्रति जागरूक किया जाए. जागरूकता के लिए स्कूलों में प्रतिमाह एसएमसी और शिक्षकों की बैठक की जाए. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि इस तरह के मामलों में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी और मामलों को तुंरत पुलिस में रिपोर्ट करने के साथ ही शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा.

शिमला: स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाली यौन शोषण से जुड़े मामले अब छुप नहीं पाएंगे. अगर इन मामलों को छुपाया जाता है तो ऐसा करने वालों के लिए सीधा जेल का प्रावधान किया गया है. सरकार स्कूलों में होने वाले इस तरह के मामलों पर सख्त हो गई है. न केवल यौन शोषण करने वाले बल्कि इस तरह के मामलों को छुपाने वालों के खिलाफ भी अब पॉक्सो एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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शिक्षा विभाग की ओर से पॉक्सो एक्ट की नई गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि यौन शोषण का कोई भी मामला सामने आते ही इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवानी होगी. शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में पॉक्सो एक्ट में क्या प्रावधान है, इसकी भी पूरी जानकारी दी गई है.

एक्ट के सेक्शन 19 और 20 में यह प्रावधान है कि अगर स्कूल में किसी छात्र के साथ यौन शोषण हो रहा है और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी जाती है और मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जाती है तो स्कूल के प्रभारी के साथ ही शिक्षकों को छह से एक साल तक की जेल होगी और जुर्माना भी देना होगा.

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है की बच्चों और अभिभावकों को भी यौन शोषण के प्रति जागरूक किया जाए. जागरूकता के लिए स्कूलों में प्रतिमाह एसएमसी और शिक्षकों की बैठक की जाए. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने बताया कि इस तरह के मामलों में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी और मामलों को तुंरत पुलिस में रिपोर्ट करने के साथ ही शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा.

Intro:स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाली यौन शोषण से जुड़े मामले अब छुप नहीं पाएंगे। अगर इन मामलों को छुपाया जाता है तो ऐसा करने वालो के लिए सीधा जेल का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अगर कोई शिक्षक स्कूल में किसी भी छात्र के साथ हो रहे यौन शोषण के मामले को दबाता है और उसकी शिकायत दर्ज नहीं करवाता है तो ऐसे शिक्षकों को भी छह से एक साल तक कि जेल ओर जुर्माना होगा। सरकार स्कूलों में होने वाले इस तरह के मामलों पर सख्त हो गई है ओर ना केवल यौन शोषण करने वालों बल्कि इस तरह के मामलों को छुपाने वालों के खिलाफ भी अब पॉस्को एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


Body:शिक्षा विभाग की ओर से पोक्सो एक्ट की नई गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत यह सपष्ट किया गया है कि यौन शोषण का कोई भी मामला सामने आते ही इसकी शिकायत पुलिस ने दर्ज करवानी होगी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में पोक्सो एक्ट में क्या प्रावधान है इसकी भी पूरी जानकारी दी गयी है । बताया गया है कि एक्ट के सेक्शन 19 ओर 20 में यह प्रावधान है कि अगर स्कूल में किसी छात्र के साथ यौन शोषण हो रहा है और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी जाती है। मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जाती है तो स्कूल के प्रभारी के साथ ही शिक्षकों को छह से एक साल तक कि जेल होगी और साथ ही जुर्माना भी होगा।


Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है जिसमें बच्चों के साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक करने हर माह एसएमसी ओर शिक्षकों को बैठकें करने के निर्देश जारी किए है। इसके अलावा कहां- कहां किस तरह से शिकायत ऐसे मामलों में दर्ज करवाई जा सकती है इसको लेकर भी जानकारी दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल की ओर से जारी इन आदेशों में जिला उपनिदेशकों के साथ ही बीईईओ ओर सीएचटी को पोक्सो एक्ट की नई गाइडलाइंस जारी की गई है और इन्हें जिलों के स्कूलो को जारी करने के निर्देश दिए गए है। निदेशक ने बताया कि इस तरह के मामलों में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी और मामलों को तुंरत पुलिस में रिपोर्ट करने के साथ ही शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा।
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