बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को अब चंबयाली धाम, बिलासपुरी धाम, मंडयाली धाम और कांगड़ी धाम खाने के लिए संबंधित जिले का रूख नहीं करना पड़ेगा. अब हिमाचल टूरिज्म के होटलों में इन सभी जिलों की स्पेशल धाम का जायका लिया जा सकता है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश टूरिज्म के होटल और कैफे में कुक को बतौर प्रशिक्षण दिया गया.
होटलों में मिलेगी सभी जिलों की धाम: हिमाचल प्रदेश के सभी टूरिज्म होटलों में इन दिनों यह प्रशिक्षण कैंप लगा हुआ था. जिसमें 15 होटलों से 64 के करीब कुक तैयार किए गए हैं. बिलासपुर जिले में यह ट्रेनिंग प्रोग्राम लेक व्यू कैफे में 24 से लेकर 26 जुलाई तक आयोजित किया गया. जिसमें बिलासपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी जिलों के मशहूर बोटी (रसोइए) ने होटलों के कुक को धाम व इसमें बनने वाले व्यंजन जैसे धुली दाल, राजमाह व सेपू बड़ी का मदरा इत्यादि बनाने की पूरी विधि सिखाई.
होटलों में हिमाचली धाम का जायका: हिमाचल टूरिज्म के सभी होटलों में एक-एक कुक को धाम तैयार करना सिखाया गया. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सारा साल हजारों की संख्या में पर्यटकों आते हैं. मनाली के लिए पर्यटक बिलासपुर होकर गुजरते हैं. इस बीच कई बार पर्यटक हिमाचली जायके का मजा लेने के लिए लोकल धाम की डिमांड करते हैं, लेकिन ज्यादातर होटलों में यह व्यवस्था न होने की वजह से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है.
ये खास व्यंजन रहेंगे धाम का हिस्सा: जिसके चलते अब हिमाचल टूरिज्म ने होटलों के मेन्यू में शामिल लजीज व्यंजनों के साथ विभिन्न जिलों की मशहूर धाम का तड़का लगाने का फैसला लिया है. जिसके लिए बिलासपुर में 3 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. ऐसे में अब हिमाचल टूरिज्म के होटलों में मंडियाली धाम की सेपू बड़ी, बिलासपुरी धाम की धुली दाल, कांगड़ा का मदरा और चंबा के राजमाह का मदरा परोसा जाएगा. इससे देश भर के पर्यटकों को हिमाचली जायके का स्वाद मिलेगा और निगम की आय में भी इजाफा होगा.
हिमाचल में 3 दिन तक लगा ट्रेनिंग कैंप: पर्यटन विकास निगम के बिलासपुर में कार्यरत प्रबंधक तुलसी राम शर्मा ने बताया कि प्रदेश के होटलों में अब सैलानियों को यहां के विभिन्न जिलों की मशहूर धामों का जायका मिलेगा. तीन दिन तक बिलासपुर में कुक को ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया गया है. उन्होंने बताया कि हिमाचल टूरिज्म की ओर से लगभग 15 होटलों में इसकी व्यवस्था का प्रबंध किया गया था. बिलासपुर से लेकर मनाली तक निगम के काफी होटल संचालित हैं. इन सभी होटलों से एक कुक प्रदेश की सभी पारंपरिक धाम तैयार करने में अब एक्सपर्ट है.
15 सितंबर तक 50 फीसदी छूट: पिछले साल जिला बिलासपुर में घाटे में रहे होटलों की आमदनी कई गुणा बढ़ गई है. पर्यटन विकास निगम बिलासपुर प्रबंधक तुलसी राम ने बताया कि यह पहली बार हुआ कि जब एक वर्ष में निगम के होटलों का कारोबार 2.24 करोड़ तक पहुंचा हो. हालांकि 2021 में 1.44 करोड़ रुपये की आय हुई थी और 25 लाख का सालाना घाटा दर्ज किया गया था, लेकिन साल 2022 में घाटा पूरा करने के साथ ही 36 लाख रूपये का नेट प्रॉफिट हुआ. अब धाम शुरू होने से आय में और अधिक बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है. आपदा से हुए नुकसान के मद्देनजर निगम ने अपने होटलों में ठहरने के लिए 15 सितंबर तक 50 फीसदी की छूट दी गई है.
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