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ऊना के पीजी कॉलेज में आयोजित होगी राष्ट्र स्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस, जीवनशैली पर होगा मंथन

पीजी कॉलेज ऊना 1 जुलाई से 2 जुलाई तक कोविड-19 और इससे जुड़े हालातों पर राष्ट्रस्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस कराने जा रहा है. ई-कॉन्फ्रेंस में देश भर के 70 से ज्यादा प्रतिभागी जुड़ेंगे और उनके द्वारा तैयार की गई रिसर्च को भी संगोष्ठी में पढ़ा जाएगा.

PG College Management Committee
पीजी कॉलेज प्रबंधन समिति
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Published : Jun 30, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 5:44 PM IST

ऊना: जिला के पीजी कॉलेज में कोविड-19 और इससे जुड़े हालातों पर आयोजित होने वाली राष्ट्रस्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन 1 जुलाई से 2 जुलाई तक किया जाएगा, जिसका शुभारंभ एसपी गोकुल चन्द्र कार्तिकेयन करेंगे. राष्ट्र स्तरीय संगोष्ठी कराने का मुख्य उद्देश्य कोरोना दौर में लोगों के जीवन में हुए बदलाव पर चर्चा करके उनके अंदर जागरूकता पैदा करना है.

बता दें कि राष्ट्र स्तरीय ई कॉन्फ्रेंस में देश भर के 70 से ज्यादा प्रतिभागी भाग लेंगे और उनके द्वारा कोरोना सकंट काल में इंसान के जीवन में हुए बदलाव पर तैयार की गई रिसर्च भी संगोष्ठी में पड़ी जाएगी.

वीडियो

समन्वयक प्रो. डॉ. मीता शर्मा ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी की वजह से लॉकडाउन घोषित होने पर आम लोगों सहित बच्चे घरों में कैद हो गए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अवसाद का भी शिकार हुए हैं, जिससे उनकी सोच में बहुत बदलाव हुआ है. ऐसे में राष्ट्र स्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस आयोजित करके उनके अंदर जागरूकता पैदा करना है. मीता शर्मा ने बताया कि ये कॉन्फ्रेंस रेजुविनेशन थ्रू इनोवेशन, नीड ऑफ द हॉवर विषय पर केंद्रित होगी.

एसपी गोकुल चंद्र कार्तिकेयन ने बताया कि कोरोना संकट काल में ई-कॉन्फ्रेंस के जरिय लोगों से जुड़ने का ये अच्छा मौका है, क्योंकि इससे हम अपने विचार एक दूसरे तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र स्तरीय संगोष्ठी के माध्यम से कोरोना के दौर की वजह से जीवन में हुए बदलाव को जानने का मौका मिलेगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना काल में ठंडी पड़ी ईंट की भट्टियां, हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट

ऊना: जिला के पीजी कॉलेज में कोविड-19 और इससे जुड़े हालातों पर आयोजित होने वाली राष्ट्रस्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन 1 जुलाई से 2 जुलाई तक किया जाएगा, जिसका शुभारंभ एसपी गोकुल चन्द्र कार्तिकेयन करेंगे. राष्ट्र स्तरीय संगोष्ठी कराने का मुख्य उद्देश्य कोरोना दौर में लोगों के जीवन में हुए बदलाव पर चर्चा करके उनके अंदर जागरूकता पैदा करना है.

बता दें कि राष्ट्र स्तरीय ई कॉन्फ्रेंस में देश भर के 70 से ज्यादा प्रतिभागी भाग लेंगे और उनके द्वारा कोरोना सकंट काल में इंसान के जीवन में हुए बदलाव पर तैयार की गई रिसर्च भी संगोष्ठी में पड़ी जाएगी.

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समन्वयक प्रो. डॉ. मीता शर्मा ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी की वजह से लॉकडाउन घोषित होने पर आम लोगों सहित बच्चे घरों में कैद हो गए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अवसाद का भी शिकार हुए हैं, जिससे उनकी सोच में बहुत बदलाव हुआ है. ऐसे में राष्ट्र स्तरीय ई-कॉन्फ्रेंस आयोजित करके उनके अंदर जागरूकता पैदा करना है. मीता शर्मा ने बताया कि ये कॉन्फ्रेंस रेजुविनेशन थ्रू इनोवेशन, नीड ऑफ द हॉवर विषय पर केंद्रित होगी.

एसपी गोकुल चंद्र कार्तिकेयन ने बताया कि कोरोना संकट काल में ई-कॉन्फ्रेंस के जरिय लोगों से जुड़ने का ये अच्छा मौका है, क्योंकि इससे हम अपने विचार एक दूसरे तक पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र स्तरीय संगोष्ठी के माध्यम से कोरोना के दौर की वजह से जीवन में हुए बदलाव को जानने का मौका मिलेगा.

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Last Updated : Jun 30, 2020, 5:44 PM IST
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