बिलासपुर: जिले में निर्माणाधीन एम्स में स्थानीय लोगों को रोजगार न दिए जाने का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. इसी कड़ी में सोमवार को स्थानीय लोगों ने कांग्रेस, इंटक और अन्य मजदूर संगठनों के नेतृत्व में एम्स परिसर में सांकेतिक धरना दिया.
एम्स प्रशासन को चेतावनी दी गई कि यदि उन्होंने अपना रवैया न बदला और स्थानीय लोगों के हितों को दरकिनार किया तो आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की होगी.
सरकार से यह भी मांग की गई कि ऐम्स संस्थान के आसपास प्रभावित हुई पंचायतों कल्लर, कचोली, कोठीपुरा, राजपुरा, बंदला, कोटला, नियारखंड वासला, नौंणी व रघुनाथपुरा के लोगों को हर सुविधा प्रदान की जाए साथ ही एम्स का एक एग्जिट गेट दक्षिण की तरफ पंचायतों की और भी बनाया जाए.
एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा
वक्ताओं ने आरोप लगाया एम्स प्रशासन स्थानीय लोगों से दुर्व्यवहार कर रहा है और सिक्योरिटी में लगे हुए स्थानीय लोगों को जानबूझकर प्रताड़ित करने पर तुला हुआ है. इन लोगों को यहां से गाजियाबाद, नोएडा और अन्य प्रदेशों में ट्रांसफर किया जा रहा है. यदि इसी तरह का रवैया और मनमानी जारी रही तो आने वाले समय में इस क्षेत्र के लोगों को साथ लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.
'स्थानीय लोगों के हितों से किसी को खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा'
इस मौके पर जिला कांग्रेस के महासचिव संदीप सांख्यान ने कहा स्थानीय लोगों के हितों से किसी को खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा और यदि यही सब चलता रहा तो आने वाले समय में कांग्रेस के बड़े नेता भी इस आंदोलन में कूद जाएंगे.
इस मौके पर प्रदेश इंटक के उपाध्यक्ष भगत सिंह वर्मा, जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान, अधिवक्ता प्रवीण शर्मा, स्वतंत्र ठाकुर, अमित शर्मा, निर्मला राजपूत, रोशन लाल बंधु, कुलदीप ठाकुर, राम दयाल, राम लाल सहगल व बिजली महंत अन्य स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि नुमाइंदे व मौजूद थे.
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