बिलासपुर: प्रदेश सरकार की तरफ से ओबीसी की जातियों की सूची जारी करने के बाद भी प्रमाण-पत्र न मिलने पर अचार्ज समुदाय में रोष है. पूर्व पंचायत समिति उपाध्यक्ष मंगल ठाकुर की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी बिलासपुर से मुलाकात कर इस मामले को उठाया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने तहसीलदार झंडूता को उक्त जाति के राजस्व रिकॉर्ड में दुरूस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि ओबीसी की आरक्षित जाति अचार्ज के प्रमाण पत्र न बनने पर अचार्ज जाति के लोग सरकार के प्रति खासा नाराज हो गए हैं.
सरकार की नियमावली के अनुसार अंकतालिका 41 नंबर पर साफ शब्दों में लिखा है कि महा ब्राह्मण, अचार्ज, चार्ज, आचार्य जो मृत्यु के बाद हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार कर्मकांड करवाते हैं. उनको ओबीसी में दर्शाए जाने के बाद भी उनके प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. जिस कारण पढ़ें लिखे युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है.
विकास खंड झंडूता की ग्राम पंचायत बडगांव के गांव गटी के श्याम लाल, नरेश कुमार, मुकेश कुमार, नितेश कुमार, सहित अन्य ने बताया कि वह वर्षों से अचार्ज जाति से संबंध रखते हैं और मृत्यु के बाद सारा कर्मकांड का कार्य करते हैं. जिस कारण सरकार की अधिसूचना के अनुसार उनका ओबीसी का प्रमाण पत्र बनना चाहिए, लेकिन ओबीसी का प्रमाण पत्र न बनने के कारण उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है.
पंचायत के लोगों का कहना है कि गांव गटी में लगभग पचास परिवार हैं और पूरे जिला में भी कई परिवार अचार्ज के हैं, लेकिन कहीं पर भी प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं. जिस कारण उनको भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत 1100 नंबर पर की तब उन्हें पता चला कि पुराने रिकॉर्ड में जहां अचार्ज जाति और गोत्र ब्राह्मण था उसके साथ छेड़छाड़ की गई और जाति ब्राह्मण और गोत्र अचार्ज कर दिया गया है. जिस कारण यह समस्या पैदा हो गई है.
पंचायत के लोगों ने बताया कि इससे पहले के रिकॉर्ड से 17 मई 2010 के कई प्रमाण पत्र गांव के युवाओं के ओबीसी के बनाए गए हैं, लेकिन अब नए रिकॉर्ड के अनुसार नहीं बनाए जा रहे हैं. इस विषय पर उपायुक्त बिलासपुर द्वारा तहसीलदार झंडूता को तुरंत दिए गए आदेशों पर प्रतिनिधि मंडल ने संतोष व्यक्त किया है.
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