बिलासपुर: लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के लिए मनरेगा सहारा बनी है. सरकार ने हर जिला में मनरेगा में रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए हैं, जिसके तहत बिलासपुर में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) ने 161 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है. वहीं, मनरेगा के तहत 86.76 फीसदी कार्य अभी तक पूरे किए जा चुके हैं.
डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजेंद्र गौतम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई लोग बेरोजगार हो गए थे. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही मार्केट में मंदी के चलते लोगों के पास अपना कोई काम नहीं था. ऐसे में सरकार ने लोगों को घरद्वार पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा का सहारा लिया है. जिसके तहत लोगों को रास्तों का निर्माण कार्य, सिंचाई से जुड़े कार्य, वाटर हार्वेस्टिंग टैंकों का निर्माण और बाढ़ नियंत्रण के कार्य उपलब्ध करवाए गए हैं.
राजेंद्र गौतम ने बताया कि मनरेगा में कुल 360953 लोगों को रोजगार मिला है, जिसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग के 92071, अनुसचित जनजाति के 15672 और अन्य वर्गों से संबंधित 253210 लोगों को रोजगार हासिल हुआ है. इसमें महिलाओं की तादाद 208365 है, यानी मनरेगा में पचास फीसदी रोजगार महिलाओं को हासिल हुआ है.
डीआरडीए के परियोजना अधिकारी ने बताया कि मनरेगा के तहत अभी तक 7.29 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और 408.98 लाख मैटेरियल खर्चा हुआ है. जब से अनलॉक शुरू हुआ है, तब से लेकर अभी तक मनरेगा कार्यों पर 13.93 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि 39279 कार्य आवंटित किए गए थे, जिसमें से 34080 कार्य पूरे हो चुके हैं और वर्तमान में 5199 काम चल रहे हैं. राजेंद्र गौतम ने बताया कि आने वाले समय में और अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. लॉकडाउन में आर्थिक रूप से परेशान हुए लोगों के लिए मनरेगा वरदान साबित हुई है.
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि मनरेगा के तहत जिला में बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोगों से रोजगार के साधन छिन गए थे. जिला में मनरेगा के तहत 161 फीसदी लक्ष्य हासिल किया जा चुका है.
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