बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में होने वाले मेले उत्सव न सिर्फ यहां की समृद्ध परंपरा के परिचायक होते हैं, बल्कि हजारों परिवारों की रोजी रोटी का सीधे तौर पर जरिया भी होते हैं. इस बार कोरोना के कहर से असंख्य व्यापारियों की रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
भारत सरकार की कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए जारी एडवाइजरी का सभी प्रदेश सरकारें पालन कर रही हैं. इस कारण प्रदेश में होने वाले सभी मेलों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया है. यह आदेश उस समय पारित हुए हैं जब बिलासपुर के प्राचीन नलवाड़ी मेले का आगाज होने वाला था और यह आदेश आ गए. इसके चलते बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के मेले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गए.
वहीं, बिलासपुर में अधिकांश व्यापारी पहुंच गए थे, जिसमें कई दुकानदार, मनोरंजन और झूले आदि वाले शामिल हैं. कईयों ने तो अपना तामझाम भी स्थापित कर लिया है, लेकिन अब वे मायूस होकर धीरे-धीरे अपने सामान को उतारकर कई वापस हो रहे हैं.
राज्यस्तरीय बिलासपुर नलवाड़ी मेले की प्रशासनिक तौर पर अधिकांश तैयारियां हो चुकी थी. इसके तहत आयोजन समितियों का गठन और मेला ग्राऊंड में भूमि अलॉटमेंट कार्य हो चुका था. व्यापारियों ने पैसे तक भर दिए थे, लेकिन सब कुछ कोरोना की भेंट चढ़ गया.
गौर हो कि व्यापारियों का यह वर्ग घुमंतु किस्म का होता है, जो प्रदेश के विभिन्न जगहों पर होने वाले मेलों में अपनी दुकानदारी सजाते हैं. इससे उनका व परिवार का जीवन यापन होता है, लेकिन इस बार मंडी की शिवरात्रि के बाद होने वाले सभी लोकल, जिला व राज्यस्तरीय मेलों पर विराम लग गया है. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से लोगों द्वारा जमा करवाए गए पैसों को लौटाया जा रहा है.
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