ऊना: हरोली उपमंडल के तहत ईसपुर की सहकारी सभा में बड़े स्तर पर गोलमाल का मामला सामने आया है. सभा के खाताधारकों ने बैठक में सभा के सचिव पर करोड़ों रुपए का गोलमाल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि करीब 22 करोड़ रुपए की सभा से 17 करोड़ रुपये के लोन बांट दिए गए हैं. जबकि नियमानुसार इस सभा से मात्र 6 या साढ़े 6 करोड़ रुपए के लोन दिए जा सकते हैं.
खाताधारकों का आरोप है कि सभा के सचिव ने अपने माता-पिता और बहन समेत करीब 5 रिश्तेदारों के नाम पर 90-90 लाख रुपए के लोन ले लिए हैं. उन्होंने कहा कि सभा के सचिव की करीब 500 कनाल भूमि है जो उसकी अपनी खरीद है. उन्होंने कहा कि सभा के सचिव की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके.
पुलिस और प्रशासन से नहीं मिला इंसाफ
आरोप है कि जमा पूंजी वापस मांगते पर सचिव की ओर से लोन अदायगी न होने का बहाना बनाया जाता है. जबकि सोसाइटी के सबसे ज्यादा लोन उसने अपने परिवार में बांट रखे हैं. ऐसे में उनकी जमा पूंजी कैसे वापस मिल सकती है. इंसाफ के लिए पुलिस और प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया गया लेकिन सिर्फ मायूसी हाथ लगी है.
मानहानि की नोटिस
वहीं, कुछ लोगों ऐसे भी सामने आए हैं जिनके नाम पर लोन लिया गया है और उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है. कुछ लोग ऐसे भी हैं रिटायर्ड होने के बाद अपना सारा पैसा सहकारी सभा में जमा करवाया था. लोगों का कहना है कि जब लोगों ने इस मुद्दे को उठाया तो उनको मानहानि की नोटिस देकर इस मामले से पीछे हटने का दबाव बनाया जा रहा है.
ऑडिट के बाद की जाएगी जरूरी कार्रवाई
सरकारी सभा के प्रतिनिधि उमेश कुमार शर्मा का कहना है कि प्रशासन की ओर से भी सभा में अधिकारी आए थे. उन्होंने लोगों की बाते सुनी. इस मामले में सोसाइटी कमेटी के पदाधिकारी एक साथ इकठे नही हैं और कमेटी की तरफ से ही इस मामले में प्रस्ताव पारित सचिव पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव पारित करना होता है, लेकिन ऐसा नही हो रहा है. जल्द ही इस मामले में हम ऑडिट कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.