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बिलासपुर में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग किट की हुई शुरुआत, ऐसे लिए जाएंगे सैंपल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दरोच ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्टिंग प्रणाली शुरू की गई है. रैपिड एंटीजन टेस्ट किट प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होती है. सैंपल लिक्विड डालने के बाद दो रेड लाइन आती है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है. एक लाइन आती है, तो कोरोना निगेटिव है फिर भी निगेटिव वाले लोगों में अगर फ्लू संबंधी लक्षण हो तो उन्हें दूसरा आईटी पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी होता है.

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Published : Sep 11, 2020, 10:45 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 6:28 PM IST

बिलासपुर: कोरोना संक्रमण की अब नई तकनीक से जांच की जाएगी. लोगों को रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना होगा बल्कि यह 15 से 20 मिनट के अंदर आ जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दरोच ने बताया कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्टिंग प्रणाली शुरू की गई है. यह टेस्टिंग प्रणाली कोरोना बीमारी के खिलाफ लड़ाई में बहुत काम आएगी और भविष्य में इसमें बदलाव लाएगी.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट इस जांच में टेस्ट के लिए नाक में एक पतली सी नली से सैंपल लिया जाता है, नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है और यह किट थोड़ी ही देर में बता देती है कि जिसका सैंपल डाला गया है, वह कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होती है. सैंपल लिक्विड डालने के बाद दो रेड लाइन आती है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है. एक लाइन आती है, तो कोरोना निगेटिव है फिर भी निगेटिव वाले लोगों में अगर फ्लू संबंधी लक्षण हो तो उन्हें दूसरा आईटी पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी होता है.

वीडियो.

इस रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट के लिए मरीज को अब एक से दो दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता है, लेकिन अब इसकी रिपोर्ट मात्र 15 से 20 मिनट में आएगी. उन्होंने बताया कि सैंपल व रैपिड एंटीजन टेस्ट केवल प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ही लिए जाते हैं, जिसने इसकी ट्रेनिंग ली है.

डॉ. प्रकाश चंद दरोच ने कहा कि कोरोना सैंपल लेने के दौरान उन सभी लोगों को जिनको फ्लू संबंधी लक्षण हैं, उनको स्वीकृति पत्र देना होगा कि जब तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती तब तक वह होम क्वारंटाइन में रहेंगे. अगर कोई इसकी अवहेलना करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है.

रैपिड एंटीजन टेस्ट सरकार की तरफ से अभी कंटेनमेंट जोन मे कोरोना संकर्मित व्यक्ति के कॉन्टेक्ट में आए हुए लोगों के लिए है. जिनको फ्लू संबंधी लक्षण पाए जाते हैं या बिना लक्षण के लोग जिनमें कोमोरबिडिटी जैसे सांस की दिक्कत, हृदय संबंधी रोग यकृत संबंधी रोग गुर्दे संबंधी रोगए शुगर व कैंसर आदि से ग्रसित लोग और हैल्थ के फ्रंटलाइन वॉरियर्स जिनको कोरोना वायरस संक्रमण होने की संभावना रहती है, सिर्फ इन्हीं को ही टेस्ट की इजाजत दी गई है.

पढ़ें: कांगड़ा में कोरोना से एक और मौत, 57 नए मामले

बिलासपुर: कोरोना संक्रमण की अब नई तकनीक से जांच की जाएगी. लोगों को रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना होगा बल्कि यह 15 से 20 मिनट के अंदर आ जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दरोच ने बताया कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्टिंग प्रणाली शुरू की गई है. यह टेस्टिंग प्रणाली कोरोना बीमारी के खिलाफ लड़ाई में बहुत काम आएगी और भविष्य में इसमें बदलाव लाएगी.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट इस जांच में टेस्ट के लिए नाक में एक पतली सी नली से सैंपल लिया जाता है, नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है और यह किट थोड़ी ही देर में बता देती है कि जिसका सैंपल डाला गया है, वह कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं.

रैपिड एंटीजन टेस्ट किट प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होती है. सैंपल लिक्विड डालने के बाद दो रेड लाइन आती है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है. एक लाइन आती है, तो कोरोना निगेटिव है फिर भी निगेटिव वाले लोगों में अगर फ्लू संबंधी लक्षण हो तो उन्हें दूसरा आईटी पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी होता है.

वीडियो.

इस रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट के लिए मरीज को अब एक से दो दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता है, लेकिन अब इसकी रिपोर्ट मात्र 15 से 20 मिनट में आएगी. उन्होंने बताया कि सैंपल व रैपिड एंटीजन टेस्ट केवल प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ही लिए जाते हैं, जिसने इसकी ट्रेनिंग ली है.

डॉ. प्रकाश चंद दरोच ने कहा कि कोरोना सैंपल लेने के दौरान उन सभी लोगों को जिनको फ्लू संबंधी लक्षण हैं, उनको स्वीकृति पत्र देना होगा कि जब तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती तब तक वह होम क्वारंटाइन में रहेंगे. अगर कोई इसकी अवहेलना करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है.

रैपिड एंटीजन टेस्ट सरकार की तरफ से अभी कंटेनमेंट जोन मे कोरोना संकर्मित व्यक्ति के कॉन्टेक्ट में आए हुए लोगों के लिए है. जिनको फ्लू संबंधी लक्षण पाए जाते हैं या बिना लक्षण के लोग जिनमें कोमोरबिडिटी जैसे सांस की दिक्कत, हृदय संबंधी रोग यकृत संबंधी रोग गुर्दे संबंधी रोगए शुगर व कैंसर आदि से ग्रसित लोग और हैल्थ के फ्रंटलाइन वॉरियर्स जिनको कोरोना वायरस संक्रमण होने की संभावना रहती है, सिर्फ इन्हीं को ही टेस्ट की इजाजत दी गई है.

पढ़ें: कांगड़ा में कोरोना से एक और मौत, 57 नए मामले

Last Updated : Sep 13, 2020, 6:28 PM IST
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