बिलासपुरः एनडीआरएफ 7वीं बटालियन और होमगार्ड के जवानों द्वारा आपदा प्रबंधन के दौरान किए जाने वाले बचाव कार्यों और त्वरित कार्रवाई के लिए जिला स्तर पर बिलासपुर में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया.
एडीएम विनय धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला बिलासपुर के राजकीय महाविद्यालय में भूकंप का और उपायुक्त परिसर में आगजनी की नाटकीय घटना को तैयार कर मॉकड्रिल की गई.
सुबह 9 बज कर 30 मिनट पर हूटर बजने के तुरंत बाद जिला में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवी और आमजन निर्धारित स्टेजिंग एरिया कालेज ग्राउंड में पहुंच गए. जहां से आकलन व राहत कार्य में जुटी टीमों को घटना स्थल पर भेज दिया गया.
घटना के उपरांत बचाव कार्य को इंसीडैंट रिंसपोंस सिस्टम की तर्ज पर पूर्ण किया गया. जिसके तहत सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई थी. जिसमें आपदा के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले विभिन्न संसाधानों, रणनीति, कंमाड, आप्रेशन, योजना, क्षमता और लक्ष्य इत्यादि के संदर्भ में कार्य योजना तैयार करके परिस्थिति से निपटने के लिए घटना स्थल पर राहत टीमों को आवश्यक उपकरणों के साथ भेजा गया.
जिला में स्वयं सेवियों को समय-समय पर आपदा प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण देकर ग्राउंड लेवल तक तैयार किया गया है और जिला में राज मिस्त्रियों को भी भूकंप रोधी भवन निर्माण के लिए प्रशिक्षित किया गया है. जिसके लिए पॉलीटेकनिक सुंदरनगर, आईआईटी मंडी के प्रशिक्षकों और प्रोफेसरों का विशेष सहयोग मिला है.
एनडीआरएफ 7वीं बटालियन के इंस्पेक्टर मनोज कुमार भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि एनडीआरएफ का मुख्य कार्यालय भटिंडा में है, जबकि आपदा के दौरा शीघ्र आपदा स्थल पर पहुंचने के लिए क्षेत्रीय प्रतिक्रिया सेंटर आरआरसी भी है.
हिमाचल के लिए कांगड़ा जिले के नुरपूर में है और पिंजौर, लुधियाणा और श्रीनगर में भी आरआरसी स्थापित की गई है. इस अवसर पर आपदा के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले विभिन्न उपकरणों को भी प्रदर्शित किया और उनके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी..
ये भी पढे़ंः केएनएच में नहीं है मास्क, डॉक्टर ने सर्जरी से किया इंकार