ETV Bharat / state

यहां चार किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया जाता है मरीज, सड़क होती तो बच जाती मासूम की जान!

ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क होती तो बच्ची की जान बच सकती थी. दरअसल बच्ची को सांप ने काट लिया था और उपचार समय पर नहीं मिल पाया था. जिस कारण बच्ची की मौत हो गई थी.

road facility in himachal
author img

By

Published : Aug 28, 2019, 12:15 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 12:50 PM IST

बिलासपुरः भाखड़ा के स्लोआ पंचायत में लोगों प्रशासन के खिलाफ लोगों के सब्र के बांध टूट गया. ग्रामीणों को 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है.जिसके चलते ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया है कि दो दिन पहले ही एक बच्ची की मौत हो गई थी.

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी गर्भवती महिला को चारपाई पर ले जाकर अस्पताल ले जाया गया था. तब जाकर महिला का उपचार हो पाया. उन्होंने बताया कि भाखड़ा बांध बनने से उन्होंने अपनी जमीनें भी गंवा दी है फिर भी आज तक उन्हें सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है.

वीडियो.

आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को टूटी सड़कों से दो चार होना पड़ रहा है. नेताओं ने सिर्फ आश्वसन दिए और चले गए. ग्रामीणों की माने तो गांव के लिए सड़क मंजूर हो गई है, लेकिन वो कबतक बनेगी ये भविष्य के गर्भ में है. विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि डीपीआर बन चुकी है. जैसे ही सारे कागजात पूरे हो जाएंगे सड़क बना दी जाएगी. ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क का काम जल्द शुरू नहीं हो पाया तो वो धरना या चक्का जाम करने पर मजबूर हो जाएंगे.

बिलासपुरः भाखड़ा के स्लोआ पंचायत में लोगों प्रशासन के खिलाफ लोगों के सब्र के बांध टूट गया. ग्रामीणों को 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है.जिसके चलते ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया है कि दो दिन पहले ही एक बच्ची की मौत हो गई थी.

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी गर्भवती महिला को चारपाई पर ले जाकर अस्पताल ले जाया गया था. तब जाकर महिला का उपचार हो पाया. उन्होंने बताया कि भाखड़ा बांध बनने से उन्होंने अपनी जमीनें भी गंवा दी है फिर भी आज तक उन्हें सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है.

वीडियो.

आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को टूटी सड़कों से दो चार होना पड़ रहा है. नेताओं ने सिर्फ आश्वसन दिए और चले गए. ग्रामीणों की माने तो गांव के लिए सड़क मंजूर हो गई है, लेकिन वो कबतक बनेगी ये भविष्य के गर्भ में है. विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि डीपीआर बन चुकी है. जैसे ही सारे कागजात पूरे हो जाएंगे सड़क बना दी जाएगी. ग्रामीणों ने बताया कि अगर सड़क का काम जल्द शुरू नहीं हो पाया तो वो धरना या चक्का जाम करने पर मजबूर हो जाएंगे.

Intro:स्लग। बिलासपुर के भाखड़ा के स्लोआ पंचायत मैं लोगों में फूटा गुस्सा समस्या से जूझ रहे ग्रामीण 3 से 4 किलोमीटर तक लोगों को पैदल मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ता है ग्रामीणों ने सरकार और प्रसाशन पर आरोप लगाया है कि दो दिन पहले बच्ची की मौत हो गई थी उन्होंने बताया कि सड़क होती तो बच सकती थी मासूम की जान उन्होंने बताया कि अगर सड़क खुली होती तो मासूम की जान बच सकती थी उन्होंने बताया कि बच्ची को सांप ने काट लिया था और उपचार समय पर नही मिल पाया था जिस कारण बच्ची की मौत हो गई थी ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी गर्वबती महिला को चारपाई पर ले जाकर अस्पताल ले जाया गया था तब कंही जाकर महिला का उपचार करवाया था उन्होंने बताया कि भाखड़ा बनने से उन्होंने अपनी जमीने गवा दी है फिर भी आज तक उन्हें सड़क जैसी सुभिधा नही मिल पाई है उन्होंने बताया कि आजादी के बाद उन्हें टूटी सड़को का सामना करना पड़ता है आज तक काफी सरकारें आई लेकिन उनके गावँ की ओर कोई ध्यान नही दिया गया सिर्फ नेता लोग वोट मांग लेते है ओर आश्वशन देकर चले जाते है लेकिन बाद मैं कोई भी नेता हट कर नही आता है
ग्रामीणों की माने तो गांव के लिए सड़क मंजूर हो गयी है लेकिन वो कब बनेगी कोई नहीं जानता विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि dpr बन गईं है जैसे ही सारे कागजात पूरे हो जाएंगे सड़क बना दी जायेगी। ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द काम नही किया तो ग्रामीण इकट्ठा होकर चक्का जाम करेंगे

बाइट ग्रामीण महिला

बाइट ग्रामीण

Body:Byte vishulConclusion:स्लग। बिलासपुर के भाखड़ा के स्लोआ पंचायत मैं लोगों में फूटा गुस्सा समस्या से जूझ रहे ग्रामीण 3 से 4 किलोमीटर तक लोगों को पैदल मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ता है ग्रामीणों ने सरकार और प्रसाशन पर आरोप लगाया है कि दो दिन पहले बच्ची की मौत हो गई थी उन्होंने बताया कि सड़क होती तो बच सकती थी मासूम की जान उन्होंने बताया कि अगर सड़क खुली होती तो मासूम की जान बच सकती थी उन्होंने बताया कि बच्ची को सांप ने काट लिया था और उपचार समय पर नही मिल पाया था जिस कारण बच्ची की मौत हो गई थी ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी गर्वबती महिला को चारपाई पर ले जाकर अस्पताल ले जाया गया था तब कंही जाकर महिला का उपचार करवाया था उन्होंने बताया कि भाखड़ा बनने से उन्होंने अपनी जमीने गवा दी है फिर भी आज तक उन्हें सड़क जैसी सुभिधा नही मिल पाई है उन्होंने बताया कि आजादी के बाद उन्हें टूटी सड़को का सामना करना पड़ता है आज तक काफी सरकारें आई लेकिन उनके गावँ की ओर कोई ध्यान नही दिया गया सिर्फ नेता लोग वोट मांग लेते है ओर आश्वशन देकर चले जाते है लेकिन बाद मैं कोई भी नेता हट कर नही आता है
ग्रामीणों की माने तो गांव के लिए सड़क मंजूर हो गयी है लेकिन वो कब बनेगी कोई नहीं जानता विभाग से बात करने पर बताया जाता है कि dpr बन गईं है जैसे ही सारे कागजात पूरे हो जाएंगे सड़क बना दी जायेगी। ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द काम नही किया तो ग्रामीण इकट्ठा होकर चक्का जाम करेंगे

बाइट ग्रामीण महिला

बाइट ग्रामीण

Last Updated : Aug 28, 2019, 12:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.