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PAHAL CANTEEN IN UNA: पांच दिव्यांग दिखा रहे समाज को दिशा, सफलतापूर्वक चला रहे 'पहल' कैंटीन - ऊना में दिव्यांग कैंटीन

जिला प्रशासन के सहयोग से मिनी सचिवालय ऊना के परिसर में "पहल" नाम से एक कैंटीन शुरू की गई है जिसका संचालन पांच दिव्यांगों द्वारा (PAHAL CANTEEN IN UNA) किया जा रहा है. कैंटीन में सेवाएं देने वाले सभी दिव्यांग युवकों ने खुद को साबित करके औरों को भी प्रेरणा दी है. यह सभी दिव्यांग युवक दसवीं तक शिक्षित हैं जिसके बाद इन्हें जिला ऊना में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित विकलांग पुर्नवास केंद्र के माध्यम से (Handicapped Rehabilitation Center Una) ट्रेनिंग करवाई गई.

Divyang Canteen Una
पहल कैंटीन ऊना
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Published : Jan 1, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 5:11 PM IST

ऊना: दिव्यांगता के बावजूद हौसलों की उड़ान के सहारे समाज के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत बन चुके ऊना जिला के पांच दिव्यांग आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. साल 2018 में डीसी कार्यालय कैंपस में 5 दिव्यांगों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से शुरू की गई कैंटीन (PAHAL CANTEEN IN UNA) न केवल डीसी कार्यालय, बल्कि आसपास के कई सरकारी कार्यालयों समेत न्यायालय परिसर के लिए भी काफी अहम साबित हो रही है.

एक तरफ जहां यह पांच दिव्यांग इस कैंटीन के (PAHAL CANTEEN IN UNA) बलबूते अपनी और अपने परिजनों की जिंदगी को संवार रहे हैं. वहीं, स्वावलंबन के दम पर नित्य प्रति दिन बढ़ते कदमों से समाज के लिए भी प्रेरणा के बड़े स्त्रोत बनकर उभरे हैं. प्रशासनिक अधिकारी तो छोड़िए खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इन पांचों के हौसले को हस्ताक्षरित शुभकामनाएं देकर प्रोत्साहित कर चुके हैं.

बता दें कि साल 2018 में जिला प्रशासन के सहयोग से मिनी सचिवालय ऊना के परिसर में "पहल" नाम से एक कैंटीन शुरू की गई थी. इस कैंटीन का संचालन पूरी तरह से उन दिव्यांगों को सौंपा गया, जो हिम्मत हार रहे थे. इतना ही नहीं इन दिव्यांगों को चिन्हित कर कुफरी में कैंटीन चलाने के लिए करीब एक माह की विशेष ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग से लौटकर इन दिव्यांगों के लिए फूड कैंटीन में स्वरोजगार देने की व्यवस्था की गई है."पहल" नाम से खोली गई इस कैंटीन में कुल 5 दिव्यांग युवक कार्य कर रहे हैं. यह सभी दिव्यांग युवक दसवीं तक शिक्षित हैं. जिसके बाद इन्हें जिला ऊना में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित विकलांग पुर्नवास केंद्र के माध्यम से ट्रेनिंग करवाई गई. इनमें से किसी को सुनने और बोलने में, किसी को चलने में और किसी को देखने में दिक्कत है.

वीडियो.

कैंटीन में सेवाएं दे रहे युवक स्वाबलंबन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं. इतना ही नहीं वह समाज के अन्य लोगों को भी यह प्रेरणा देते हैं कि बुलंद हौसले के साथ अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास किया जाए तो सब कुछ मुमकिन है. उन्होंने कहा कि वह आज इस कैंटीन के बलबूते न केवल अपना बल्कि अपने परिवार का भी अच्छे से पालन पोषण कर पा रहे हैं.

रोजाना इस कैंटीन से चाय और अन्य खाद्य पदार्थ लेने वाले ग्राहकों का (public feedback on Pahal Canteen) कहना है कि यह युवक बढ़िया तरीके से इस कैंटीन को चला रहे हैं. इससे उन्हें भी अपने कार्यालयों के नजदीक चाय नाश्ते का बढ़िया इंतजाम मिला है. वहीं, कैंटीन में सेवाएं देने वाले युवक गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवा रहे हैं. वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा का कहना है कि (DC Una On Pahal Canteen) जिला सचिवालय परिसर में चल रही यह कैंटीन 3 वर्ष से सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है. कैंटीन में सेवाएं देने वाले सभी दिव्यांग युवकों ने खुद को साबित करने के साथ-साथ अन्य दिव्यांगों को भी एक नई राह दिखाई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि जिला सचिवालय के अतिरिक्त जिला के अन्य प्रमुख स्थलों पर भी इसी तरह से दिव्यांग लोगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें, ताकि इन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें: New Year Fair in Chintpurni: हजारों श्रद्धालुओं ने मां चिंतपूर्णी के दर्शन कर नए साल का किया आगाज

ऊना: दिव्यांगता के बावजूद हौसलों की उड़ान के सहारे समाज के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत बन चुके ऊना जिला के पांच दिव्यांग आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. साल 2018 में डीसी कार्यालय कैंपस में 5 दिव्यांगों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से शुरू की गई कैंटीन (PAHAL CANTEEN IN UNA) न केवल डीसी कार्यालय, बल्कि आसपास के कई सरकारी कार्यालयों समेत न्यायालय परिसर के लिए भी काफी अहम साबित हो रही है.

एक तरफ जहां यह पांच दिव्यांग इस कैंटीन के (PAHAL CANTEEN IN UNA) बलबूते अपनी और अपने परिजनों की जिंदगी को संवार रहे हैं. वहीं, स्वावलंबन के दम पर नित्य प्रति दिन बढ़ते कदमों से समाज के लिए भी प्रेरणा के बड़े स्त्रोत बनकर उभरे हैं. प्रशासनिक अधिकारी तो छोड़िए खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इन पांचों के हौसले को हस्ताक्षरित शुभकामनाएं देकर प्रोत्साहित कर चुके हैं.

बता दें कि साल 2018 में जिला प्रशासन के सहयोग से मिनी सचिवालय ऊना के परिसर में "पहल" नाम से एक कैंटीन शुरू की गई थी. इस कैंटीन का संचालन पूरी तरह से उन दिव्यांगों को सौंपा गया, जो हिम्मत हार रहे थे. इतना ही नहीं इन दिव्यांगों को चिन्हित कर कुफरी में कैंटीन चलाने के लिए करीब एक माह की विशेष ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग से लौटकर इन दिव्यांगों के लिए फूड कैंटीन में स्वरोजगार देने की व्यवस्था की गई है."पहल" नाम से खोली गई इस कैंटीन में कुल 5 दिव्यांग युवक कार्य कर रहे हैं. यह सभी दिव्यांग युवक दसवीं तक शिक्षित हैं. जिसके बाद इन्हें जिला ऊना में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित विकलांग पुर्नवास केंद्र के माध्यम से ट्रेनिंग करवाई गई. इनमें से किसी को सुनने और बोलने में, किसी को चलने में और किसी को देखने में दिक्कत है.

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कैंटीन में सेवाएं दे रहे युवक स्वाबलंबन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं. इतना ही नहीं वह समाज के अन्य लोगों को भी यह प्रेरणा देते हैं कि बुलंद हौसले के साथ अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास किया जाए तो सब कुछ मुमकिन है. उन्होंने कहा कि वह आज इस कैंटीन के बलबूते न केवल अपना बल्कि अपने परिवार का भी अच्छे से पालन पोषण कर पा रहे हैं.

रोजाना इस कैंटीन से चाय और अन्य खाद्य पदार्थ लेने वाले ग्राहकों का (public feedback on Pahal Canteen) कहना है कि यह युवक बढ़िया तरीके से इस कैंटीन को चला रहे हैं. इससे उन्हें भी अपने कार्यालयों के नजदीक चाय नाश्ते का बढ़िया इंतजाम मिला है. वहीं, कैंटीन में सेवाएं देने वाले युवक गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवा रहे हैं. वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा का कहना है कि (DC Una On Pahal Canteen) जिला सचिवालय परिसर में चल रही यह कैंटीन 3 वर्ष से सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है. कैंटीन में सेवाएं देने वाले सभी दिव्यांग युवकों ने खुद को साबित करने के साथ-साथ अन्य दिव्यांगों को भी एक नई राह दिखाई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि जिला सचिवालय के अतिरिक्त जिला के अन्य प्रमुख स्थलों पर भी इसी तरह से दिव्यांग लोगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें, ताकि इन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.

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Last Updated : Jan 1, 2022, 5:11 PM IST
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