बिलासपुर: जिला में अब कोरोना पाॅजिटिव मरीज को कोविड केयर सेंटर में भर्ती होना अनिवार्य नहीं रहेगा. अगर पाॅजिटिव मरीज के घर में पूरी तरह से आइसोलेट होने की सुविधा है, तो वह अपने घर पर भी उपचार करवा सकता है, लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की अंतिम मुहर लगाना जरूरी रहेगा. उसी के बाद उसे होम आइसोलेट किया जा सकेगा.
सीएमओ डाॅ. प्रकाश दड़ोच ने बताया कि अभी तक जिला में करीब 7 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को घर में ही होम आइसोलेट किया गया. वहीं, इस होम आइसोलेट सुविधा में सबसे पहले मरीज का अपना अलग से कमरा होना चाहिए, जिस कमरे में कोई भी प्रवेश न कर सके. कमरा खुला और हवादार होना चाहिए. वहीं, कमरे के भीतर से बाथरूम की सुविधा होनी चाहिए. साथ ही वहां से एक ऐसी खिड़की भी होनी चाहिए, जिसके पाॅजिटिव मरीज के घर वाले उसे जरूरी चीजें बाहर दे सकें.
उन्होंने बताया कि जिला से अब तक 8475 लोगों के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईजीएमसी शिमला भेजे गए हैं, उनमें से 8064 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और 181 की रिपार्ट अभी तक पाॅजिटिव आई है. 231 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है. 126 लोग अभी तक कोरोना से निजात पा चुकेे हैं और 55 का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी भी बाहर से लोग अपने-अपने घरों को आ रहें हैं, सभी की बॉर्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और सरकार के आदेशानुसार जो लोग हाई-लोड क्षेत्र से आ रहे हैं, उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जा रहा है. 5 से 7 दिनों के अंदर उनका कोरोना टैस्ट किया जा रहा और नेगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारंटाइन पर भेजा जा रहा है.