बिलासपुर: बिलासपुर पहुंचे खाद्य आपूर्ति एवं नागरिक उपभोक्ता मंत्री राजेंद्र गर्ग ने खाद्य आपूर्ति विभाग में हुए बड़े घोटाले को एक बड़ा चैलेंज माना है. अभी मंत्री ने हाल ही में अपना पदभार संभाला है और शुरूआती दौर में ही बड़ी चुनौती उनके सामने आ गई हैं.
प्रदेश में 125 सरकारी कर्मचारियों द्वारा अंत्योदय और बीपीएल श्रेणी में आकर सरकारी राशन डकारने के मामले पर मंत्री ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों पर कार्रवाई तय है. विभागीय जांच जारी है और कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि अब इस मामले पर संबंधित जिला के एसडीएम जांच अधिकारी होंगे.
मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा है कि उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस बात का सर्वे किया जाए कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में डिपो का राशन लेने के लिए लोगों को दो से तीन किलोमीटर दूर चलना पड़ता है, उन क्षेत्रों को अडेंटीफाई किया जाए ताकि उनमें डिपो या सब डिपो खोलने की प्रक्रिया शुरू की जा सके. वह बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि हाल ही में डिपो खोलने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता 300 राशन कार्ड है, जिसे घटाकर 200 करने की बात भी विभागीय अधिकारियों के साथ की जा रही है.
मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने यह निर्देश भी दिए हैं कि सभी को राशन हर महीने की 10 तारीख तक मिल जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले कल हुई कैबिनेट मीटिंग में इनकम टैक्स देने वालों को राशन लेने बारे में दिए गए आदेशों में आंशिक संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब इनकम टैक्स देने वालों को आटा और चावल सब्सिडी की दरों पर मिलेंगे, लेकिन उसके अलावा भी वह अन्य समान बिना सब्सिडी के डिपू से ले सकते हैं.
राजेंद्र गर्ग ने कहा कि जो इनकम टैक्स नहीं देते यानी कि जिनकी रिटर्न जीरो जाती है, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा उन्हें पहले की तरह सब्सिडी वाला राशन मिलता रहेगा.
कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का उत्तर देते हुए राजेंद्र गर्ग ने कहा कि यह आरोप मनगढ़ंत हैं और केवल राजनीतिक स्टंट और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विभाग को जो निर्देश दिए थे, उन ही निर्देशों के अनुसार नियमानुसार कार्य किया गया है और इसमें 700 के लगभग आवेदन हुए थे. जिनकी जांच हुई और नंबरों और मेरिट के आधार पर इंटरव्यू में बुलाया गया. उसके बाद सिलेक्शन की गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोप उनके मन की उदासीनता है.