ऊना: नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उन पर कसे गए तंज को लेकर पलटवार किया है. शुक्रवार देर शाम ऊना में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हाल ही में हुए उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष नजर आना बंद हो गए हैं. लेकिन सच्चाई (Mukesh Agnihotri comments on CM Jairam) यह है कि प्रदेश की जनता जानना चाहती है हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री है भी या नहीं.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि खुद भाजपा के नेता जयराम (Himachal assembly election 2022) को मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं है. भाजपा से ही पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल द्वारा शिक्षा निदेशक को लिखी गई चिट्ठी इसका जीता जागता सबूत है. अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत एसएमसी टीचर्स को नियमित करने के संबंध में धूमल द्वारा शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा को (Regularization of SMC teachers Himachal) पत्र लिखा गया था. जबकि नियमानुसार यह चिट्ठी मुख्यमंत्री को लिखी जानी चाहिए.
धूमल द्वारा शिक्षा निदेशक को चिट्ठी लिखने का मतलब साफ है कि धूमल भी जय राम को मुख्यमंत्री मानने से इनकार करते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा का सूपड़ा साफ करके सत्ता में आएगी. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा कर्ज लेकर प्रदेश को चलाने को लेकर दिए गए बयान पर भी पलटवार किया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं. जयराम ठाकुर को विरासत में अंधाधुंध कर्ज लेने की कोई सीख नहीं मिली है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि इतने कर्ज हिमाचल प्रदेश की पूर्व सरकारों ने मिलकर नहीं लिए होंगे, जितना लोन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पिछले 4 साल के दौरान ले चुके हैं. उन्होंने कहा कि खर्चो (Loan on Jairam government)पर नियंत्रण न कर कर्ज पर कर्ज लेकर जयराम सरकार ने प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की कगार पर पहुंचा दिया है.
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