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शिक्षकों को अब सादे कपड़े पहनकर आना होगा स्कूल, शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश

शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों को सादे कपडे़ पहनकर ही स्कूल आने के निर्देश जारी किए गए हैं. शिक्षा निदेशक का कहना है कि कुछ एक शिक्षकों के चलते सभी शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में अब शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी.

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Published : Jun 26, 2019, 10:27 AM IST

शिक्षा निदेशालय

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में अब शिक्षकों को सादे कपडे़ पहनकर ही स्कूल आना होगा. शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला उप निदेशकों को यह निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी किए गए हैं. इसके साथ ही शिक्षकों को बच्चों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उप निदेशकों के साथ बात कर स्कूलों में हो रहे यौन शोषण के मामले पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर स्कूलों में शिक्षक सज धज कर जाएंगे तो इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर फैशन की ओर जाता है. जिसके लिए यह जरूरी है की शिक्षक सादे कपड़ों में स्कूल आएं.

ये भी पढ़े: ECHS के साथ सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में बिलों की धांधली पर एक्शन, पॉलिसी में होगा बदलाव

उच्च शिक्षा निदेशक में कहा की बच्चे शिक्षकों को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उन्हीं को देख कर उनका अनुसरण करते हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शिक्षक स्कूल में सादे कपड़ों में आए और उनका व्यवहार सही हो. जिससे कि बच्चे सही दिशा की ओर अग्रसर हो सके.

शिक्षा निदेशालय की ओर से यह माना गया है स्कूलों में दुष्कर्म और यौन मामलों की घटनाएं बढ़ रही है, जिससे कि सभी शिक्षकों की छवि धूमिल हो रही है. अब ऐसे में शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखनी होगी.

ये भी पढ़े: HC ने स्कूल को दिये छात्रों की फीस माफ करने के आदेश, मुलभूत सुविधाओं की कमी के चलते गिरी गाज

शिक्षा निदेशक ने स्कूलों के प्रिंसिपलों को भी नियमित तौर पर स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं. शिक्षा निदेशक का कहना है कि कुछ एक शिक्षकों के चलते सभी शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में अब शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में अब शिक्षकों को सादे कपडे़ पहनकर ही स्कूल आना होगा. शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला उप निदेशकों को यह निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी किए गए हैं. इसके साथ ही शिक्षकों को बच्चों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उप निदेशकों के साथ बात कर स्कूलों में हो रहे यौन शोषण के मामले पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अगर स्कूलों में शिक्षक सज धज कर जाएंगे तो इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर फैशन की ओर जाता है. जिसके लिए यह जरूरी है की शिक्षक सादे कपड़ों में स्कूल आएं.

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उच्च शिक्षा निदेशक में कहा की बच्चे शिक्षकों को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उन्हीं को देख कर उनका अनुसरण करते हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शिक्षक स्कूल में सादे कपड़ों में आए और उनका व्यवहार सही हो. जिससे कि बच्चे सही दिशा की ओर अग्रसर हो सके.

शिक्षा निदेशालय की ओर से यह माना गया है स्कूलों में दुष्कर्म और यौन मामलों की घटनाएं बढ़ रही है, जिससे कि सभी शिक्षकों की छवि धूमिल हो रही है. अब ऐसे में शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखनी होगी.

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शिक्षा निदेशक ने स्कूलों के प्रिंसिपलों को भी नियमित तौर पर स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं. शिक्षा निदेशक का कहना है कि कुछ एक शिक्षकों के चलते सभी शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में अब शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में अब शिक्षक सादे कपड़े में स्कूल पहुंचेंगे। शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला उप निदेशकों को यह निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी किए गए हैं की शिक्षक स्कूलों में सज धज कर आने के बजाए सादे कपड़ों में स्कूल पहुंचे। इसके साथ ही शिक्षकों को बच्चों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश शिक्षा निदेशक की ओर से दिए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उप निदेशकों के साथ बात कर स्कूलों में हो रहे यौन शोषण के मामले पर चिंता जाहिर की। इसे देखते हुए उन्होंने शिक्षकों को बच्चों का रोल मॉडल बनने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर स्कूलों में शिक्षक सज धज कर जाएंगे तो इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर फैशन की ओर जाता है,जिसके लिए यह जरूरी है की शिक्षक सादे कपड़ों में स्कूल आए।


Body: उच्च शिक्षा निदेशक में कहां की बच्चे शिक्षकों को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उन्हीं को देख कर उन्हीं का अनुसरण अनुसरण करते हैं ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शिक्षक स्कूल में सादे कपड़ों में आए उनका व्यवहार सही हो जिससे कि बच्चे सही दिशा की ओर अग्रसर हो सके शिक्षा निदेशालय की ओर से यह माना गया है स्कूलों में बढ़ रही दुष्कर्म और यौन मामलों की घटनाएं बढ़ रही है जिससे कि सभी शिक्षकों की छवि धूमिल हो रही है। अब ऐसे में शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखनी होगी। शिक्षकों को अधिक से अधिक समय बच्चों के बीच बिताने के निर्देश शिक्षा निदेशक ने दिए है जिससे बच्चों पर शिक्षकों की नज़र रह सके।


Conclusion:शिक्षा निदेशक ने स्कूलों के प्रिंसिपलों को भी नियमित तौर पर स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा निदेशक का कहना है कि कुछ एक शिक्षकों के चलते सभी शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अब शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी। बता दें कि प्रदेश के स्कूलों स्कूलों में आए दिन स्कूली छात्राओं से से दुष्कर्म और यौन शोषण से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं जिसके चलते शिक्षा विभाग और शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों के कपड़ों को सादा बनाने के साथ ही उन्हें छात्रों की काउंसलिंग कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश जारी कर इस तरह के मामलों से निपटने का तोड़ निकाला जा रहा है।
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