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नेपाल में चीनी अतिक्रमण की सूचना देने वाले पत्रकार की मौत

नेपाली पत्रकार बलराम बनिया का शव मांडू में जल विद्युत परियोजना क्षेत्र के पास बागमती नदी के किनारे मिला है. उन्होंने राजनीति और संसद को कवर किया और बाद में शासन और नौकरशाही पर व्यापक रिपोर्टिंग की थी.

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Published : Aug 14, 2020, 7:32 PM IST

काठमांडू : नेपाल के रुई गांव में चीनी अतिक्रमण पर एक लेख लिखने वाले नेपाली पत्रकार बलराम बनिया मृत पाए गए हैं. 50 वर्षीय पत्रकार का शव मांडू में जल विद्युत परियोजना क्षेत्र के पास बागमती नदी के किनारे मिला है. इस बात की जानकारी हिमालयन टाइम्स ने मकवानपुर के जिला पुलिस ऑफिस के प्रवक्ता के हवाले से दी है.

भीमफेडी में तैनात एक पुलिस दल ने पत्रकार के शव को नदी से निकाला और फिर अस्पताल भेजा गया है.

बनिया को आखिरी बार बल्खू नदी के किनारे चलते देखा गया था. उनके मोबाइल फोन की लोकेशन के अनुसार उनका स्थान वही दिखा, जिसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया.

काठमांडू पोस्ट के अनुसार, बनिया लंबे समय से नेपाली समाचार पत्र कांतिपुर दैनिक से जुड़े हुए थे. उन्होंने राजनीति और संसद को कवर किया और बाद में शासन और नौकरशाही पर व्यापक रिपोर्टिंग की.

उन्होंने कथित तौर पर गोरखा जिले में स्थित रुई गांव में चीनी अतिक्रमण पर लेख लिखा था.

पढ़ें- बेरूत धमाके में मरने वाले वालों की संख्या 178 हुई, 30 अब भी लापता

नेपाल द्वारा अपने विवादास्पद नए राजनीतिक मानचित्र में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के भारतीय क्षेत्रों को शामिल किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बीच पत्रकार की मौत हुई है. जिसके कारण कई सवाल उठ रहे हैं.

काठमांडू : नेपाल के रुई गांव में चीनी अतिक्रमण पर एक लेख लिखने वाले नेपाली पत्रकार बलराम बनिया मृत पाए गए हैं. 50 वर्षीय पत्रकार का शव मांडू में जल विद्युत परियोजना क्षेत्र के पास बागमती नदी के किनारे मिला है. इस बात की जानकारी हिमालयन टाइम्स ने मकवानपुर के जिला पुलिस ऑफिस के प्रवक्ता के हवाले से दी है.

भीमफेडी में तैनात एक पुलिस दल ने पत्रकार के शव को नदी से निकाला और फिर अस्पताल भेजा गया है.

बनिया को आखिरी बार बल्खू नदी के किनारे चलते देखा गया था. उनके मोबाइल फोन की लोकेशन के अनुसार उनका स्थान वही दिखा, जिसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया.

काठमांडू पोस्ट के अनुसार, बनिया लंबे समय से नेपाली समाचार पत्र कांतिपुर दैनिक से जुड़े हुए थे. उन्होंने राजनीति और संसद को कवर किया और बाद में शासन और नौकरशाही पर व्यापक रिपोर्टिंग की.

उन्होंने कथित तौर पर गोरखा जिले में स्थित रुई गांव में चीनी अतिक्रमण पर लेख लिखा था.

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नेपाल द्वारा अपने विवादास्पद नए राजनीतिक मानचित्र में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के भारतीय क्षेत्रों को शामिल किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बीच पत्रकार की मौत हुई है. जिसके कारण कई सवाल उठ रहे हैं.

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