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घुमारवीं की डॉ. शुभ्रा शर्मा को मिला जेजी नेगी साइंटिस्ट अवार्ड, राजेंद्र गर्ग ने दी शुभकामनाएं

घुमारवीं की रहने वाली यंग साइंटिस्ट डॉ. शुभ्रा शर्मा ने जिन्हे अभी हाल ही में जेजी नेगी सांइटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया है, जो कि न सिर्फ जिला बल्कि प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है. यह अवार्ड डॉ. शुभ्रा को इंडियन जियोफिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री यूनियन हैदराबाद की ओर से दिया गया है.

Dr. shubra sharma
घुमारवी की डॉ. शुभ्रा शर्मा
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Published : Jan 6, 2021, 9:39 PM IST

बिलासपुर: कहते हैं जहां चाह वहां राह कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया घुमारवीं की रहने वाली यंग सांइटिस्ट डॉ. शुभ्रा शर्मा ने जिन्हें अभी हाल ही में जेजी नेगी साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया है, जो कि न सिर्फ जिला बल्कि प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है. यह अवार्ड डॉ. शुभ्रा को इंडियन जियोफिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री यूनियन हैदराबाद की ओर से दिया गया है.

डॉ. शुभ्रा ने हिमालय के ग्लेशियर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने की दिशा में अद्वितीय शोध कार्य किया है, जिस के लिए उन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया है. वर्तमान में शुभ्रा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी (यूपी) में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रही हैं.

बचपन से ही हिमालय को लेकर जिज्ञासु रही शुभ्रा

घुमारवीं से संबंध रखने वाली ये यंग सांइटिस्ट सेवानिवृत्त निदेशक शिक्षा विभाग डा. ओपी शर्मा तथा सेवानिवृत प्रिंसीपल नीलम शर्मा की बेटी है. पिता की नौकरी काल में इनकी प्रारंभिक शिक्षा मंडी, शिमला आदि स्थानों पर हुई. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से जियोग्राफी विषय में मास्टर की डिग्री हासिल की. जबकि पीएचडी की उपाधि वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून से प्राप्त की है. उसके बाद शुभ्रा ने फिजीकल रिसर्च लेबोरेट्री अहमदाबाद से पोस्ट डॉक्ट्रल फैलोशिप की उपाधि हसिल की.

बतौर शिक्षिका दी सेवाएं

बतौर इंस्पायर फैक्ल्टी उन्होने दो साल शिक्षिका और बतौर वैज्ञानिक काम किया. शुभ्रा बचपन से ही जिज्ञासु रहीं, प्रकृति के रहस्य, विशेषकर हिमालय कैसे बना, ग्लेशियर का निर्माण कैसे होता है, हिमालयी परिदृश्य पर नदियों आदि पर शोध करने उनके रहस्यों को खोजना शुभ्रा को अच्छा लगता है.

सफलता का श्रेय माता पिता और गुरुओं को दिया

शुभ्रा ने अपने उपलब्धियों का श्रेय अपने मार्गदर्शक के साथ-साथ माता पिता को दिया है. डॉ. शुभ्रा शर्मा पृथ्वी के इन्ही रहस्यों को खोजकर महत्पवूर्ण जानकारियां जुटाना चाहती हैं. वहीं, खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने भी घुमारवीं की इस बेटी की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

ये भी पढे: हिमाचल में बर्ड फ्लू का बढ़ता खौफ, नाहन में चिकन शाॅप्स से बड़ी मात्रा में हुई सैंपलिंग

बिलासपुर: कहते हैं जहां चाह वहां राह कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया घुमारवीं की रहने वाली यंग सांइटिस्ट डॉ. शुभ्रा शर्मा ने जिन्हें अभी हाल ही में जेजी नेगी साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया है, जो कि न सिर्फ जिला बल्कि प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है. यह अवार्ड डॉ. शुभ्रा को इंडियन जियोफिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री यूनियन हैदराबाद की ओर से दिया गया है.

डॉ. शुभ्रा ने हिमालय के ग्लेशियर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने की दिशा में अद्वितीय शोध कार्य किया है, जिस के लिए उन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया है. वर्तमान में शुभ्रा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी (यूपी) में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रही हैं.

बचपन से ही हिमालय को लेकर जिज्ञासु रही शुभ्रा

घुमारवीं से संबंध रखने वाली ये यंग सांइटिस्ट सेवानिवृत्त निदेशक शिक्षा विभाग डा. ओपी शर्मा तथा सेवानिवृत प्रिंसीपल नीलम शर्मा की बेटी है. पिता की नौकरी काल में इनकी प्रारंभिक शिक्षा मंडी, शिमला आदि स्थानों पर हुई. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से जियोग्राफी विषय में मास्टर की डिग्री हासिल की. जबकि पीएचडी की उपाधि वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून से प्राप्त की है. उसके बाद शुभ्रा ने फिजीकल रिसर्च लेबोरेट्री अहमदाबाद से पोस्ट डॉक्ट्रल फैलोशिप की उपाधि हसिल की.

बतौर शिक्षिका दी सेवाएं

बतौर इंस्पायर फैक्ल्टी उन्होने दो साल शिक्षिका और बतौर वैज्ञानिक काम किया. शुभ्रा बचपन से ही जिज्ञासु रहीं, प्रकृति के रहस्य, विशेषकर हिमालय कैसे बना, ग्लेशियर का निर्माण कैसे होता है, हिमालयी परिदृश्य पर नदियों आदि पर शोध करने उनके रहस्यों को खोजना शुभ्रा को अच्छा लगता है.

सफलता का श्रेय माता पिता और गुरुओं को दिया

शुभ्रा ने अपने उपलब्धियों का श्रेय अपने मार्गदर्शक के साथ-साथ माता पिता को दिया है. डॉ. शुभ्रा शर्मा पृथ्वी के इन्ही रहस्यों को खोजकर महत्पवूर्ण जानकारियां जुटाना चाहती हैं. वहीं, खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने भी घुमारवीं की इस बेटी की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

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