बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. दरअसल, एक मरीज बिमला देवी को फेफड़ों में समस्या उत्पन्न हो गई. जिसके बाद 108 एम्बुलेंस को फोन किया गया. वहीं, इलाज के लिए उसे एम्स बिलासपुर ले जाना था. जब एम्बुलेंस डैम के किनारे पर पहुंची तो पता चला कि मरीज को बिना ऑक्सीजन सिलेंडर एक पल भी घर से बाहर नहीं निकाला जा सकता. जिसके बाद तुरंत प्रभाव से मरीज को राहत पहुंचाने के लिए डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर लाया गया. वहीं, मरीज को बिस्तर पर सिलेंडर के साथ बोट में डाला गया और दूसरे छोर पर खड़ी एम्बुलेंस से एम्स बिलासपुर पहुंचा दिया गया.
जानकारी के अनुसार, मरीज बिमला देवी 52 वर्ष को सांस नहीं आने पर नदी पार कर एम्स पहुंचाना था. बताया जा रहा है कि मरीज को बिना ऑक्सीजन सिलेंडर डैम को पार कर एम्बुलेंस तक पहुंचाना चुनौती बन गया था. एसे में 108 एम्बुलेंस जिला प्रभारी राहुल वर्मा द्वारा तुरंत प्रभाव से मरीज को राहत पहुंचाने के लिए डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर घुमारवीं की एम्बुलेंस से ज्योरीपतन बोट के जरिए पहुंचाया गया. तब जाकर मरीज को बिस्तर पर सिलेंडर के साथ बोट के सहारे एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया. फिलहाल, मरीज का एम्स बिलासपुर में उपचार चल रहा है.
एम्बुलेंस जिला प्रभारी राहुल वर्मा ने बताया कि मरीज फेफड़ों की गंभीर बीमारी से ग्रसित है और सांस लेने में समस्या आ रही थी. ऐसे में उन्हें ईएमटी गणेश दत्त और पायलट रविंद्र की मदद से बोट के जरिए एम्बुलेंस तक ऑक्सीजन स्पोर्ट के साथ पहुंचाया गया और अब उपचार चल रहा है. जिला में इससे पहले भी एम्बुलेंस कर्मियों ने कई तरह के बेहतर कार्य किए हैं. आपात अवस्था में बड़े चिकित्सा संस्थानों के रेफर मरीजों को एम्बुलेंस में ही बेहतर सुविधाएं पहुंचाई गई हैं और कई लोगों की जान बचाई है.
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