बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश से मत्स्य विभाग को भी करोड़ों रूपये का नुकसान पहुंचा है. इस साल प्रदेश के जलाशयों में मछली उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि प्रदेश के सभी बड़े जलाशयों में भारी बारिश के चलते काफी मात्रा में गाद और पानी एकत्रित हो गया है. जिससे मत्स्य प्रजनन में भारी गिरावट भी आ सकती है.
मत्स्य पालन पर बरपा बारिश का कहर: विभागीय जानकारी के अनुसार मत्स्य विभाग को इस बरसात में करीब 12.66 करोड़ की चपत लगी है. जबकि निजी क्षेत्र में मछली उत्पादन के तालाबों व ढांचों को करीब 3.77 करोड़ का नुकसान आकलन किया है. सबसे ज्यादा नुकसान चंबा, कुल्लू और सोलन जिलों में हुआ है. जबकि किन्नौर जिला में भी मत्स्य व विभागीय ढांचे को भारी क्षति पहुंची है.
कुल्लू मत्स्य विभाग को भारी नुकसान: विभाग ने कुल्लू के पतलीकूहल ट्राउट फार्म को रिवाइव करने के लिए कसरत शुरू कर दी है. केंद्रीय टीम को सौंपी रिपोर्ट में कुल्लू जिले में मछली उत्पादन में हुए नुकसान का आंकड़ा मौजूद है. इसके तहत कुल्लू जिले में लगभग 2.23 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसमें करीब 25.28 लाख मत्स्य धन की क्षति हुई है और लगभग 80 लाख रुपए का विभागीय ढांचे को नुकसान पहुंचा है. बटाहर मत्स्य फार्म की संपत्ति व मत्स्य धन को को 15 लाख रुपए व हामणी फार्म को 80 लाख की क्षति हुई है.
मत्स्य पालन पर भारी पड़ा मानसून: इसी प्रकार सोलन जिले में कार्यालय भवन व स्टोर को करीब 3 करोड़ की चपत लगी है. किन्नौर जिले में ट्राउट फार्म सांगला की जलापूर्ति की क्षति हुई है, जिसमें करीब 1.57 करोड़ 97 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. इसी तरह ऊना में मत्स्य कार्यालय के उपकरण व कंप्यूटर खराब हो गए हैं. मंडी के जंजैहली में कार्प हैचरी व बरोट में ट्राउट मत्स्य धन की क्षति हुई है, जिसका लगभग 64 लाख का नुकसान हुआ है. बिलासपुर में कार्प फार्म दयोली में मछली उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचा है. बिलासपुर में करीब 3.77 करोड़ का आकलन किया है, जिसमें पौंड व फिश की क्षति हुई है.
मत्स्य निदेशालय हिमाचल प्रदेश बिलासपुर के निदेशक विकास शर्मा ने बताया कि बारिश से मत्स्य विभाग को बड़े पैमाने पर चपत लगी है. जिसकी रिपोर्ट केंद्रीय टीम को सौंप दी गई है. विभाग की संपत्ति व मत्स्य धन को करीब 12.66 करोड़, जबकि निजी क्षेत्र में लगभग 3.77 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.
चंबा में मत्स्य विभाग को करोड़ों का नुकसान: विभागीय आंकडों के अनुसार, चंबा जिले में करीब 4.90 करोड़ के नुकसान का आकलन है, जिसमें तालाबों में गाद भरने से मत्स्य व संपत्ति को 90 लाख का नुकसान हुआ है. निकास नालियों में 80 लाख, कार्यालय भवन व सामानों को 36 लाख, मत्स्य आहार संयंत्र को 40 लाख, एंगलिंग हट को 35 लाख, स्टोर रूम को 40 लाख, एक्वेरियम हाउस को 10 लाख, सुरक्षा दीवार को 50 लाख, रसोई घर व स्नानागार को 30 लाख, ट्राउट फार्म थल्ला में ट्राउट रेसवेज और जलापूर्ति को 20 लाख और एक्वा शॉप धंसने व निकास नाली को 20 लाख की नुकसान पहुचा है.
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