बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में गर्मियों की दस्तक के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत की समस्याएं सामने आना शुरू हो गई है. बात करें बिलासपुर जिला की नैनादेवी विधासभा क्षेत्र से लगती खड़खड़ी व नकराना पंचायत में बीते एक साल से पानी की कमी के चलते स्थानीय ग्रामीणों को 4 से 5 किलोमीटर दूर पैदल चलकर गोविंद सागर झील से पानी भरना पड़ता है, जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा रोष है और वह प्रदेश सरकार से पीने का पानी मुहैया करवाने की अपील कर रहे है.
गौरतलब है कि यह पंचायतें भाखड़ा एरिया से लगती पंचायतें को पानी की किल्लत के चलते ना तो परिवार के सदस्यों और ना पालतू पशुओं को पीने का पानी मुहैया हो पाता है. वहीं, स्थानीय ग्रमीणों की माने बीते एक साल से पानी की किल्लत से उन्हें जूझना पड़ रहा है और प्राकृतिक स्रोत सूख जाने के चलते अब पानी लेने के लिए झील तक जाना पड़ता है. वहीं अब धीरे धीरे झील का पानी भी सूखने लगा है, जिससे पानी की कमी को लेकर ग्रामीणों को चिंता सताने लगी है.
3 करोड़ रुपये की पेयजल योजना को मिली स्वीकृति
वहीं, इस समस्या के बावत जल शक्ति विभाग बिलासपुर के अधिशासी अभियंता अरविंद वर्मा का कहना है कि गर्मी के मौसम में प्राकृतिक जल स्रोत सूखने से ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. इसके लिए जल्द ही जल जीवन मिशन के तहत 3 करोड़ रुपये की पेयजल योजना को स्वीकृति दी जाएगी, जिसे जल्द पूरा कर नकराना व आस पास की आबादी के लोगों तक पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा.
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