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इंसानियत: लॉकडाउन के बीच समाजसेवी बेसहारा जानवरों को खिला रहे खाना

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Published : Apr 24, 2020, 6:38 PM IST

ऊना में युवाओं समाजसेवियों की टीम बंदरों और अन्य बेसहारा पशुओं के खाने का प्रबंध कर रही है. टीम अपनी जेब से पैसे खर्च कर सुबह सब्जी मंडी से फल, ब्रेड व सब्ज़िया खरीदकर और साथ ही में घर से तैयार रोटियां लेकर बंदरों और आवारा पशुओं को खिला रही है.

youth feed stray animals in una
youth feed stray animals in una

ऊनाः देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पशुओं और जानवरो को भी खाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में लोग जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. वहीं, कुछ लोग बेजुबानों और बेसाहारा पशुओं का भी खयाल रख कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं. जिला ऊना में युवाओं समाजसेवियों की टीम बंदरों और अन्य बेसहारा पशुओं के खाने का प्रबंध कर रही है.

टीम अपनी जेब से पैसे खर्च कर सुबह सब्ज़ी मंडी से फल, ब्रेड व सब्याजियां खरीदकर और साथ ही में घर से तैयार रोटियां लेकर बंदरों और आवारा पशुओं की पेट की आग को बुझा रहे हैं. युवाओं की टीम लॉकडाउन में खुद के बलबूते पर सेवा में जुटी हुई है.

वीडियो.

युवाओं ने बताया कि सुबह जब कर्फ्यू में ढील का समय में टीम अपनी गाड़ी में खाने की सामग्री लेकर निकल पड़ती है और सड़कों पर जो भी पशु या अन्य जानवर मिलता है, उन्हें खाना देते हैं.

युवाओं ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में आप भी जरूरतमंद और बेसहार पशुओं की मदद करें. अपने घरों पर पीने का पानी और बाजरा या कुछ अन्य खाने की चीजें पक्षियों और पशुओं के लिए भी रखें.

ये भी पढ़ें- कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए रवाना हुई बसें, कल हिमाचल लौटने की उम्मीद

ऊनाः देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन से इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पशुओं और जानवरो को भी खाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में लोग जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. वहीं, कुछ लोग बेजुबानों और बेसाहारा पशुओं का भी खयाल रख कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं. जिला ऊना में युवाओं समाजसेवियों की टीम बंदरों और अन्य बेसहारा पशुओं के खाने का प्रबंध कर रही है.

टीम अपनी जेब से पैसे खर्च कर सुबह सब्ज़ी मंडी से फल, ब्रेड व सब्याजियां खरीदकर और साथ ही में घर से तैयार रोटियां लेकर बंदरों और आवारा पशुओं की पेट की आग को बुझा रहे हैं. युवाओं की टीम लॉकडाउन में खुद के बलबूते पर सेवा में जुटी हुई है.

वीडियो.

युवाओं ने बताया कि सुबह जब कर्फ्यू में ढील का समय में टीम अपनी गाड़ी में खाने की सामग्री लेकर निकल पड़ती है और सड़कों पर जो भी पशु या अन्य जानवर मिलता है, उन्हें खाना देते हैं.

युवाओं ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में आप भी जरूरतमंद और बेसहार पशुओं की मदद करें. अपने घरों पर पीने का पानी और बाजरा या कुछ अन्य खाने की चीजें पक्षियों और पशुओं के लिए भी रखें.

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