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जिला ऊना में प्लास्टिक पर पाबंदी, चिंतपूर्णी में अब डोने में बांटा जाएगा प्रसाद

प्लास्टिक बैग के विकल्प के तौर पर जिला प्रशासन एक लाख कपड़े के बैग महिला स्वयं सहायता समूहों से तैयार करवा रहा है. लोगों को प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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Published : Sep 24, 2019, 7:26 AM IST

Plastic ban in una

ऊना: जिला ऊना में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने से पहले ही महिला सशक्तिकरण का आधार बन गया है. प्लास्टिक बैग के विकल्प के तौर पर जिला प्रशासन एक लाख कपड़े के बैग तैयार करवा रहा है और इन बैग को बनाने की जिम्मेदारी जिला के महिला स्वयं सहायता समूहों को दी गई है. इन बैग सिलाई की सिलाई का मेहनताना तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा जिससे उनकी कमाई होगी.

इस बारे में उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि कपड़े के बैग लोगों को प्रदान किए जाएंगे. इनके माध्यम से जिला प्रशासन कपड़े के बैग वितरित करके स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने जा रहा है और प्रशासन प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए जन जागरूकता का अभियान शुरू किया गया है.

लोगों को प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. डीसी ने कहा कि कपड़े के बैगों पर स्वच्छता का संदेश छापा गया है ताकि जिला के हर कोने में पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक का त्याग करने का संदेश पहुंचे. डीसी ने कहा कि जिला में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्वच्छता कोष का गठन किया गया है.

इस कोष के माध्यम से स्वच्छता अभियान पर खर्च होने वाले पैसों का प्रबंध होगा. महिला स्वयं सहायता समूहों को सिलाई देने के लिए भी इस फंड से धनराशि दी जाएगी. उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के पैकेट में प्रसाद नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुकानदारों को प्लास्टिक के पैकेट की जगह डूनों में प्रसाद बांटा जाने के निर्देश दिए गए हैं.

जिलाधीश ने प्लास्टिक मुक्त अभियान में आम लोगों का सहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए लोगों को अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखना चाहिए और उन्हें प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने में सरकार और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए.

ऊना: जिला ऊना में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने से पहले ही महिला सशक्तिकरण का आधार बन गया है. प्लास्टिक बैग के विकल्प के तौर पर जिला प्रशासन एक लाख कपड़े के बैग तैयार करवा रहा है और इन बैग को बनाने की जिम्मेदारी जिला के महिला स्वयं सहायता समूहों को दी गई है. इन बैग सिलाई की सिलाई का मेहनताना तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा जिससे उनकी कमाई होगी.

इस बारे में उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि कपड़े के बैग लोगों को प्रदान किए जाएंगे. इनके माध्यम से जिला प्रशासन कपड़े के बैग वितरित करके स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने जा रहा है और प्रशासन प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए जन जागरूकता का अभियान शुरू किया गया है.

लोगों को प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. डीसी ने कहा कि कपड़े के बैगों पर स्वच्छता का संदेश छापा गया है ताकि जिला के हर कोने में पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक का त्याग करने का संदेश पहुंचे. डीसी ने कहा कि जिला में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्वच्छता कोष का गठन किया गया है.

इस कोष के माध्यम से स्वच्छता अभियान पर खर्च होने वाले पैसों का प्रबंध होगा. महिला स्वयं सहायता समूहों को सिलाई देने के लिए भी इस फंड से धनराशि दी जाएगी. उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के पैकेट में प्रसाद नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुकानदारों को प्लास्टिक के पैकेट की जगह डूनों में प्रसाद बांटा जाने के निर्देश दिए गए हैं.

जिलाधीश ने प्लास्टिक मुक्त अभियान में आम लोगों का सहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए लोगों को अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा रखना चाहिए और उन्हें प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने में सरकार और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए.

Intro:जिला ऊना में प्लस्टिक पर वैन लगाने के लिए महिला सशक्तिकरण ने स्थापित किये नए आयाम।Body:प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने से पहले ही यह अभियान जिला में महिला सशक्तिकरण का आधार बन गया है। प्लास्टिक बैग के विकल्प के तौर पर जिला प्रशासन एक लाख कपड़े के बैग तैयार करवा रहा है और इन बैग को बनाने की जिम्मेदारी जिला के महिला स्वयं सहायता समूहों को दी गई है। सिलाई का मेहनताना इन बैग को तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा जिससे उनकी कमाई हो रही है।
इस बारे में उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि कपड़े के बैग पात्र लोगों को प्रदान किए जाएंगे, इनके माध्यम से जिला प्रशासन कपड़े के बैग वितरित करके स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। उन्होंने कहा कि 2 अक्तबूर से पूरे देश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने जा रहा है और प्रशासन प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए जन जागरूकता का अभियान छेड़े हुए है। लोगों को प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डीसी ने कहा कि कपड़े के बैगों पर स्वच्छता का संदेश छापा गया है, ताकि जिला के हर कोने में यह बात पहुंचाई जा सके कि पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक का त्याग करना होगा।
जिला स्वच्छता कोष का गठन किया
डीसी ने कहा कि जिला में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्वच्छता कोष का गठन किया गया है। इस कोष के माध्यम से स्वच्छता अभियान पर खर्च होने वाले पैसों का प्रबंध होगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को सिलाई देने के लिए भी इस फंड से धनराशि दी जाएगी। अभियान के अंतर्गत होने वाली विभिन्न गतिविधियों के लिए यहीं से पैसा खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कपड़े के बैग सिलने का काम आगे भी जारी रहेगा और यह सारे खर्च इसी कोष से किए जाएंगे।
चिंतपूर्णी में प्लास्टिक के पैकेट में नहीं मिलेगा प्रसाद
उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के पैकेट में प्रसाद नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुकानदारों के साथ बैठक कर उन्हें पत्तों से तैयार होने वाले डूने में प्रसाद बेचने को कहा गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि प्लास्टिक के पैकेट के स्थान पर डूनों में प्रसाद बांटा जाए।
आम लोगों से मांगा सहयोग
जिलाधीश ने प्लास्टिक मुक्त अभियान में आम लोगों का सहयोग भी मांगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह अभियान तभी सफल हो सकता है, जब आम लोग इसमें सहयोग करें। अपने देश को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए हर नागरिक को अपने आसपास के वातावरण को साफ-सुथरा बनाए रखने में अपनी सहभागिता दर्ज करने की नैतिक जिम्मेदारी को समझना होगा और उन्हें प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने में सरकार और प्रशासन का सहयोग करना चाहिएConclusion:
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