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गोबिंदसागर झील में हर साल पहुंचते हैं साईबेरियन बगुले, पशुपालन विभाग ने किया सर्वे - पक्षियों में बर्ड फलू की पुष्टि

पौंग डैम में जिन पक्षियों में बर्ड फलू की पुष्टि हुई है. वहीं, पक्षी गोबिंदसागर झील के किनारे भी पाए गए हैं. अब जिला प्रशासन को खतरा लगा रहा है, लेकिन इसकी आधारिक पुष्टि जालंधर लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही होगी.

गोबिंदसागर झील
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Published : Jan 9, 2021, 5:26 PM IST

बिलासपुर: गोबिंदसागर झील में हर साल साईबेरियन बगुले पहुंचते हैं. वन विभाग व पशुपालन विभाग की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है. गोबिंदसागर के किनारे ये पक्षी हर साल पहुंचते हैं. बर्ड फ्लू के खतरे के बीच पशुपालन विभाग ने दो दिन तक सर्वे किया, जिसके बाद वन विभाग से बातचीत करने के बाद इसका खुलासा हुआ है.

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वहीं, खतरे की बात यह है कि पौंग डैम में जिन पक्षियों में बर्ड फलू की पुष्टि हुई है. वहीं, पक्षी गोबिंदसागर झील के किनारे भी पाए गए हैं. अब जिला प्रशासन को खतरा लगा रहा है, लेकिन इसकी आधारिक पुष्टि जालंधर लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही होगी. गौरतलब है कि अगर ये महामारी बीमारी बिलासपुर में भी फैल जाती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. साथ ही संदिग्धता के आधार पर बिलासपुर में चिकन के सैंपल भी लिए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर यहां पर बर्ड फ्लू की पुष्टि होती है तो पाॅजिटिव एरिया के क्षेत्र से पांच किलोमीटर तक के एरिया में चिकन, मटन समेत मछली पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा साथ ही बाॅर्डर एरिया से आने वाले चिकन को भी बिलासपुर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

बिलासपुर डीएसओ अवानी भूषण राय ने बताया कि गोबिंदसागर झील के किनारों की बीटों पर संबंधित फाॅरेस्ट गार्ड सहित आरओ को आदेश जारी किए गए हैं कि संबंधित एरिया में पूरी तरह से नजर रखी जाए अगर कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो तुरंत इसकी जानकारी विभाग को दें. बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि बिलासपुर में पौंग डैम के मुताबिक बहुत कम विदेशी पक्षी यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन बिलासपुर में कुछ समय से साइबेरियन बगुले की प्रजाति देखी जा रही है. ऐसे में विभाग ने इस आधार पर अलर्ट जारी कर दिया है.

ऐसे में अब देखना बाकि है कि तीन विभागों के संयुक्त विजिट में क्या सामने आता है. हालांकि अभी तक संदिग्धता के आधार पर अलर्ट जारी किया गया है. दो दिन के भीतर टीमें विजिट करेंगी और गोबिंदसागर झील के किनारे पहुंचकर वर्तमान स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी.

बिलासपुर: गोबिंदसागर झील में हर साल साईबेरियन बगुले पहुंचते हैं. वन विभाग व पशुपालन विभाग की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है. गोबिंदसागर के किनारे ये पक्षी हर साल पहुंचते हैं. बर्ड फ्लू के खतरे के बीच पशुपालन विभाग ने दो दिन तक सर्वे किया, जिसके बाद वन विभाग से बातचीत करने के बाद इसका खुलासा हुआ है.

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वहीं, खतरे की बात यह है कि पौंग डैम में जिन पक्षियों में बर्ड फलू की पुष्टि हुई है. वहीं, पक्षी गोबिंदसागर झील के किनारे भी पाए गए हैं. अब जिला प्रशासन को खतरा लगा रहा है, लेकिन इसकी आधारिक पुष्टि जालंधर लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही होगी. गौरतलब है कि अगर ये महामारी बीमारी बिलासपुर में भी फैल जाती है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. साथ ही संदिग्धता के आधार पर बिलासपुर में चिकन के सैंपल भी लिए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगर यहां पर बर्ड फ्लू की पुष्टि होती है तो पाॅजिटिव एरिया के क्षेत्र से पांच किलोमीटर तक के एरिया में चिकन, मटन समेत मछली पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा साथ ही बाॅर्डर एरिया से आने वाले चिकन को भी बिलासपुर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

बिलासपुर डीएसओ अवानी भूषण राय ने बताया कि गोबिंदसागर झील के किनारों की बीटों पर संबंधित फाॅरेस्ट गार्ड सहित आरओ को आदेश जारी किए गए हैं कि संबंधित एरिया में पूरी तरह से नजर रखी जाए अगर कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो तुरंत इसकी जानकारी विभाग को दें. बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि बिलासपुर में पौंग डैम के मुताबिक बहुत कम विदेशी पक्षी यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन बिलासपुर में कुछ समय से साइबेरियन बगुले की प्रजाति देखी जा रही है. ऐसे में विभाग ने इस आधार पर अलर्ट जारी कर दिया है.

ऐसे में अब देखना बाकि है कि तीन विभागों के संयुक्त विजिट में क्या सामने आता है. हालांकि अभी तक संदिग्धता के आधार पर अलर्ट जारी किया गया है. दो दिन के भीतर टीमें विजिट करेंगी और गोबिंदसागर झील के किनारे पहुंचकर वर्तमान स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी.

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