बिलासपुरः हिमाचल सरकार के सुस्त रवैया से गुस्साए हजारों बेरोजगार कला अध्यापकों ने बिलासपुर में रविवार को राज्य स्तरीय आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश भर के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक अपनी मांगों को लेकर बिलासपुर शहर में जुटे.
शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बेरोजगार कला अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगार कला अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी को थक हार करके फैसला लेने को विवश होना पड़ा है. हालांकि हिमाचल सरकार ने विभिन्न श्रेणी के 3636 अध्यापकों के खाली पद भरे जाने का मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है.
शिक्षक संघ प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि हैरानी की बात है कि राज्य के मिडल व हाई स्कूलों में कला अध्यापकों के करीब तीन हजार से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं, लेकिन कला अध्यापकों के खाली पदों को भरने ले बारें मंत्रिमंडल ने कोई फैसला नहीं लिया गया है.
जिससे साफ जाहिर होता है कि हिमाचल सरकार जानबूझ कर प्रदेश भर के मिडल व हाई स्कूलों में हजारों की संख्या में लंबे अरसे से खाली पड़े कला अध्यापकों के पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा कहा है. जबकि बेरोजगार कला अध्यापकों के प्रदेश सरकार से बार बार आग्रह करने के बाबजूद इनकी मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है.
हिमाचल सरकार कला अध्यापकों के पद नहीं भरे जाने के कारण मिडल व हाई स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को कला विषय से महरूम रहना पढ़ रहा है.
बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि वे खुद को ठगे हुए महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हिमाचल सरकार ने 2005 से 2009 तक प्रदेश में कला प्रशिक्षण केंद्र खोलने के मान्यता प्रदान की थी.
इन प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लगभग 6 हजार से ज्यादा प्रदेश के युवाओं ने लाखों रुपये खर्च करके दो साल का डिप्लोमा लिया था.
युवाओं को उम्मीद जगी थी कि हिमाचल सरकार के मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों में डिप्लोमा करने के बाद उन्हें नौकरी मिल सकेगी, लेकिन आज हजारों बेरोजगार कला अध्यापक खुद को ठगा हुआ महसूस लर रहे हैं.
गत दो दशकों बाद भी प्रदेश के हजारों बेरोजगार कला अध्यापक रोजगार के लिए तरस रहें हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि हिमाचल सरकार बेरोजगार कला अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.