घुमारवीं/बिलासपुर: घुमारवीं अस्पताल मे स्थानीय विधायक की ओर से रेडियोलॉजिस्ट का पद भरने के आदेश जारी होने के बाद भी ज्वाइंनिग नहीं दी है. 25 जुलाई को पद भरने को लेकर आदेश जारी किए गए थे, लेकिन एक महीना हो जाने के बाद भी किसी की तैनाती नहीं हुई है.
आपको बता दें कि पिछले लगभग 21 सालों से घुमारवीं शहर व आसपास के क्षेत्रों के लोगों को अल्ट्रासांउड की सुविधा नहीं मिल पा रही है. अस्पताल मे रेडियोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत होने के बाद डॉक्टर की तैनाती नहीं होती. घुमारवीं अस्पताल में तीन विधानसभा क्षेत्रों घुमारवीं, झंडूता व सदर की कुछ जगहों के लोग उपचार के लिए आते है. वहीं, इस बार स्थानीय विधायक ने लोगों की मांग को देखते हुए डाक्टरों को रेडियोलॉजिस्ट का पद भरने के आदेश जारी किए थे, लेकिन वह ज्वाइंनिग नहीं दे रहे हैं.
घुमारवीं की 35 पंचायतों के लगभग 80 हजार लोग इस अस्पताल पर निर्भर है. साथ ही सदर व झंडूता के लोग भी इस अस्पताल में आते हैं. कुल 1 लाख से भी ज्यादा लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं. सरकार मरीजों को हर सुविधा उपलब्ध करवाने का दावा करती है, लेकिन घुमारवीं अस्पताल मे सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. घुमारवीं अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के होने से लोगों को नजदीक के अस्पताल में अल्ट्रासांउड की सुविधा उपलब्ध हो सकती है, लेकिन लोगों की सारी उम्मीदें अस्पताल प्रशासन के आगे धराशायी है.
गर्भवती महिलाओं के लिए घुमारवीं अस्पताल की तरफ से पहले अल्ट्रासाउंड की सुविधा निजी अस्पताल मे दी गई थी, लेकिन इससे अन्य मरीज सुविधा से वंचित रह जाते हैं. लोगों को जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है, जिस से लोगों का समय और पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहे है.
गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जो सुविधा दी गई है. वहां एक महीने मे लगभग 152 के करीब महिलाएं निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाती हैं. सीएमओ बिलासपुर का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं था और ऐसी कोई बात होने पर जल्दी ही डॉक्टर तैनात किए जाएंगे. घुमारवीं अस्पताल में डॉक्टर न होने पर अल्ट्रासांउड की सुविधा नहीं चला सकते.