बिलासपुर: मां नैना देवी पर भक्तों की बड़ी आस्था है. मान्यता है कि माता भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती है. ऐसे में मनोकामना पूर्ण होने पर जालंधर (पंजाब) निवासी नागेश्वर जोशी अपने परिवार के साथ माता श्री नैना देवी मंदिर पहुंचे और माता को चांदी के नेत्र अर्पित किए. नागेश्वर जोशी का कहना है कि हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी, लेकिन माता की कृपा से 4 साल बाद उनकी आंखों की रोशनी आ गई है.
एक्सीडेंट में चली गई थी आंखों की रोशनी: मान्यता है कि माता श्री नैना देवी श्रद्धालुओं की आंखों की रोशनी ठीक करती हैं. उनके दर्शन मात्र से ही आंखों की बीमारी दूर हो जाती है. इसलिए श्रद्धालु अपनी आंखों की सलामती के लिए माता के दरबार में चांदी के नेत्र चढ़ाते हैं. पंजाब के जालंधर निवासी नागेश्वर जोशी ने बताया कि 4 साल पहले एक एक्सीडेंट में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी, लेकिन अब 4 साल बाद माता की कृपा से उनकी आंखों की रोशनी ठीक हो गई.
डॉक्टरों को आंखों की रोशनी जाने का था डर: चार साल पहले रोड एक्सीडेंट में नागेश्वर के चेहरे और आखों में गहरी चोटे आई थी. इस हादसे के बाद डॉक्टरों को उनकी आंखों की रोशनी सलामत रहने की उम्मीद बहुत कम थी, लेकिन परिवार का माता रानी के प्रति विश्वास पूरी तरह दृढ़ निश्चय था. उस समय नागेश्वर जोशी के बड़े भाई राजेश्वर जोशी ने माता से मन्नत मांगी थी कि अगर उनके भाई की आंखों की रोशनी ठीक रही तो वे माता के दरबार में आकर माता श्री नैना देवी को चांदी के नेत्र चढ़ाएंगे.
आंखें ठीक होने पर परिवार संग पहुंचे मंदिर: 4 साल बाद जब भाई ठीक हो गया तो गुरुवार को राजेश्वर जोशी अपने परिवार सहित माता श्री नैना देवी के दरबार में पहुंचे. वे परिवार सहित माता के दरबार में मन्नत लेकर पहुंचे और माता के चरणों में चांदी के नेत्र अर्पित किए. नागेश्वर उस हादसे को याद करते हुए कहते हैं कि डॉक्टरों ने भी लगभग उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन मां नैनादेवी की कृपा ही है जो उनकी आंखों की रोशनी सही सलामत है.
नागेश्वर जोशी ने अपने पूरे परिवार के साथ माता को चढ़ाए चांदी के नेत्र: 4 साल बाद डॉक्टरों के इलाज और माता की कृपा से नागेश्वर की आंखों की रोशनी सही गई. ऐसे में नागेश्वर परिवार सहित मां नैना देवी को चांदी के नेत्र अर्पित करने पहुंचे. उन्होंने कहा उनका इलाज सफल रहा और आखिरकार उनकी आंखों की ज्योति बरकरार हो गई. जिससे माता के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास और प्रबल हो गया. वे परिवार सहित अपनी मनौती लेकर माता के दरबार में पहुंचे हैं. माता श्री नैना देवी के चरणों में चांदी के नेत्र अर्पित किए और उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया.
ये भी पढ़ें: Jaundice Spread In Hamirpur: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की 4 पंचायतों के 10 गांव में फैला पीलिया, चपेट में आए 44 लोग