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बौखलाहट में इमरान ने शरीफ को बताया गीदड़, भारत का भी जिक्र

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Published : Oct 19, 2020, 3:24 AM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना गीदड़ से की है. इमरान ने कहा है कि शरीफ पाक की संस्थाओं के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने शरीफ पर यह भी आरोप लगाया कि वह भारतीय एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें भारतीय मीडिया में बड़े पैमाने पर कवरेज भी मिल रही है.

शरीफ पर भड़के इमरान
शरीफ पर भड़के इमरान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नाम से 11 विपक्षी राजनीतिक दलों के सरकार विरोधी गठबंधन ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. इस पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शरीफ सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ के कथित एजेंडे के खिलाफ जमकर धाबा बोलते हुए कहा कि नवाज का उद्धेश्य सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालना है.

दरअसल, शुक्रवार को गुजरांवाला में आयोजित पीडीएम की पहली रैली में इमरान खान की सरकार को लेकर काफी आक्रामक रूख देखा गया. इसके बाद इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शऱीफ पर वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए NAB से बचने के प्रयास में दुश्मन के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया. क्रोधित इमरान ने नवाज शरीफ की तुलना गीदड़ से की. उन्होंने कहा कि शरीफ जो दुम दबाकर लंदन भाग गए.

इमरान ने कहा कि नवाज वो आदमी हैं, जो पहली बार जनरल (रिटायर) गुलाम जिलानी की महरबानी से मंत्री बना था, यह वही आदमी है, जो जनरल जियाउल हक के जूते पॉलिश करके मुख्यमंत्री (पंजाब) बना था.

खान ने शरीफ के राजनीतिक कैरियर का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही आदमी है जिसने तत्कालीन आईएसआई प्रमुख जनरल (retd) असद दुर्रानी से मेहरान बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपये लिए थे, ताकि पीपीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन को एकजुट किया जा सके.

खान ने कहा कि जनरल दुर्रानी ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया, लेकिन विडंबना यह है कि हमारी अदालतों ने हमेशा उसे दूर होने में मदद की है. ये वो शख्स है जिसने आसिफ अली जरदारी को दो बार जेल में डाला. यह जरदारी ही थे, जिन्होंने जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ हुदैबिया पेपर मिल्स केस चलाया था.

भारत का जिक्र कर अनर्गल टिप्पणी

इमरान ने आगे कहा कि यह न केवल पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को बदनाम बल्कि राज्य संस्थानों के बीच भटकाव सुनिश्चित करने और देश में अस्थिरता फैलाने के लिए दुश्मन का एक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि शरीफ शासन में दरार पैदा करने की कोशिश कर खतरनाक खेल खेल रहे हैं.

बकौल इमरान, शरीफ सेना और न्यायपालिका को लक्षित करने के भारतीय नैरेटिव को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें भारतीय मीडिया में बड़े पैमाने पर कवरेज मिल रही है.

इमरान ने कहा कि भारतीय अखबार शरीफ को लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए सराह रहे हैं. क्या वो नहीं जानते कि यह नवाज शरीफ हैं, जिनका पालन-पोषण सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक ने किया था! क्या वो वही नवाज शरीफ नहीं है, जिन्होंने न्यायपालिका पर हमला किया था और खरीदने की कोशिश की थी!

जब न्यायपालिका हुदैबिया पेपर मिल्स मामले को बंद करती है, तो वह इसकी प्रशंसा करते है, लेकिन पनामा पेपर्स मामले में दोषी पाए जाने पर रोते हैं.

खान ने कहा कि क्या जनरल बाजवा ने पनामा पेपर्स लीक किया ? उन्होंने गुजरांवाला रैली को एक सर्कस बताया, जिसमें कहा गया कि जब भी उन्हें जवाबदेह ठहराया जाता है, सभी चोर एकजुट हो जाते हैं. जब आप चोरों के पीछे जाते हैं, तो वो एकजुट हो जाएंगे. कल रात वो सभी एक साथ थे.

इमरान के आरोपों से शरीफ का इनकार

इमरान खान के गंभीर आरोपों पर नवाज शरीफ की पार्टी- पीएमएल-एन पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है. शरीफ की पार्टी ने दावा किया है कि इमरान के सभी आरोप राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित और प्रेरित हैं.

बता दें कि अपनी सजा काटने के लिए पाकिस्तान लौटने से इनकार करने के बाद शरीफ को पाकिस्तानी अदालत ने अपराधी घोषित कर दिया है.

दूसरी ओर, उनके भाई और संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा भ्रष्टाचार के संदर्भ में राष्ट्रीय जवाबदेही बोर्ड (NAB) की हिरासत में हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी मरियम नवाज जमानत पर बाहर हैं.

बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सात साल की जेल की सजा पूरी करने के लिए वापसी की गारंटी के साथ शरीफ को पिछले साल देर से लंदन जाने की अनुमति दी गई थी.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नाम से 11 विपक्षी राजनीतिक दलों के सरकार विरोधी गठबंधन ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. इस पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शरीफ सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ के कथित एजेंडे के खिलाफ जमकर धाबा बोलते हुए कहा कि नवाज का उद्धेश्य सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालना है.

दरअसल, शुक्रवार को गुजरांवाला में आयोजित पीडीएम की पहली रैली में इमरान खान की सरकार को लेकर काफी आक्रामक रूख देखा गया. इसके बाद इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शऱीफ पर वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए NAB से बचने के प्रयास में दुश्मन के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया. क्रोधित इमरान ने नवाज शरीफ की तुलना गीदड़ से की. उन्होंने कहा कि शरीफ जो दुम दबाकर लंदन भाग गए.

इमरान ने कहा कि नवाज वो आदमी हैं, जो पहली बार जनरल (रिटायर) गुलाम जिलानी की महरबानी से मंत्री बना था, यह वही आदमी है, जो जनरल जियाउल हक के जूते पॉलिश करके मुख्यमंत्री (पंजाब) बना था.

खान ने शरीफ के राजनीतिक कैरियर का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही आदमी है जिसने तत्कालीन आईएसआई प्रमुख जनरल (retd) असद दुर्रानी से मेहरान बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपये लिए थे, ताकि पीपीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन को एकजुट किया जा सके.

खान ने कहा कि जनरल दुर्रानी ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया, लेकिन विडंबना यह है कि हमारी अदालतों ने हमेशा उसे दूर होने में मदद की है. ये वो शख्स है जिसने आसिफ अली जरदारी को दो बार जेल में डाला. यह जरदारी ही थे, जिन्होंने जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ हुदैबिया पेपर मिल्स केस चलाया था.

भारत का जिक्र कर अनर्गल टिप्पणी

इमरान ने आगे कहा कि यह न केवल पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को बदनाम बल्कि राज्य संस्थानों के बीच भटकाव सुनिश्चित करने और देश में अस्थिरता फैलाने के लिए दुश्मन का एक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि शरीफ शासन में दरार पैदा करने की कोशिश कर खतरनाक खेल खेल रहे हैं.

बकौल इमरान, शरीफ सेना और न्यायपालिका को लक्षित करने के भारतीय नैरेटिव को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें भारतीय मीडिया में बड़े पैमाने पर कवरेज मिल रही है.

इमरान ने कहा कि भारतीय अखबार शरीफ को लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए सराह रहे हैं. क्या वो नहीं जानते कि यह नवाज शरीफ हैं, जिनका पालन-पोषण सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक ने किया था! क्या वो वही नवाज शरीफ नहीं है, जिन्होंने न्यायपालिका पर हमला किया था और खरीदने की कोशिश की थी!

जब न्यायपालिका हुदैबिया पेपर मिल्स मामले को बंद करती है, तो वह इसकी प्रशंसा करते है, लेकिन पनामा पेपर्स मामले में दोषी पाए जाने पर रोते हैं.

खान ने कहा कि क्या जनरल बाजवा ने पनामा पेपर्स लीक किया ? उन्होंने गुजरांवाला रैली को एक सर्कस बताया, जिसमें कहा गया कि जब भी उन्हें जवाबदेह ठहराया जाता है, सभी चोर एकजुट हो जाते हैं. जब आप चोरों के पीछे जाते हैं, तो वो एकजुट हो जाएंगे. कल रात वो सभी एक साथ थे.

इमरान के आरोपों से शरीफ का इनकार

इमरान खान के गंभीर आरोपों पर नवाज शरीफ की पार्टी- पीएमएल-एन पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है. शरीफ की पार्टी ने दावा किया है कि इमरान के सभी आरोप राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित और प्रेरित हैं.

बता दें कि अपनी सजा काटने के लिए पाकिस्तान लौटने से इनकार करने के बाद शरीफ को पाकिस्तानी अदालत ने अपराधी घोषित कर दिया है.

दूसरी ओर, उनके भाई और संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा भ्रष्टाचार के संदर्भ में राष्ट्रीय जवाबदेही बोर्ड (NAB) की हिरासत में हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी मरियम नवाज जमानत पर बाहर हैं.

बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सात साल की जेल की सजा पूरी करने के लिए वापसी की गारंटी के साथ शरीफ को पिछले साल देर से लंदन जाने की अनुमति दी गई थी.

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