बिलासपुर: 12 मार्च से प्रदेश के स्कूलों में शुरू होने जा रही पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं में भी उड़नदस्ते नजर रखेंगे. वार्षिक परीक्षाओं को लेकर बोर्ड की ओर से प्रदेश के सभी उपनिदेशकों को आदेश जारी किए गए है.
वहीं, ऐसा पहली बार हो रहा है कि पांचवीं और आठवीं की वार्षिक परीक्षाओं में उड़नदस्ते दबिश देंगे. साथ ही यह उड़नदस्ते ब्लॉक स्तर पर गठित किए गए है, जिसमें वह प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक को इसकी रिपोर्ट करेंगे.
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सुदर्शन सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी समय पर देने होंगे. शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त कर दिया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को लागू कर दिया है. सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता है इसके लिए अब पांचवी और आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा. हालांकि फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा.
बता दें कि प्रदेश में नवमी और दशमी की परीक्षा परिणाम खराब रहने का नो डिटेंशन पॉलिसी बड़ा कारण है. हिमाचल में शिक्षक भी कई बार सरकार से मांग कर चुके हैं कि इन दोनों कक्षाओं को बोर्ड किया जाए. खास बात यह है कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्नपत्र भले ही बोर्ड करवाएगा लेकिन छात्रों की परीक्षा उनके अपने ही स्कूल में होगी.
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की जिम्मेदारी यह होगी कि वह बोर्ड परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएंगे. वहीं, नकल जैसी चीजों पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण करेंगे. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट उपलब्ध करवाएगा.
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