ऊना: नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आज ऊना में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए धर्मशाला विधानसभा में खालिस्तानी झंडे लगने और उद्योग विभाग द्वारा लैंड सीलिंग को लेकर जारी की नोटिफिकेशन के मुद्दे पर जयराम सरकार को आड़े हाथ लिया. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विधानसभा जैसे स्थान पर इस तरह का घटनाक्रम यह बताने के लिए काफी है कि प्रदेश की सरकार कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुके है. वहीं, लैंड सीलिंग को लेकर उद्योग विभाग द्वारा जारी अधिसूचना पर भी सरकार को जमकर निशाने पर लिया. मुकेश ने कहा कि प्रदेश की सरकार हिमाचल की जमीनों को बेचने का प्रयास कर रही है और भाजपा की सरकारों में ऐसे प्रयास पहले भी हो चुके है.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को ऊना में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला विधानसभा स्थल के बाहर रात के अंधेरे में अगर खालिस्तान के झंडे लगा दिए जाएं तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रदेश में ऐसी घटनाएं तब भी नहीं हुई जब आतंकवाद का दौर था. अब लोग ऐसा दुस्साहस करने लगे और विधानसभा तक पहुंच जाएं तो यह चिंता का विषय है. विदेश में बैठे लोग कभी शिमला में खालिस्तान के झंडों को फहराने की बात कहते हैं तो कभी ऊना में दीवारें पौंत देते हैं, लेकिन सरकार बजाए सबक लेकर सतर्क रहती और नींद से जागी होती तो ऐसा न होता.
मुकेश ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि रात के अंधेरे में असमाजिक तत्व कर गए, लेकिन मुख्यमंत्री यह नहीं जानते कि बात चाहे अंधेरे की हो या दिन के उजाले की दिन हर पल प्रदेश की जनता की सुरक्षा उनकी और सरकार का जिम्मा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को यह बात समझ लेनी चाहिए कि इस पूरे मामले की जिम्मेदारी भाजपा सरकार की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस घटना की निंदा करती हैं और प्रदेश में ऐसी वारदातों को अंजाम देने वाले बच कर नहीं जाने चाहिए.
मुकेश ने कहा कि क्या प्रदेश पुलिस की इस संबंध में कोई भूमिका नहीं है, पुलिस की भूमिका केवल पेपर लीक कराने की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में माफिया दनदना रहा है और उसे पुलिस का संरक्षण है. उन्होंने कहा कि जब से पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से प्रदेश में भी ऐसा हो रहा है. वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार राज्य को बेचने के निरंतर प्रयास कर रही है. अब सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव किए बगैर ही मात्र उद्योग विभाग की एक नोटिफिकेशन जारी कर होटल मालिकों को छूट दे दी. उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की मंशा साफ है वो प्रदेश को बेचना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि यह राजस्व विभाग का मसला है, लेकिन राजस्व विभाग ने इसकी नोटिफिकेशन भी नहीं कि और तो और विधानसभा में बिल पास होकर राष्ट्रपति को जाना था, 68 विधायकों को भी विश्वास में नहीं लिया गया. इस सब को दरकिनार कर एक छोटी सी नोटिफिकेशन कर घोटाला किया जा रहा है.
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