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UNA JOA IT EMPLOYEES: वेतन आयोग की विसंगतियों के खिलाफ कर्मचारियों ने सतपाल सत्ती को सौंपा ज्ञापन - JOAIT employees memorandum to Satpal Satti

डीसी कार्यालय ऊना में कार्यरत जेओएआईटी वर्ग के (UNA JOA IT EMPLOYEES) कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई वेतन आयोग की सिफारिशों पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की इन सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर लागू ही नहीं किया गया. ऐसे में कर्मचारियों ने वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (JOA IT employees meet Satpal Satti) से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा. वहीं, सतपाल सत्ती ने भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस समस्या का हल करने के लिए सकारात्मक कदम उठाया जाएगा.

UNA JOA IT EMPLOYEES
ऊना के जेओएआईटी कर्मचारी
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Published : Jan 12, 2022, 3:03 PM IST

ऊना: प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए वेतन आयोग से पैदा हो रही वेतन विसंगतियां कर्मचारी वर्ग के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनती जा रही हैं. वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद एक के बाद एक कर्मचारी संघ इसकी मुखालफत के लिए सामने आने लगे हैं. बुधवार को डीसी कार्यालय में कार्यरत जेओएआईटी वर्ग के कर्मचारियों (UNA JOA IT EMPLOYEES) ने वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती से मुलाकात कर वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पेश आने वाली वेतन विसंगति की समस्या का मसला (JOA IT employees meet Satpal Satti) उठाया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सिफारिशों को लागू करते वक्त फरवरी माह तक का समय कर्मचारियों को अपनी चॉइस देने के लिए दिया है, लेकिन वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते कर्मचारियों को राहत की बजाय आफत मिलती नजर आ रही है. उन्होंने वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को ज्ञापन सौंपते समय गुहार लगाई कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में लाया जाए. वहीं, सतपाल सत्ती ने भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस समस्या का हल करने के लिए सकारात्मक कदम उठाया जाएगा.

डीसी कार्यालय ऊना में कार्यरत जेओएआईटी वर्ग के कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई वेतन आयोग की सिफारिशों पर एतराज (JOAIT employees memorandum to Satpal Satti) जताया है. उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की इन सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर लागू ही नहीं किया. कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे राकेश कुमार ने बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशों में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का विकल्प नहीं दिया गया. जिसके चलते सालों से सरकारी क्षेत्र में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार के समक्ष भी आवाज उठाई जा रही है. वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए पंजाब में पैटर्न को फॉलो किया जाता है, लेकिन इस बार हिमाचल और पंजाब में लागू की गई सिफारिशों में जमीन आसमान का फर्क है.

वहीं, छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि डीसी कार्यालय के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र सौंपा है. इन सभी मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में लाया जाएगा. कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ होते हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण अवश्य किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर में एसआईयू टीम की बड़ी कार्रवाई, दुकान से नशीली गोलियां और सरकारी सीमेंट बरामद

ऊना: प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए वेतन आयोग से पैदा हो रही वेतन विसंगतियां कर्मचारी वर्ग के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनती जा रही हैं. वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद एक के बाद एक कर्मचारी संघ इसकी मुखालफत के लिए सामने आने लगे हैं. बुधवार को डीसी कार्यालय में कार्यरत जेओएआईटी वर्ग के कर्मचारियों (UNA JOA IT EMPLOYEES) ने वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती से मुलाकात कर वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पेश आने वाली वेतन विसंगति की समस्या का मसला (JOA IT employees meet Satpal Satti) उठाया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सिफारिशों को लागू करते वक्त फरवरी माह तक का समय कर्मचारियों को अपनी चॉइस देने के लिए दिया है, लेकिन वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते कर्मचारियों को राहत की बजाय आफत मिलती नजर आ रही है. उन्होंने वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को ज्ञापन सौंपते समय गुहार लगाई कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में लाया जाए. वहीं, सतपाल सत्ती ने भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि इस समस्या का हल करने के लिए सकारात्मक कदम उठाया जाएगा.

डीसी कार्यालय ऊना में कार्यरत जेओएआईटी वर्ग के कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई वेतन आयोग की सिफारिशों पर एतराज (JOAIT employees memorandum to Satpal Satti) जताया है. उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की इन सिफारिशों को पंजाब की तर्ज पर लागू ही नहीं किया. कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे राकेश कुमार ने बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशों में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का विकल्प नहीं दिया गया. जिसके चलते सालों से सरकारी क्षेत्र में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार के समक्ष भी आवाज उठाई जा रही है. वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए पंजाब में पैटर्न को फॉलो किया जाता है, लेकिन इस बार हिमाचल और पंजाब में लागू की गई सिफारिशों में जमीन आसमान का फर्क है.

वहीं, छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि डीसी कार्यालय के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र सौंपा है. इन सभी मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ध्यान में लाया जाएगा. कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ होते हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण अवश्य किया जाएगा.

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