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ऊना: यूक्रेन से बच्चों की घर वापसी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे परिजन, डीसी ऑफिस तक निकाली रैली - यूक्रेन से बच्चों की घर वापसी

ऊना के रामलीला मैदान में सोमवार शाम सैकड़ों की संख्या में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इकट्ठा हुए. हाथों में यूक्रेन से बच्चों की वापसी की मांग के पोस्टर लिए इन लोगों ने केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे बच्चों की जल्द वापसी की मांग उठाई. इस मौके पर अभिभावकों ने यह भी मांग की कि सरकार बेशक बेटों को लाने में देरी कर दे, लेकिन बेटियों की जो दुर्दशा वहां पर हो रही है उसे रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाएं और इन बेटियों को पहले भारत वापस लाएं. अभिभावकों ने सरकार से ज्यादा हवाई जहाज भेजकर भारतीयों को जल्द यूक्रेन से निकालने की भी मांग उठाई.

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यूक्रेन से बच्चों की घर वापसी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे परिजन
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Published : Feb 28, 2022, 6:38 PM IST

ऊना: जिला मुख्यालय ऊना के रामलीला मैदान में सोमवार शाम सैकड़ों की संख्या में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इकट्ठा हुए. हाथों में यूक्रेन से बच्चों की वापसी की मांग के पोस्टर लिए इन लोगों ने केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे बच्चों की जल्द वापसी की मांग उठाई. इस दौरान रामलीला मैदान से शुरू हुई रैली डीसी ऑफिस तक गई. जहां जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देकर बच्चों के प्रति अभिभावकों ने अपनी चिंताएं जताई.

वहीं उन्होंने सरकार पर भरोसा जताते हुए जल्द बच्चों की वापसी की भी उम्मीद जताई है. हालांकि बच्चों की वापसी को लेकर देरी से एडवाइजरी जारी करने की टीस अभिभावकों में साफ देखी जा रही थी. यूक्रेन में फंसे बच्चों की वापसी की मांग उठा रहे अभिभावकों ने सोमवार शाम जिला मुख्यालय के रामलीला मैदान से डीसी कार्यालय तक जनचेतना रैली का आयोजन किया.

इस दौरान अभिभावकों ने नारेबाजी करते हुए यूक्रेन में फंसे बच्चों की वापसी की मांग सरकार के समक्ष भी उठाई. अभिभावकों का कहना है कि सरकार ने भले ही देरी से प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन उसके परिणाम सामने आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिले के 4 छात्र-छात्राओं को सरकार यूक्रेन से निकाल कर वापस घर लाई है.

वीडियो.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपनी सरकार के चार मंत्रियों को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपने का भी स्वागत किया गया. अभिभावकों ने मोदी सरकार पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनके बच्चों की वापसी की उम्मीद बढ़ने लगी है. हालांकि सरकार द्वारा देरी से एडवाइजरी जारी करने का मलाल अभिभावकों में अब भी देखा जा रहा है.

अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में यूक्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय छात्र छात्राओं के साथ अन्य देशों में अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. यहां तक की भारत की बच्चियां वहां पर पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं, जबकि छात्रों के साथ भी मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं.

इस मौके पर अभिभावकों ने यह भी मांग की कि सरकार बेशक बेटों को लाने में देरी कर दे, लेकिन बेटियों की जो दुर्दशा वहां पर हो रही है उसे रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाएं और इन बेटियों को पहले भारत वापस लाएं. अभिभावकों ने सरकार से ज्यादा हवाई जहाज भेजकर भारतीयों को जल्द यूक्रेन से निकालने की भी मांग उठाई.

पूर्व पार्षद नवदीप कश्यप ने आरोप जड़ा कि भारतीय दूतावास में कोई भी बच्चों के अभिभावकों के फोन नहीं उठा रहा है, जिसके चलते चिंताएं और भी बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अधिकारियों को अभिभावकों से बात करने के निर्देश दें, ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता चल सके.

ये भी पढ़ें- खनेरी अस्पताल पहुंचे हिमकोफेड के चेयरमैन कौल सिंह नेगी, समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

ऊना: जिला मुख्यालय ऊना के रामलीला मैदान में सोमवार शाम सैकड़ों की संख्या में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इकट्ठा हुए. हाथों में यूक्रेन से बच्चों की वापसी की मांग के पोस्टर लिए इन लोगों ने केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे बच्चों की जल्द वापसी की मांग उठाई. इस दौरान रामलीला मैदान से शुरू हुई रैली डीसी ऑफिस तक गई. जहां जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देकर बच्चों के प्रति अभिभावकों ने अपनी चिंताएं जताई.

वहीं उन्होंने सरकार पर भरोसा जताते हुए जल्द बच्चों की वापसी की भी उम्मीद जताई है. हालांकि बच्चों की वापसी को लेकर देरी से एडवाइजरी जारी करने की टीस अभिभावकों में साफ देखी जा रही थी. यूक्रेन में फंसे बच्चों की वापसी की मांग उठा रहे अभिभावकों ने सोमवार शाम जिला मुख्यालय के रामलीला मैदान से डीसी कार्यालय तक जनचेतना रैली का आयोजन किया.

इस दौरान अभिभावकों ने नारेबाजी करते हुए यूक्रेन में फंसे बच्चों की वापसी की मांग सरकार के समक्ष भी उठाई. अभिभावकों का कहना है कि सरकार ने भले ही देरी से प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन उसके परिणाम सामने आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिले के 4 छात्र-छात्राओं को सरकार यूक्रेन से निकाल कर वापस घर लाई है.

वीडियो.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपनी सरकार के चार मंत्रियों को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपने का भी स्वागत किया गया. अभिभावकों ने मोदी सरकार पर पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनके बच्चों की वापसी की उम्मीद बढ़ने लगी है. हालांकि सरकार द्वारा देरी से एडवाइजरी जारी करने का मलाल अभिभावकों में अब भी देखा जा रहा है.

अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में यूक्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय छात्र छात्राओं के साथ अन्य देशों में अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. यहां तक की भारत की बच्चियां वहां पर पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं, जबकि छात्रों के साथ भी मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं.

इस मौके पर अभिभावकों ने यह भी मांग की कि सरकार बेशक बेटों को लाने में देरी कर दे, लेकिन बेटियों की जो दुर्दशा वहां पर हो रही है उसे रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाएं और इन बेटियों को पहले भारत वापस लाएं. अभिभावकों ने सरकार से ज्यादा हवाई जहाज भेजकर भारतीयों को जल्द यूक्रेन से निकालने की भी मांग उठाई.

पूर्व पार्षद नवदीप कश्यप ने आरोप जड़ा कि भारतीय दूतावास में कोई भी बच्चों के अभिभावकों के फोन नहीं उठा रहा है, जिसके चलते चिंताएं और भी बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अधिकारियों को अभिभावकों से बात करने के निर्देश दें, ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता चल सके.

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