बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा वरदान बिलासपुर के कोठीपुरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और आसपास के क्षेत्र के नगर समेत ग्राम योजना टीसीपी एक्ट के दायरे में आने के बाद अब इसके सुनियोजित विशेष विकास योजना तैयार की जाएगी.
विभाग को सर्वेक्षण के तहत तैयार की गई विद्यमान भू-उपयोग रिकॉर्ड की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. यह सर्वे रिपोर्ट नई दिल्ली की मल्टीमाइंड क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार की गई है. रिपोर्ट आने के बाद एक्ट के दायरे में आए 16 राजस्व गांवों के लिए एक स्पेशल डेवेलपमेंट प्लान बनाया जाएगा.
दिल्ली की कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था भू-उपयोग रिकॉर्ड तैयार करने का जिम्मा
एक्ट के दायरे में लिए गए राजस्व गांवों के विद्यमान भू-उपयोग रिकॉर्ड तैयार करने के लिए निदेशालय स्तर पर दिल्ली की कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था. 8 जून 2016 को एम्स के क्षेत्र के तहत चयनित सोलह राजस्व गांवों को टीसीपी एक्ट में लाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी.
इसके बाद निदेशालय स्तर पर एरिया का पूरा भू-उपयोग रिकॉर्ड तैयार करने के लिए फर्म के साथ करार किया गया. इस फर्म ने सर्वेक्षण किया और एक रिपोर्ट तैयार की है. इस वर्ष फरवरी में लोगों के साथ बैठकों का आयोजन कर दावे और आपत्तियां मांगी गई थीं और यह प्रक्रिया भी उसी दौरान पूरी कर ली गई.
जल्द प्रेषित होगी रिपोर्ट
सर्वे करनी वाली फर्म की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रेषित की जानी है जिसके लिए विभाग इंतजार कर रहा है. बताया जा रहा है कि मार्च से कोरोना संकट शुरू होने के चलते यह प्रक्रिया लटक गई और अभी तक रिपोर्ट विभाग के पास नहीं पहुंच सकी है.
विभागीय अधिकारियों की मानें तो हालांकि फर्म ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उस ओर से यह रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर एक्ट में लिए गए एरिया का एक विशेष विकास खाका तैयार किया जाएगा.
निर्माण के लिए लेनी होगी अनुमति
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग बिलासपुर के सहायक नगर योजनाकार घनश्याम शर्मा ने बताया कि एक्ट लागू होने के बाद एम्स और आसपास के क्षेत्र में भवन निर्माण कार्यों के अलावा बिजली और पानी संबंधित कनेक्शन लेने और अन्य कार्यों के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी.
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