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नवनियुक्त वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने बिलासपुर में कार्यकर्ताओं से की मुलाकात

हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने बिलासपुर के सर्किट हाऊस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. बातचीत करते हुए उन्होने बताया की जंगलों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे. राकेश पठानिया मंत्रालय मिलने के बाद शिमला से अपने गृहक्षेत्र नूरपुर जा रहे थे. इस दौरान वो बिलासपुर के सर्किट हाऊस में रूके हुए थे.

forest minister rakesh pathania
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Published : Aug 1, 2020, 6:12 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने बिलासपुर के सर्किट हाऊस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि जंगलों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे. राकेश पठानिया मंत्रालय मिलने के बाद शिमला से अपने गृहक्षेत्र नूरपुर जा रहे थे. शनिवार को वह सर्किट हाऊस में कुछ समय के लिए रूके. जहां उन्होंने बिलासपुर के नेताओं व कार्यकर्ताओं से बातचीत की.

राकेश पठानिया ने अनौपचारिक बातचीत में अपनी प्राथमिकताएं गिनाई. उन्होंने बताया कि हिमाचल में 66 प्रतिशत एरिया जंगलों के अधीन आता है और जंगल हमारे लिए बेशकीमती हैं, जिनके जरिए ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जुटाया जा सकता है. इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी.

वन विभाग के अधीन जो प्रोजेक्ट बिलासपुर, पावंटा साहिब व नूरपुर इत्यादि जगहों पर चल रहे हैं. उनके जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जाएगा. राकेश पठानिया के अनुसार जंगलों में खैर और चीड़ के पेड़ आमदनी का एक बड़ा सोर्स है. खैर और चीड़ को कैश क्रॉप बनाया जा सकता है.

हालांकि इस बाबत एक प्लान तैयार करवाया जाएगा, जिसके तहत बेरोजगार युवाओं के लिए घरद्वार पर ही स्वरोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वनों को रोजगार का एक उत्तम जरिया बनाया जाएगा. जिसके लिए सुनियोजित तरीके से योजनाएं चलाई जाएंगी, जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें.

पढ़ें: हिमाचल में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण 25 फीसदी मक्की की फसल तबाह, किसान परेशान

पढ़ें: बेटे की चाह में बाप बना कातिल, पैदा होते ही बच्ची को उतारा मौत के घाट

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने बिलासपुर के सर्किट हाऊस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि जंगलों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे. राकेश पठानिया मंत्रालय मिलने के बाद शिमला से अपने गृहक्षेत्र नूरपुर जा रहे थे. शनिवार को वह सर्किट हाऊस में कुछ समय के लिए रूके. जहां उन्होंने बिलासपुर के नेताओं व कार्यकर्ताओं से बातचीत की.

राकेश पठानिया ने अनौपचारिक बातचीत में अपनी प्राथमिकताएं गिनाई. उन्होंने बताया कि हिमाचल में 66 प्रतिशत एरिया जंगलों के अधीन आता है और जंगल हमारे लिए बेशकीमती हैं, जिनके जरिए ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जुटाया जा सकता है. इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी.

वन विभाग के अधीन जो प्रोजेक्ट बिलासपुर, पावंटा साहिब व नूरपुर इत्यादि जगहों पर चल रहे हैं. उनके जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जाएगा. राकेश पठानिया के अनुसार जंगलों में खैर और चीड़ के पेड़ आमदनी का एक बड़ा सोर्स है. खैर और चीड़ को कैश क्रॉप बनाया जा सकता है.

हालांकि इस बाबत एक प्लान तैयार करवाया जाएगा, जिसके तहत बेरोजगार युवाओं के लिए घरद्वार पर ही स्वरोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वनों को रोजगार का एक उत्तम जरिया बनाया जाएगा. जिसके लिए सुनियोजित तरीके से योजनाएं चलाई जाएंगी, जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें.

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