बिलासपुर: सरकार ने लॉकडाउन में शादी की अनुमचि तो दी है, लेकिन इसके साथ ही शादी में ज्यादा से ज्यादा 50 लोगों के शामिल होने की शर्त भी रखी गई है. सरकार के इस फैसले से नया घर बसाने के सपने संजोए बैठे लोगों के चेहरे तो जरूर खिल गए हैं, मगर इन समारोह के जरिए अपना घर चलाने वाले मैरिज पैलिस मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कभी लोगों की चहल-पहल और लजीज खाने की महक वाले मैरिज पैलिसों की रौनक लॉकडाउन की वजह से गुम सी हो गई है. जिसका खामियाजा बैंक्विट हॉल चलाने वाले कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है. लॉकडाउन ने इन कारोबारियों की हालत दयनीय कर दी है. इन लोगों की अप्रैल से अगस्त महीने तक की सभी बुकिंग कैंसिल हो गई है. जिसके चलते इन्हें करीबन 35 से 40 लाख रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ा है.
बता दें कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मैरिज इंडस्ट्री पर पड़ा है. इन कारोबारियों का सारा कारोबार मुहूर्त के ऊपर टिका रहता है. इस इंडस्ट्री को छोड़कर बाकी सब कारोबारियो को किसी न किसी तरह से अपना कारोबार चलाने की ढील मिल रही है और उनका आमदनी के साधन बन रहे हैं, लेकिन मैरिज पैलिस चलाने वाले कारोबारियों को इस वक्त आमदनी का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा.
लाखों रूपये का कर्ज लेकर मैरिज पैलेस चलाने वालों को अब बैंक की किस्तें अदा करने की चिंता सताने लगी है. बिलासपुर में ही करीब दर्जनों मैरिज पैलेस हैं, ऐसे में लाखों रूपये का कर्ज लेकर अपना व्यवसाय चलाने वाले ये लोग ब्याज में राहत के लिए अब सरकार की तरफ टकटकी लगा कर बैठ गए हैं. कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन से हर वर्ग को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इन परिस्थियों में भी हम सरकार के साथ खड़े हैं.
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