बिलासपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) की तीन सीटों पर कमल खिलने से घर में लाज बच गई. मगर घुमारवीं सीट चली गई. खास बात यह है कि कांग्रेस को जिले में मात्र एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. लेकिन नयनादेवी से रामलाल ठाकुर व सदर से बंबर ठाकुर की हार और घुमारवीं में कांग्रेस की बड़ी जीत होने के बाद अब यहां राजेश धर्माणी पार्टी का बड़ा चेहरा होंगे. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने एक-एक सीट झंडूता-सदर में नया प्रयोग किया और नए चेहरों को चुनावी दंगल में उतारा था, जिसके तहत झंडूता से कांग्रेस पराजित हो गई. जबकि सदर में भाजपा का नए चेहरे पर खेला दांव सटीक बैठा.
इस चुनाव में एक बात हैरान करने वाली रही कि नयनादेवी व सदर सीटों पर भाजपा मामूली मतांतर से विजयी हुई. जबकि झंडूता में भाजपा को बड़ी जीत मिली. सदर व नयनादेवी में दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला बेहद नजदीक हुआ और सदर में प्रत्याशी के आग्रह पर रि-काउंटिंग की गई. लेकिन इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक जम्वाल 276 मतों से विजयी हुए.(BJP mission repeat failed in Himachal)(Bilaspur district election result)(Himachal election result 2022).
सदर से तो भाजपा के बागी सुभाष शर्मा भी मैदान में थे, लेकिन वह जनता में कोई खास फेवर नहीं ले पाए और लगभग डेढ़ हजार मतों पर ही सिमटकर रह गए. ऐसे में बगावत के बावजूद यहां भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब हुई. नयनादेवी से कांग्रेस प्रत्याशी एवं दिग्गज नेता रामलाल ठाकुर भी हार गए और पिछले चुनाव में पराजित हुए भाजपा के रणधीर शर्मा मामूली मतों के अंतर से इस बार बाजी मार गए. इसी तरह झंडूता विधानसभा क्षेत्र को विकास के प्रगतिपथ पर पहुंचाने के लिए भाजपा प्रत्याशी जेआर कटवाल द्वारा किए गए प्रयास रंग लाए.
भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग नहीं बचा पाए अपनी सीट: घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार दस हजार मतों से विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग को इस बार पराजय का सामना करना पड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी 5611 मतों की लीड से विजयी हुए. इस जीत के साथ ही धर्माणी का राजनीतिक भविष्य भी संवर गया और जिला से कांग्रेस का केवल एकमात्र विधायक होने के चलते सरकार में उन्हें बड़ा पद मिलने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. अब नई सरकार पर सबकी नजरें गढ़ी हैं.
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