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आदेशों की अवहेलना! सैंपल जांच रिपोर्ट आए बिना ही छात्रों को बांटी गई स्मार्ट वर्दी

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Published : Oct 15, 2020, 11:53 AM IST

बिलासपुर के शाहतलाई के सरकारी स्कूल में छात्रों को बिना सैंपल जांच रिपोर्ट आने से पहले ही स्मार्ट वर्दी बांटने का मामला सामने आया है. उसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. जिला उपनिदेशक से प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने रिपोर्ट तलब कर जांच बैठा दी है.

Smart uniform distributed to students without order in Bilaspur
उपनिदेशक उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा

बिलासपुर: शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद जिले में बिना सैंपल जांच रिपोर्ट आए ही स्मार्ट वर्दी बांट दी गई. एसएमसी के माध्यम से शाहतलाई के एक सरकारी स्कूल में कुछ विद्यार्थियों को बुलाकर वर्दी बांटी गई. निदेशालय ने बीते दिनों ही सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर बिना जांच रिपोर्ट आए, वर्दी नहीं बांटने को कहा था. बावजूद इसके वर्दी बांट दी गई.

जांच की गई शुरू

मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रभारी सहित जिला उपनिदेशक से प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने रिपोर्ट तलब करते हुए जांच बैठा दी है. हिमाचल में करीब 55 करोड़ से प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले पौने आठ लाख विद्यार्थियों के लिए वर्दी खरीदी गई है. पहली से दसवीं कक्षा के छात्रों को सिलाई के लिए अलग से करीब 20 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है.

वर्दी आवंटन की जानकारी नहीं

बीते दिनों कई जिलों में वर्दी की सप्लाई पहुंचाई गई. निदेशालय ने रैंडम सैंपलिंग के निर्देश भी दिए. इसके तहत दिल्ली की श्रीराम लैब में वर्दी के कुछ सैंपल भेजना अनिवार्य किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद निदेशालय की मंजूरी लेकर ही वर्दी बांटने को कहा है, लेकिन जिले में निदेशालय के निर्देशों की सरेआम अवहेलना की गई.

निदेशालय के अधिकारियों को वर्दी के आवंटन के बारे में कोई भी सूचना नहीं है. सोशल मीडिया में वर्दी बांटने की जानकारी मिलने के बाद निदेशालय ने इस बाबत कड़ा संज्ञान लिया है. निदेशक शुभकरण सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें :प्रदेश में 31 अक्टूबर तक छात्रों के लिए नहीं खुलेंगे स्कूल, विभाग ने लिया फैसला



बिलासपुर: शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद जिले में बिना सैंपल जांच रिपोर्ट आए ही स्मार्ट वर्दी बांट दी गई. एसएमसी के माध्यम से शाहतलाई के एक सरकारी स्कूल में कुछ विद्यार्थियों को बुलाकर वर्दी बांटी गई. निदेशालय ने बीते दिनों ही सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर बिना जांच रिपोर्ट आए, वर्दी नहीं बांटने को कहा था. बावजूद इसके वर्दी बांट दी गई.

जांच की गई शुरू

मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रभारी सहित जिला उपनिदेशक से प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने रिपोर्ट तलब करते हुए जांच बैठा दी है. हिमाचल में करीब 55 करोड़ से प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले पौने आठ लाख विद्यार्थियों के लिए वर्दी खरीदी गई है. पहली से दसवीं कक्षा के छात्रों को सिलाई के लिए अलग से करीब 20 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है.

वर्दी आवंटन की जानकारी नहीं

बीते दिनों कई जिलों में वर्दी की सप्लाई पहुंचाई गई. निदेशालय ने रैंडम सैंपलिंग के निर्देश भी दिए. इसके तहत दिल्ली की श्रीराम लैब में वर्दी के कुछ सैंपल भेजना अनिवार्य किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद निदेशालय की मंजूरी लेकर ही वर्दी बांटने को कहा है, लेकिन जिले में निदेशालय के निर्देशों की सरेआम अवहेलना की गई.

निदेशालय के अधिकारियों को वर्दी के आवंटन के बारे में कोई भी सूचना नहीं है. सोशल मीडिया में वर्दी बांटने की जानकारी मिलने के बाद निदेशालय ने इस बाबत कड़ा संज्ञान लिया है. निदेशक शुभकरण सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.

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