बिलासपुर: कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए हिमाचल सरकार ने बसों में ऑक्यूपेंसी 50 फीसदी कर दी है. साथ ही समूचे प्रदेश में इस संदर्भ में नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है, लेकिन बुधवार को बिलासपुर बस अड्डे पर मंडी डिपो की बस मंडी-चंडीगढ़ 100 प्रतिशत सवारियों के साथ पहुंच गई.
बस अड्डा इंचार्ज ने जब बस के ड्राइवर व कंडक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस गाइडलाइन के बारे मंडी आरएम व अड्डा इंचार्ज की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किए गए है. उन्हें ऐसा बिल्कुल भी नहीं बताया गया था कि उन्हें 50 फीसदी ऑक्सूपेंसी के साथ बस चलानी है.
एचआरटीसी डिपो मंडी के अधिकारियों पर सवालिया निशान
ऐसे में मंडी एचआरटीसी डिपो द्वारा कोविड नियमों को हल्के में लेने से एचआरटीसी डिपो मंडी के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. वहीं, हैरान की बात है कि यह आदेश प्रदेश भर के आरएम को जारी किए गए हैं, लेकिन मंडी आरएम द्वारा इन आदेशों को आगे न पहुंचाना एक बड़ी लापरवाही सामने आई है.
टिकट काट ली गई है तो सवारियों को उतारा नहीं जा सकता
हालांकि बिलासपुर बस अड्डा इंचार्ज ने इस मामले को लेकर मंडी डिपो बस के कंडक्टर सहित डाइवर को जानकारी दी गई. जिसके बाद ड्राइवर और कंडक्टर ने कहा कि अब टिकट काट ली गई है तो सवारियों को उतारा नहीं जा सकता है, लेकिन अब आगे किसी भी सवारियों को नहीं बिठाया जाएगा.
बता दें कि कोरोना के मामले बढ़ते देख हिमाचल सरकार ने गैदरिंग एरिया में कुछ शर्ते लागू कर दी है. बसों में 50 फीसदी, सरकारी दफतरों में भी संख्या कम व नाइट कफयू इत्यादि कुछ जिलों में शुरू कर दिया है. ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन सरकारी कर्मचारी सहित अधिकारी ही इन गाइडलाइन को आगे अपने कर्मचारियेां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसका दिखता हुआ वाक्या बिलासपुर बस अड्डे पर मिला.
ऐसे में इस संदर्भ में मंडी आरएम से संपर्क भी साधा गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई, लेकिन इस तरह से इतनी बढ़ी लापरवाही बरतने की वजह से मंडी एचआरटीसी डिपो के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.