बिलासपुर: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए बिलासपुर अस्पताल में रोगियों को प्रवेश दिया जा रहा है. अस्पताल परिसर के भीतर और बाहर किसी प्रकार की भीड़ जमा न हो इसके लिए बिलासपुर अस्पताल प्रशासन की ओर पुख्ता एवं बेहतरीन इंतजामात किए गए हैं.
ओपीडी भवन में शिशु रोग, सर्जन, एमडी, गायनी और आर्थो विभागों में सबसे ज्यादा भीड़ होती है. कोरोनाकाल से पहले इन ओपीडी के बाहर भारी भीड़ देखी जा सकती थी, लेकिन कोरोनाकाल में सोशल डिस्टेंसिंग की बेहद आवश्यकता है, ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने रोगियों के प्रवेश से लेकर इलाज तक के लिए नया खाका तैयार किया है.
पांच पर्चियां बनने के बाद भेजे जाते हैं मरीज
ओपीडी के मुख्य द्वार पर एडमिट कार्ड यानि पर्ची बनाई जा रही है. वहीं, से विभाग को सूचाना दी जा रही है. जब एक ओपीडी की कम से कम पांच पर्चियां बन जाती हैं, तो इन मरीजों को ओपीडी में भेजा जाता है. यही नहीं डयूटी पर तैनात गार्ड भी इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. हर ओपीडी में जब पांच मरीज और उनके साथ पांच तिमारदार जाते हैं, तो कमरे के बाहर भी गार्ड उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाते हैं और आवाज देकर भीतर बुलाते हैं.
डयूटी पर तैनात गार्ड निभा रहे हैं भूमिका
इससे पहले डिजिटल काॅलिंग होती थी. इस नए सिस्टम से जहां ओपीडी भवन में किसी प्रकार की भीड़ नहीं हो रही है. वहीं, लोगों को अपनी बारी के लिए ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ रहा है. बाकायदा एक शैड के नीचे लोगों के लिए बैठने और खड़े होने का इंतजाम है. वहीं, दूसरीे ओर गर्मियों के मौसम में कोई प्यास से न बिलखे इसके लिए यहां पर पहले से ही कूलर लगाया गया है.
फ्री हैड सेनिटाइजर की भी है सुविधा
साथ ही वार्डों में भी बिना कार्य के कोई प्रवेश नहीं कर सकता, जबकि कार्यालयों तक जाना तो दूर की बात है. यहां पर हर चप्पे-चप्पे पर चैकिंग हो रही है और परिसर में प्रवेश करने के बाद फ्री हैड सेनिटाइजर से हाथ सेनिटाइज करवाए जा रहे हैं.
बिलासपुर एमएमओ ने दी जानकारी
बिलासपुर एमएमओ व कार्यकारी एमएस जिला अस्पताल डाॅ. सतीश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे अस्पताल प्रशासन में विशेष इंतजाम किए गए हैं. बिना काम के लोगों की एंट्री पूरी तरह से निषेध है. केवल जरूरी कार्य के लिए आने वाले लोगों के लिए परिसर में प्रवेश मान्य है. लोगों से भी आग्रह कि समय की संवेदनशीलता को समझे और अस्पताल प्रशासन का सहयोग करें क्योंकि समस्त स्टाफ जनता की सेवा के लिए चैबीसों घंटे तत्पर है.
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