बिलासपुर: जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक (District Level Child Protection Committee) उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय की अध्यक्षता में बचत भवन में आयोजित की गई. बैठक में बाल बालिका सुरक्षा योजना पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि जिले में 142 अनाथ बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से वर्तमान में 77 बच्चे लाभ प्राप्त कर रहे हैं. इनके अलावा 3 अन्य अनाथ बच्चों को भी इस योजना का लाभ प्रदान करने के लिए चयन कर लिया गया है.
डीसी ने बताया कि गत वर्ष में इस योजना के तहत जिला के 89 बच्चों को 24 लाख 92 हजार 308 रुपये की राशि प्रदान कर लाभान्वित किया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में अनाथ बच्चों के बैंक खातों में बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर (Child Protection Committee in Bilaspur ) के माध्यम से प्रतिमाह 2000 रुपये लालन, पालन एवं पोषण के लिए तथा 500 रुपये प्रति माह एफ.डी. के रूप बच्चों को प्रदान किये जाते हैं.
उन्होंने बताया कि जिले के 11 अनाथ बच्चे को जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, उन्हें पश्चातवर्ती देखभाल योजना के माध्यम से स्वरोजगार प्राप्ति के लिए लाभान्वित किया जा रहा है. इन अनाथ बच्चों को आईटीआई बिलासपुर, बरठीं, घुमारवीं में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन 11 अनाथ बच्चों के प्रशिक्षण और मासिक खर्च पर वित वर्ष 20-21 में 03 लाख 71 हजार 178 रुपये की राशि खर्च की गई.
इसके अलावा बैठक में विभिन्न मुद्दों पर मद वार चर्चा की गई. इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों दत्तक ग्रहण, पालन पोषण देख रेख, संस्थागत देखरेख, छोड़कर जाने वाले बालकों के लिए पश्चावर्ती देख रेख और पोक्सो एक्ट की जानकारी प्रदान की गई. इस दौरान बच्चों से संबंधित कुछ अन्य संवेदनशील विषयों पर चर्चा की गई और कुछ नए मुद्दे भी चर्चा में लाए गए. बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीन कुमार, उपमंडलाधिकारी नागरिक सुभाष गौतम सहित अन्य सरकारी और गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे.
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