बिलासपुर: जिला पुलिस की टीम को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. मंगलवार शाम के समय सदर थाना के पास लगाए हुए नाके के दौरान पुलिस ने उत्तराखंड के 1 महिला व युवक से 18 लाख रुपये की लागत की हिमालयन वियाग्रा जड़ी बूटी बरामद की है.
यह जड़ी-बूटी कुल्लू से लेकर यह लोग उत्तराखंड जा रहे थे. सदर थाना के पास लगाए हुए नाके के दौरान यह बड़ी कामयाबी पुलिस को हाथ लगी है. जिसमें मौके पर कि दोनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम के समय सदर थाना की टीम सदर थाना प्रभारी की अगुवाई में नाका लगाए हुए थे. इस दौरान मनाली की ओर से आ रही एक होंडा सिटी कार को चेकिंग के लिए रोका. इस दौरान पुलिस को देखकर गाड़ी में सवारी युवक व महिला घबरा गए. पुलिस को इन लोगों पर शक हुआ जिस आधार पर इनको चेकिंग के लिए रोका गया. पुलिस ने दोनों लोगों को गाड़ी से नीचे उतारा और गाड़ी की चेकिंग करने लगे.
ऐसे में गाड़ी की सीट के नीचे एक जड़ी बूटियों से भरा बैग मिला. पुलिस ने पूरी जांच पड़ताल की तो यह जड़ी-बूटी हिमालयन वियाग्रा निकली. बाजार में इसकी कीमत प्रति किलो 20 लाख रुपये बताई जा रही है.
उधर, बिलासपुर एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया कि दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. दोनों लोगों से 900 ग्राम हिमालयन वियाग्रा बरामद हुई है, जिसकी बाजार में 18 लाख रुपये कीमत बताई जा रही है.
सामान्य तौर पर समझें तो ये एक तरह का जंगली मशरूम है जो एक खास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उसपर पनपता है. इस जड़ी का वैज्ञानिक नाम है कॉर्डिसेप्स साइनेसिस और जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर ये उगता है उसका नाम है हैपिलस फैब्रिकस. विभिन्न स्थानों पर इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है. इसे यारचगुम्बा, यत्सा गनबू, यार्त्सा गनबा, यत्सुगुंबू और कीड़ा जड़ी नाम से जानते हैं.
तिब्बत में यत्सा गनबू का अर्थ है ग्रीष्मकालीन घास सर्दी कीड़ा. इसे कीड़ा-जड़ी इसलिए कहते हैं क्योंकि ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी है. चीन-तिब्बत में इसे यारशागुंबा कहा जाता है. सबसे आसान भाषा में इसे हिमालय वियाग्रा के नाम से जानते हैं.
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