ऊना: प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार जारी है. ऊना जिला अलमैहड़ निवासी एक महिला की मंगलवार की रात मौत हो गई है. ये ऊना जिला में स्वाइन फ्लू से चौथी मौत है. बुजुर्ग महिला की मौत के साथ ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है.
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों अमलैहड़ सुंकाली की 82 वर्षीय प्रकाशो को परिजनों ने होशियारपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां पर बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने मोहाली के आइवी अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी. आइवी अस्पताल में जब बुजुर्ग का 16 फरवरी को टेस्ट हुआ तो स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई.
सीएमओ डॉ. रमन ने बताया कि अमलैहड़ निवासी महिला की स्वाइन फ्लू से मौत की पुष्टि हुई है. विभाग द्वारा पहले ही बुजुर्ग महिला के संपर्क में रहे लोगों की स्वास्थ्य की जांच की गई है. इनमे स्वाइन फ्लू का वायरस नहीं पाया गया है.
किसे ज्यादा खतरा
एच1एन1 वायरस से सबसे ज्यादा खतरा, बच्चों, गर्भवती महिलाएं, बुर्जुग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले, बीमारी से पीड़ित और सर्जिकल बीमारी, लंबे वक्त से इलाज कर रहे लोगों को है. इन लोगों को ज्यादा एहतियात बरतने की जरुरत हैं.
क्या है स्वाइन फ्लू ?
स्वाइन फ्लू एक विशेष प्रकार के एन्फ्लुएंजा- (एच1 एन1) वायरस के ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है. इसके मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, गला दुखना, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त तथा उल्टियां आदि होते हैं.
स्वाइन फ्लू से बचने का तरीका
स्वाइन फ्लू का असर समझदारी और सहयोग से कम किया जा सकता है. खांसते और छिकते समय अपने मुंह एवं नाक को रूमाल से ढकें, अपनी नाक, आंखों अथवा मुंह को छूने से पहले अथवा पश्चात अपने हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोयें, इन्फ्लुएंजा-ए (एच 1 एन 1) के लक्षण जैसे खांसी, बहती नाक, छींक एवं बुखार से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाऐं रखें, अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा तनाव से बचें, स्वच्छ तथा अधिक मात्रा में पानी पीयें तथा पोषणयुक्त भोजन का सेवन करें तथा खुली हवा में सांस ले तथा योग क्रिया करें.
संदिग्ध/संक्रमित व्यक्तियों से हाथ न मिलायें, गले न लगे अथवा अन्य सम्पर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें, डाक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें, अत्याधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जायें, खुलें में न थूकें. उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लेना सुनिश्चित करें.