बिलासपुर: विश्वविख्तात शक्तिपीठ नैना देवी में श्रावण महीने के दौरान लाखों की संख्या में भीड़ देखने को मिलती है. श्रावण मास में पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु माता के दरबार में शीश नवाने पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना वायरस संकट के चलते मंदिर परिसर सूना पड़ा हुआ है.
नैना देवी मंदिर के पास कोला वाला टोबा पड़ाव स्थल श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र होता था. मंदिर जाने से पूर्व ज्यादातर श्रद्धालु सबसे पहले कोला वाला टोबा पड़ाव स्थल पर रुकते हैं. यहां पर स्नान करने के बाद भी श्रद्धालु मंदिर की ओर कूच करते हैं. कहा जाता है कि इस तलाब का पौराणिक महत्व है.
मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से श्रद्धालुओं की कई परेशानियों का अंत हो जाता है. जिस वजह से नैना देवी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की आस्था इस तालाब पर और बढ़ जाती है. इस साल कोरोना महामारी के चलते श्रावण का मेले स्थगित कर दिए हैं, जिसके चलते इस साल कोला वाला टोबा सरोवर खाली नजर आ रहा है.
बता दें कि कोला वाला टोबा सरोवर में इन दिनों कमल के फूल खिले हैं. मंदिर न्यास ने इस कोला वाला टोबा सरोवर के सौंदर्यीकरण पर लाखों रुपये खर्च किए हैं. सरोवर में खिलने वाले कमल के फूल इस सरोवर की सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं. हालांकि इस साल श्रद्धालु सरोवर में उगने वाले कमल के फूलों का दीदार नहीं कर पाएंगे.
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