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सीमेंट प्लांट बंद होने से हिमाचल में बढ़ेगी बेरोजगारी, कई परिवारों पर रोजगार का संकट

एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद की गई हैं. एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा से जिला बिलासपुर और प्रदेश के करीब 3800 ट्रक ऑपरेटर जुड़े हैं. इनमें द बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा के 2,300 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं. पूर्व सैनिक सभा के 1,500 ट्रक हैं. अगर प्लांट बंद होता है तो 3,800 ऑपरेटर बेरोजगार होंगे. इसके अलावा 3,800 चालक, 1,500 परिचालक बेरोजगार होंगे. (Cement factory closed in Barmana)

Cement factory closed in Barmana
Cement factory closed in Barmana
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Published : Dec 16, 2022, 3:10 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर के बरमाणा में बंद हुई सीमेंट फैक्ट्री से प्रदेश में बड़ी बेरोजगारी की त्रासदी आएगी. क्योंकि इससे न केवल ऑपरेटर, बल्कि छोटे से बड़े कारोबारी व दुकानदारों पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं. इसी के साथ फैक्ट्री बंद होने से बरमाणा क्षेत्र के अधिकतर लोग प्रभावित होंगे. इसके बंद होने से हिमाचल सरकार को भी आर्थिकी नुकसान होगा. क्योंकि उक्त कंपनी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा हिमाचल सरकार को भी देती आई है. (Cement factory closed in Barmana)

बताया जा रहा है कि बैठक में एसीसी प्रबंधन जहां ढुलाई किराया कम करने की बात कर रहा है. वहीं, ऑपरेटरों ने किराया कम नहीं करने की बात कही है. वहीं, अब अगली बैठक 20 दिसंबर को रखी गई है. ऑपरेटरों ने भी बैठक आयोजित कर जल्द ही इस मसले पर निर्णय लेने के साथ विचार विमर्श करने की बात कही है. लेकिन जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता है तब तक एसीसी सीमेंट उद्योग पर ताला ही लटका रहेगा. (ACC cement Plant Closed in Himachal)

जानकारी के अनुसार बुधवार देर शाम को कंपनी प्रबंधन ने प्लांट को बंद करने के फरमान जारी कर दिए. उधर, अदानी समूह की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा के प्लांट हेड ने बुधवार शाम को नोटिस जारी कर गुरुवार से फैक्ट्री में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद करने की घोषणा की. एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा से जिला बिलासपुर और प्रदेश के करीब 3800 ट्रक ऑपरेटर जुड़े हैं. इनमें द बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा के 2,300 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं. पूर्व सैनिक सभा के 1,500 ट्रक हैं. अगर प्लांट बंद होता है तो 3,800 ऑपरेटर बेरोजगार होंगे. इसके अलावा 3,800 चालक, 1,500 परिचालक बेरोजगार होंगे.

फैक्ट्री बंद होने से बिलासपुर से स्वारघाट तक करीब 600 मेकेनिक और टायर पंचर का काम करने वालों की ज्यादातर रोजी-रोटी ट्रकों से चलती है. इनके अलावा क्षेत्र में ढाबा चलाने वालों की रोजी-रोटी पर भी प्रभाव पड़ेगा. कंपनी में 530 नियमित कर्मचारी और 450 कर्मचारी ठेके पर हैं. फैक्ट्री बंद होने से इन सभी पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा. करीब पांच माह पहले ही अदानी समूह ने एसीसी इकाई को टेकओवर किया था. उसके बाद पहले एसीसी और ट्रक ऑपरेटर के बीच हुए 15,000 मीट्रिक टन माल ढुलाई को कम कर 5,000 मीट्रिक टन किया. उसके बाद ऑपरेटरों ने जमकर इसका विरोध किया. अब कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों को भी काम पर आने से मनाही कर दी.

उधर, इस संदर्भ में पूर्व उद्योग मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस मसले को लेकर ऑपरेटरों के साथ है. उन्होंने कहा कि इस ओर उचित कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि दोनों प्लांट से हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब और हरियाणा के लिए सीमेंट की आपूर्ति की जाती है. पंजाब और हरियाणा से माल गाड़ियों में सीमेंट देश के अन्य राज्यों में भी भेजा जाता है. वर्तमान में एसीसी कंपनी पांच हजार मीट्रिक टन सीमेंट उत्पादन हर दिन कर रही थी. कंपनी की क्षमता 15 हजार मीट्रिक टन सीमेंट और क्लींकर उत्पादन की है. प्रदेश में हर दिन तीन हजार मीट्रिक टन एसीसी सीमेंट की खपत होती है.

ये भी पढ़ें: अंबुजा कंपनी के गेट पर इकट्ठे हुए ट्रक ऑपरेटर, सरकार को ही आगामी कदम उठाने की कही बात

बिलासपुर: बिलासपुर के बरमाणा में बंद हुई सीमेंट फैक्ट्री से प्रदेश में बड़ी बेरोजगारी की त्रासदी आएगी. क्योंकि इससे न केवल ऑपरेटर, बल्कि छोटे से बड़े कारोबारी व दुकानदारों पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं. इसी के साथ फैक्ट्री बंद होने से बरमाणा क्षेत्र के अधिकतर लोग प्रभावित होंगे. इसके बंद होने से हिमाचल सरकार को भी आर्थिकी नुकसान होगा. क्योंकि उक्त कंपनी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा हिमाचल सरकार को भी देती आई है. (Cement factory closed in Barmana)

बताया जा रहा है कि बैठक में एसीसी प्रबंधन जहां ढुलाई किराया कम करने की बात कर रहा है. वहीं, ऑपरेटरों ने किराया कम नहीं करने की बात कही है. वहीं, अब अगली बैठक 20 दिसंबर को रखी गई है. ऑपरेटरों ने भी बैठक आयोजित कर जल्द ही इस मसले पर निर्णय लेने के साथ विचार विमर्श करने की बात कही है. लेकिन जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता है तब तक एसीसी सीमेंट उद्योग पर ताला ही लटका रहेगा. (ACC cement Plant Closed in Himachal)

जानकारी के अनुसार बुधवार देर शाम को कंपनी प्रबंधन ने प्लांट को बंद करने के फरमान जारी कर दिए. उधर, अदानी समूह की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा के प्लांट हेड ने बुधवार शाम को नोटिस जारी कर गुरुवार से फैक्ट्री में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद करने की घोषणा की. एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा से जिला बिलासपुर और प्रदेश के करीब 3800 ट्रक ऑपरेटर जुड़े हैं. इनमें द बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा के 2,300 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं. पूर्व सैनिक सभा के 1,500 ट्रक हैं. अगर प्लांट बंद होता है तो 3,800 ऑपरेटर बेरोजगार होंगे. इसके अलावा 3,800 चालक, 1,500 परिचालक बेरोजगार होंगे.

फैक्ट्री बंद होने से बिलासपुर से स्वारघाट तक करीब 600 मेकेनिक और टायर पंचर का काम करने वालों की ज्यादातर रोजी-रोटी ट्रकों से चलती है. इनके अलावा क्षेत्र में ढाबा चलाने वालों की रोजी-रोटी पर भी प्रभाव पड़ेगा. कंपनी में 530 नियमित कर्मचारी और 450 कर्मचारी ठेके पर हैं. फैक्ट्री बंद होने से इन सभी पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा. करीब पांच माह पहले ही अदानी समूह ने एसीसी इकाई को टेकओवर किया था. उसके बाद पहले एसीसी और ट्रक ऑपरेटर के बीच हुए 15,000 मीट्रिक टन माल ढुलाई को कम कर 5,000 मीट्रिक टन किया. उसके बाद ऑपरेटरों ने जमकर इसका विरोध किया. अब कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों को भी काम पर आने से मनाही कर दी.

उधर, इस संदर्भ में पूर्व उद्योग मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस मसले को लेकर ऑपरेटरों के साथ है. उन्होंने कहा कि इस ओर उचित कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि दोनों प्लांट से हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब और हरियाणा के लिए सीमेंट की आपूर्ति की जाती है. पंजाब और हरियाणा से माल गाड़ियों में सीमेंट देश के अन्य राज्यों में भी भेजा जाता है. वर्तमान में एसीसी कंपनी पांच हजार मीट्रिक टन सीमेंट उत्पादन हर दिन कर रही थी. कंपनी की क्षमता 15 हजार मीट्रिक टन सीमेंट और क्लींकर उत्पादन की है. प्रदेश में हर दिन तीन हजार मीट्रिक टन एसीसी सीमेंट की खपत होती है.

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