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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में 5 मेधावी छात्राओं को मिलेगी निशुल्क कोचिंग: ADC - उपायुक्त ऊना अरिंदम चौधरी

एडीसी अरिंदम चौधरी ने कहा कि बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा देने के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आए. उन्होंने कहा कि आज बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं.

meritorious girl students will get free coaching under Beti Bachao-Beti Padhao campaign
एडीसी अरिंदम चौधरी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना पर
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Published : Jul 11, 2020, 1:27 PM IST

ऊना: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शनिवार को ऊना जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त ऊना अरिंदम चौधरी ने की. बैठक में अरिंदम चौधरी ने कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत जिला ऊना में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 5 बेटियों को प्रोफेशनल पाठयक्रमों में निशुल्क कोचिंग दिलवाई जाएगी. इसके अलावा जिला के सभी स्कूलों में करियर परामर्श सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा.

इससे संबंधित पोस्टर लगाए जाएंगे, ताकि छात्रों को भविष्य निर्माण के लिए दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन मिल सके. इसके अलावा स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रही सभी छात्राओं को करियर मार्गदर्शक पोस्टरों का वितरण भी किया जाएगा. एडीसी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार जिला में प्रति एक हजार लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या 875 थी, जोकि वर्तमान में बढ़कर 948 हो गई है. इसका श्रेय 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को जाता है.

अभियान के तहत ऊना उत्कर्ष योजना में जिला के ऐसे 6 हजार परिवरों को उपायुक्त कार्ड जारी किए गए हैं, जिनके परिवार में केवल बेटियां हैं. ऐसे परिवारों को किसी भी सरकारी कार्यालय में संबंधित काम के लिए संपर्क करने पर प्राथमिकता दी जाती है. एडीसी ने बताया कि ऐसे परिवारों के घर के पास सोलर लाइट्स लगाने का प्रावधान भी किया गया है. साथ ही अब तक 400 सोलर लाइट्स लगाई जा चुकी हैं. एडीसी बताया कि डीसी कार्ड के लिए बचे हुए 60 आवेदनों और सोलर लाइट के लिए 318 आवेदनों पर जल्द ही कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि मेरे गांव की बेटी, मेरी शान योजना के तहत जिला की 167 ग्राम पंचायतों में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों के नाम के फ्लैक्स होर्डिंग्स लगाए गए हैं.

वहीं, आने वाले समय में जिला के शहरी क्षेत्रों और शेष पंचायतों में भी ऐसे पोस्टर स्थापित किए जाएंगे. लोगों में इस अभियान के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान के तहत समस्त विकास खंडों के स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और घरों में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के स्टीकर भी लगाए जा रहे हैं.

एडीसी अरिंदम चौधरी ने कहा कि बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा देने के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव आए. उन्होंने कहा कि आज बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. बेटियां शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, खेलकूद, व्यवसाय इत्यादि क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही हैं.

ये भी पढ़ें : घियारी पुल पर तेज रफ्तार बाइक हुई दुर्घटनाग्रस्त, युवक की मौके पर मौत

ऊना: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शनिवार को ऊना जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त ऊना अरिंदम चौधरी ने की. बैठक में अरिंदम चौधरी ने कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत जिला ऊना में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 5 बेटियों को प्रोफेशनल पाठयक्रमों में निशुल्क कोचिंग दिलवाई जाएगी. इसके अलावा जिला के सभी स्कूलों में करियर परामर्श सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा.

इससे संबंधित पोस्टर लगाए जाएंगे, ताकि छात्रों को भविष्य निर्माण के लिए दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन मिल सके. इसके अलावा स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रही सभी छात्राओं को करियर मार्गदर्शक पोस्टरों का वितरण भी किया जाएगा. एडीसी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार जिला में प्रति एक हजार लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या 875 थी, जोकि वर्तमान में बढ़कर 948 हो गई है. इसका श्रेय 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को जाता है.

अभियान के तहत ऊना उत्कर्ष योजना में जिला के ऐसे 6 हजार परिवरों को उपायुक्त कार्ड जारी किए गए हैं, जिनके परिवार में केवल बेटियां हैं. ऐसे परिवारों को किसी भी सरकारी कार्यालय में संबंधित काम के लिए संपर्क करने पर प्राथमिकता दी जाती है. एडीसी ने बताया कि ऐसे परिवारों के घर के पास सोलर लाइट्स लगाने का प्रावधान भी किया गया है. साथ ही अब तक 400 सोलर लाइट्स लगाई जा चुकी हैं. एडीसी बताया कि डीसी कार्ड के लिए बचे हुए 60 आवेदनों और सोलर लाइट के लिए 318 आवेदनों पर जल्द ही कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि मेरे गांव की बेटी, मेरी शान योजना के तहत जिला की 167 ग्राम पंचायतों में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों के नाम के फ्लैक्स होर्डिंग्स लगाए गए हैं.

वहीं, आने वाले समय में जिला के शहरी क्षेत्रों और शेष पंचायतों में भी ऐसे पोस्टर स्थापित किए जाएंगे. लोगों में इस अभियान के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान के तहत समस्त विकास खंडों के स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और घरों में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के स्टीकर भी लगाए जा रहे हैं.

एडीसी अरिंदम चौधरी ने कहा कि बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा देने के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव आए. उन्होंने कहा कि आज बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. बेटियां शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, खेलकूद, व्यवसाय इत्यादि क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही हैं.

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