बिलासपुरः सीएमओ बिलासपुर कार्यालय में हेल्थ सुपरवाइजर के पद पर तैनात एक कर्मचारी पर युवती को फर्जी तरीके से कोविड वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है. इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं.
बताया जा रहा है कि कर्मचारी ने 44 साल की कम उम्र की युवती का फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर चंगर सेक्टर में स्थित कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में टीकाकरण करवा दिया. बताया जा रहा है कि जिस फार्म के आधार पर वैक्सीन लगाई गई, उस पर मेडिकल स्टोर की ही स्टैंप लगाई गई है, जबकि कैमिस्ट वर्कर को वैक्सीन लगाने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर की मोहर आवश्यक थी.
वहीं, हैरान करने की बात यह है कि 22 वर्षीय युवती जिसे वैक्सीन लगाई गई है वो न तो फ्रंट लाइन वर्कर है और न ही किसी मेडिकल शाॅप पर काम करती है. ऐसे में इस तरह से स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की भी इस मामले में संलिप्ता पाए जाने की आशंका जताई जा रही है. गौरतलब है कि जिला में 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को टीकाकरण के लिए काफी मशक्कत करने पड़ रही है, क्योंकि स्लाॅट 20 से 30 सेकेंड में फुल हो रहा है, जिससे जिला के अधिकतर युवा पीढ़ी अभी भी वैक्सीनेशन नहीं करवा पाई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा ही गलत तरीके से वैक्सीनेशन करवाना अपने आप में एक बड़ा सवाल पैदा कर रहा है.
गर्वनर नोटिफिकेशन की कर्मचारी ने की अवेहलना
जानकारी के अनुसार 14 मई 2021 को गर्वनर हाउस की ओर से प्रदेश भर में एक नोटिफिकेशन जारी की गई थी, जिसमें 9 कैटागिरी के तहत फ्रंट लाइन कर्मचारियों व अधिकारियों को कोविड वैक्सीन लगने के आदेश जारी हुए थे. ऐसे में बिलासपुर सीएमओ कार्यालय में तैनात उक्त कर्मचारी ने ना केवल गर्वनर नोटिफिकेशन की अवहेलना की बल्कि नियमों को ताक पर रखकर फर्जी तरीके से अपने चाहितों को वैक्सीन लगवा दी.
बड़े अधिकारियों से जुड़े हैं कर्मचारी के तार
बताते चलें कि इस तरह से फर्जी तरीके से लगाई गई कोविड वैक्सीन मामले में संलिप्त स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी पर सीएमओ डाॅ. प्रकाश दडोच की ओर से इस मामले पर कोई कार्रवाई होगी. यह जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा, जबकि सूत्रों के अनुसार यह भी जानकारी मिली है कि उक्त कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के बडे अधिकारियों के सीधे संपर्क में है. ऐसे में अब देखना यह बाकी है कि इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग क्या कार्रवाई करता है.
संलिप्त पाए जाने पर होगी नियमानुसार कार्रवाई
उधर, उपायुक्त बिलासपुर रोहित जम्वाल ने बताया कि मामला ध्यान में आया है. एमओएच डाॅ. परविंद्र सिंह को इस संदर्भ में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है, संलिप्त पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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