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सड़कों पर उतरे प्रदेश भर के बेरोजगार कला अध्यापक, सरकार के खिलाफ किया प्रर्दशन - विरोध रैली निकालकर सरकार के खिलाफ प्रर्दशन

जयराम सरकार के सुस्त रवैया से गुस्साए हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों ने बिलासपुर में निकाली आक्रोश रैली. हिमाचल के स्कूलों में लंबे रिक्त पड़े कला अध्यापकों के तीन हजार से अधिक पदों को भरने की मांग की है.

art teachers union protest at bilaspur
सड़कों पर उतरे प्रदेश भर के बेरोजगार कला अध्यापक
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Published : Dec 8, 2019, 8:28 PM IST

बिलासपुरः हिमाचल सरकार के सुस्त रवैया से गुस्साए हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों ने बिलासपुर में रविवार को राज्य स्तरीय आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक अपनी मांगों को लेकर बिलासपुर शहर में जुटे.

शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बेरोजगार कला अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगार कला अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी को थक हार करके फैसला लेने को विवश होना पड़ा है. हालांकि हिमाचल सरकार ने विभिन्न श्रेणी के 3636 अध्यापकों के खाली पद भरे जाने का मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि हैरानी की बात है कि राज्य के मिडल व हाई स्कूलों में कला अध्यापकों के करीब तीन हजार से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं, लेकिन कला अध्यापकों के खाली पदों को भरने ले बारें मंत्रिमंडल ने कोई फैसला नहीं लिया गया है.

जिससे साफ जाहिर होता है कि हिमाचल सरकार जानबूझ कर प्रदेश भर के मिडल व हाई स्कूलों में हजारों की संख्या में लंबे अरसे से खाली पड़े कला अध्यापकों के पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा कहा है. जबकि बेरोजगार कला अध्यापकों के प्रदेश सरकार से बार बार आग्रह करने के बाबजूद इनकी मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है.

हिमाचल सरकार कला अध्यापकों के पद नहीं भरे जाने के कारण मिडल व हाई स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को कला विषय से महरूम रहना पढ़ रहा है.

बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि वे खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हिमाचल सरकार ने 2005 से 2009 तक प्रदेश में कला प्रशिक्षण केंद्र खोलने के मान्यता प्रदान की थी.
इन प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लगभग 6 हजार से ज्यादा प्रदेश के युवाओं ने लाखों रुपये खर्च करके दो साल का डिप्लोमा लिया था.

युवाओं को उम्मीद जगी थी कि हिमाचल सरकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों में डिप्लोमा करने के बाद उन्हें नौकरी मिल सकेगी, लेकिन आज हजारों बेरोजगार कला अध्यापक खुद को ठगा हुआ महसूस लर रहे हैं.

गत दो दशकों बाद भी प्रदेश के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक रोजगार के लिए तरस रहें हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि हिमाचल सरकार बेरोजगार कला अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

बिलासपुरः हिमाचल सरकार के सुस्त रवैया से गुस्साए हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों ने बिलासपुर में रविवार को राज्य स्तरीय आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक अपनी मांगों को लेकर बिलासपुर शहर में जुटे.

शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बेरोजगार कला अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगार कला अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी को थक हार करके फैसला लेने को विवश होना पड़ा है. हालांकि हिमाचल सरकार ने विभिन्न श्रेणी के 3636 अध्यापकों के खाली पद भरे जाने का मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि हैरानी की बात है कि राज्य के मिडल व हाई स्कूलों में कला अध्यापकों के करीब तीन हजार से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं, लेकिन कला अध्यापकों के खाली पदों को भरने ले बारें मंत्रिमंडल ने कोई फैसला नहीं लिया गया है.

जिससे साफ जाहिर होता है कि हिमाचल सरकार जानबूझ कर प्रदेश भर के मिडल व हाई स्कूलों में हजारों की संख्या में लंबे अरसे से खाली पड़े कला अध्यापकों के पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा कहा है. जबकि बेरोजगार कला अध्यापकों के प्रदेश सरकार से बार बार आग्रह करने के बाबजूद इनकी मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है.

हिमाचल सरकार कला अध्यापकों के पद नहीं भरे जाने के कारण मिडल व हाई स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को कला विषय से महरूम रहना पढ़ रहा है.

बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि वे खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हिमाचल सरकार ने 2005 से 2009 तक प्रदेश में कला प्रशिक्षण केंद्र खोलने के मान्यता प्रदान की थी.
इन प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लगभग 6 हजार से ज्यादा प्रदेश के युवाओं ने लाखों रुपये खर्च करके दो साल का डिप्लोमा लिया था.

युवाओं को उम्मीद जगी थी कि हिमाचल सरकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों में डिप्लोमा करने के बाद उन्हें नौकरी मिल सकेगी, लेकिन आज हजारों बेरोजगार कला अध्यापक खुद को ठगा हुआ महसूस लर रहे हैं.

गत दो दशकों बाद भी प्रदेश के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक रोजगार के लिए तरस रहें हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि हिमाचल सरकार बेरोजगार कला अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

Intro:अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे प्रदेश के बेरोजगार कला अध्यापक
बिलासपुर में विरोध रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जताया रोष

बिलासपुर।

हिमाचल सरकार के सुस्त रवैया से गुस्साये हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों द्वारा बिलासपुर में रविवार को राज्य स्तरीय आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया। प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक अपनी मांगों को लेकर बिलासपुर शहर में जुटे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बेरोजगार कला अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगार कला अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी को थक हार करकेे फैसला लेने को विवश होना पड़ा है। हालांकि हिमाचल सरकार ने विभिन्न श्रेणी के 3636 अध्यापकों के खाली पद भरे जाने का मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। लेकिन हैरानी की बात है कि राज्य के मिडल व हाई स्कूलों में कला अध्यापकों के करीब तीन हजार से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन कला अध्यापकों के खाली पदों को भरने ले बारें मंत्रिमंडल द्वारा कोई फैसला नहीं किया गया है। Body:
जिससे साफ पता चलता है कि हिमाचल सरकार द्वारा जानबूझ कर प्रदेश भर के मिडल व हाई स्कूलों में हजारों की संख्या में लंबे अरसे से खाली पड़े कला अध्यापकों के पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जबकि बेरोजगार कला अध्यापकों द्वारा प्रदेश सरकार से बार बार आग्रह करने के बाबजूद इनकी मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है। हिमाचल सरकार द्वारा कला अध्यापकों के पद नहीं भरे जाने के कारण मिडल व हाई स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को कला विषय से महरूम रहना पढ़ रहा है।
बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि वे खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। क्योंकि हिमाचल सरकार ने 2005 से 2009 तक प्रदेश में कला प्रशिक्षण केंद्र खोलने के मान्यता प्रदान की थी। इन प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लगभग 6 हजार से ज्यादा प्रदेश के युवाओं ने लाखों रुपये खर्च करके दो साल का डिप्लोमा लिया था। युवाओं को उम्मीद जगी थी कि हिमाचल सरकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों में डिप्लोमा करने के बाद उन्हें नौकरी जल्द मिल सकेगी। लेकिन आज हजारों बेरोजगार कला अध्यापक खुद को ठगा हुआ महसूस लर रहे हैं। गत दो दशकों बाद भी प्रदेश के हजारो बेरोजगार कला अध्यापक रोजगार के लिये तरस रहें हैं। इन्होंने आरोप लगाया है कि हिमाचल सरकार बेरोजगार कला अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।


बाइट..
सीमा शर्मा...मुख्य सलाहकार बेरोजगार कला अध्यापक संघ।

Conclusion:
संघ ने प्रदेश सरकार को सीधी चेतावनी दे डाली है शीतकालीन विधानसभा सत्र में प्रशिक्षित बेरोजगार कला अध्यापकों को शीघ्र डाईंग कैडर समाप्त कर वरीयता के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाए। अन्यथा विवश होकर करीब 6 हजार बेरोजगार कला अध्यापकों को अपनी अंतिम सांस तक आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा। जिसके प्रति प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग उत्तरदाई होगा।।
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