बिलासपुरः प्रदेश में गर्मियों की दस्तक के साथ ही ग्रामीण इलाकों में पानी की किल्लत की समस्या शुरू हो गई. बिलासपुर जिला में नाल्टी, मैहरीं, खनसरा, लद्दा वहलवाडी गांव के सैकड़ों किसानों को पानी उपलब्ध कराने वाली उठाऊ सिंचाई योजना बीते तीन सालों से इसलिए बंद हो गई क्योंकि कुछ शरारती तत्वों ने प्रोजेक्ट पंप हाउस से तारें व मोटर के पार्ट चोरी कर लिए थे. इसके बाद जल शक्ति विभाग ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई.
किसानों की फसल को हो रहा नुकसान
लंबे से समय से बारिश न होने व सिंचाई योजना के बंद होने का सीधा असर स्थानीय किसानों की फसलों पर पड़ रहा है. पानी की कमी के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और पशुओं के पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
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कई बार की शिकायत
पंचायत प्रधान का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन इस योजना को न तो शुरू किया गया है और न ही चोरी की वारदातों को रोकने के लिए पंप हाउस में चौकीदार व फिटर की तैनाती की गई है. स्थानीय किसानों ने प्रदेश सरकार व जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है कि जल्द ही सिंचाई योजना नालटी को शुरू किया जाए, ताकि पानी की कमी के चलते किसानों की बर्बाद हो रही फसलों को बचाया जा सके.
इस बारे में बिलासपुर के जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अरविंद वर्मा ने कहा कि नाल्टी सिंचाई योजना लिए जरूरी पार्ट मंगवा दिए हैं. पंप हाउस में जल्द ही चौकीदार व फिटर की नियुक्ति भी की जाएगी.
1979 में शुरु हुई थी योजना
गौरतलब है कि सिचाईं योजना नाल्टी का शुभारंभ 25 सितंबर, 1979 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार ने किया था. इससे आसपास के कई गांव के किसानों की फसलों को पर्याप्त पानी मिलता था, लेकिन 3 साल पहले मोटर पार्ट चोरी होने के बाद यह योजना ठप पड़ गई. इससे सिंचाई के लिए पानी की कमी होने से किसानों की फसलों को नुकसान होने लगा. जल शक्ति विभाग से आश्वासन के बाद किसानों को पानी की किल्लत से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी है.
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